Union Budget 2022: प्राकृतिक खेती को बड़े स्तर पर ले जाने के लिए तैयार किया मॉडल

आज केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने केन्द्रीय बजट 2022 पेश किया। इस बजट में कृषि क्षेत्र को लेकर कई ऐलान किये गए हैं। इन्हीं में से एक है प्राकृतिक खेती। जानिए इसके बारे में।

zero budget natural farming

देश में सरकार प्राकृतिक खेती को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दे रही है। आज केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने केन्द्रीय बजट 2022 पेश किया। इस बजट में कृषि क्षेत्र को लेकर कई ऐलान किये गए हैं। इन्हीं में से एक है प्राकृतिक खेती। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पहले चरण में गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर चौड़े गलियारों में किसानों की भूमि पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे देश में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती (Chemical Free Natural Farming) को बढ़ावा देगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले साल दिसंबर में किसानों को संबोधित करते हुए प्राकृतिक खेती यानी Natural Farming अपनाने की अपील की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि नैचुरल फार्मिंग से सबसे ज़्यादा फ़ायदा देश के 80 फ़ीसदी छोटे किसानों को होगा। इन किसनाओं के पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है। इनमें से अधिकांश किसानों का काफ़ी खर्च केमिकल फर्टिलाइजर पर होता है। साथ ही, खेती की नयी तकनीकों और रासायनिक खाद के अंधाधुंध इस्तेमाल से खेत की उपज क्षमता पर भी असर पड़ता है। धीरे-धीरे ज़मीन बंजर होती जाती है। ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती, किसानों की इन दोनों समस्याओं का हल है। इससे किसानों की उत्पादन लागत कम होगी। कम लागत में ज़्यादा और अच्छी गुणवत्ता की पैदावार मिलेगी। इस वजह से उपज को बाज़ार में अच्छा दाम भी मिलेगा।

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