योगी सरकार का बड़ा निर्णय, UP के गांवों में युवा लगा सकेंगे फैक्ट्री, ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार

उत्तरप्रदेश के गांवों में युवाओं को रोजगार देने के लिए योगी सरकार ने बड़ी पहल करते हुए कानून में जरूरी फेरबदल किया है। नए निर्णय के तहत अब राज्य में कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि घोषित करने के लिए चारदिवारी की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।

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उत्तरप्रदेश के गांवों में युवाओं को रोजगार देने के लिए योगी सरकार ने बड़ी पहल करते हुए कानून में जरूरी फेरबदल किया है। नए निर्णय के तहत अब राज्य में कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि घोषित करने के लिए चारदिवारी की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। सरकार के इस निर्णय से युवाओं को अब अब गांवों से बाहर नहीं जाना पड़ेगा वरन वे अपने आस-पास ही फैक्ट्री लगाकर न केवल स्वयं आय अर्जित कर सकेंगे वरन दूसरे लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार इस कानून के निरस्त होने से हो उत्तरप्रदेश का औद्योगिकीरण तेजी से होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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उल्लेखनीय है कि अब तक राज्य में सरकारों ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा-80 की उपधारा (2) में कृषि जमीन को गैर कृषि घोषित करने के लिए चहारदिवारी की अनिवार्यता बनाए रखी थी। इसके आधार पर साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन लेने वालों को कृषि की जमीन पर उद्योग लगाने या फिर अन्य व्यवसायिक गतिविधियों के लिए उसका भू-उपयोग परिवर्तन कराने से पहले उस पर चारदिवारी का निर्माण कराना जरूरी होता था। इसके बाद ही उसका भू-उपयोग बदला जाता था। इस कानून के चलते ग्रामीण इलाकों में उद्यम स्थापित करने में निवेशकों को असुविधा हो रही थी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपना उद्यम स्थापित करने में रूचि नहीं ले रहे थे।

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अब नए निर्णय के तहत कानून को निरस्त करते हुए सरकार ने यह शर्त जोड़ दी है कि कृषि जमीन का जिस उपयोग के लिए भू-उपयोग बदला जाएगा वह काम पांच साल के अंदर निवेशक को शुरू करना होगा। राजस्व संहिता संशोधन आदेश जारी होने के बाद छोटे बड़े उद्यमियों को यह सुविधा मिलने लगेगी। सरकार के अनुसार इस निर्णय से MSME सेक्टर को मजबूती मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

इसके साथ ही राज्य सरकार ने 14 जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन के लिए आवेदन मांगे है। सरकार ने बड़े निवेशकों को औद्योगिक इकाई की स्थापना के लिए पारदर्शी तरीके से भूमि आवंटन की ई -प्रणाली पर भी काम शुरू किया है। हाल ही में राज्य सरकार ने औद्योगिकीकरण को बढ़ावा करने के लिए कई निर्णय लिए हैं। इनके तहत MSME सेक्टर में सबसे ज्यादा काम किया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना काल में राज्य में 2,57,348 नए श्रमिकों को इस सेक्टर में रोजगार मिला है। इनमें से बहुत से श्रमिक कोरोना संक्रमण फैलने से पहले दूसरे राज्यों में काम कर रहे थे जो बाद में अपने गृहराज्य में लौट आए।

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