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आज देश के युवा सिर्फ नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि Job creators भी बन रहा है। 15 जुलाई, विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) के अवसर पर आइए जानते हैं कि कैसे आधुनिक कृषि तकनीक, जैविक खेती, कृषि-उद्यमिता (Agripreneurship) और फूड प्रोसेसिंग (Food Processing) युवाओं के लिए सुनहरा भविष्य बना रहे हैं।
1. आधुनिक कृषि तकनीक: खेती का डिजिटल रूप
पुराने जमाने की हल-बैल वाली खेती अब स्मार्ट फार्मिंग में बदल चुकी है। आज युवा किसान:
- ड्रोन तकनीक से खेतों की निगरानी कर रहे हैं।
- सेंसर-आधारित सिंचाई से पानी की बचत कर रहे हैं।
- हाइड्रोपोनिक्स और एरोपोनिक्स से बिना मिट्टी की खेती कर रहे हैं।
- AI और IoT के जरिए फसलों के रोगों का पता लगा रहे हैं।
क्या आप जानते हैं?
इजराइल जैसे देश, जहां पानी की कमी है, वहां ड्रिप इरिगेशन तकनीक से भरपूर फसलें उगाई जाती हैं। भारत के युवा भी अब इन तकनीकों को अपना रहे हैं।
2. नैचुरल फार्मिंग: स्वास्थ्य और पर्यावरण का साथ
कैमिकलयुक्त खादों और कीटनाशकों से होने वाले नुकसान के बाद अब जैविक खेती का ट्रेंड बढ़ रहा है। युवा किसान:
- गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट और जीवामृत का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- कीट प्रबंधन के लिए नीम के तेल और गौमूत्र का छिड़काव कर रहे हैं।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड से मिट्टी की गुणवत्ता जांच रहे हैं।
सफलता की कहानी:
1. इनोवेटिव किसान योगेश कुमार गन्ने की प्राकृतिक खेती के साथ ही प्रोसेसिंग कर नए उत्पाद बना रहे हैं और बेहतर मुनाफ़ा कमा रहे हैं।
Success Story – गन्ने की प्राकृतिक खेती के साथ ही प्रोसेसिंग से अच्छी कमाई कर रहे हैं प्रगतिशील किसान योगश कुमार, जानिए उनका सक्सेस मंत्र
2. डोंडुबाई चव्हाण ने एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर ने खेती की तस्वीर बदली है। उन्हें कम ज़मीन पर ही लाखों की कमाई हो रही है। साथ ही कई सम्मान से भी नवाज़ा जा चुका है।
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3. कृषि-उद्यमिता: खेती से करोड़पति बनने का रास्ता
अब खेती सिर्फ अनाज उगाने तक सीमित नहीं है। युवा एग्री-स्टार्टअप शुरू करके नए आयाम बना रहे हैं:
- मशरूम, ड्रैगन फ्रूट और औषधीय पौधों की खेती करके लाखों कमा रहे हैं।
- ऑनलाइन मार्केटिंग से सीधे ग्राहकों तक उपज पहुंचा रहे हैं।
- हनी बी-कीपिंग, फ्लोरीकल्चर और हर्बल प्रोडक्ट्स जैसे नए बिजनेस मॉडल अपना रहे हैं।
प्रेरणा:
1. सॉफ्टवेयर इंजीनियर असीम रावत ने देसी गौपालन से ही करोड़ों का उद्योग स्थापित कर दिया है, जहां आज 1100 से अधिक गाय हैं और 100 से अधिक लोग नौकरी कर रहे हैं।
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2. पिनाकी परीमिता Fishlikes नाम की एक मछली उत्पाद कंपनी की मुखिया हैं। वो दर्जनों ग्रामीण महिलाओं की प्रेरणा हैं। उन्होंने Value-added Fish Products यानी मछली से बने प्रोसेस्ड और इनोवेटिव उत्पादों के जरिए न केवल स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग किया, बल्कि गांव की कई महिलाओं को रोज़गार भी दिया।
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4. फूड प्रोसेसिंग: कच्चे माल को बनाएं ब्रांडेड प्रोडक्ट
भारत में फल-सब्जियों की बर्बादी एक बड़ी समस्या है, लेकिन फूड प्रोसेसिंग इसे अवसर में बदल रहा है। युवा:
- आम, टमाटर, अदरक जैसी फसलों से जैम, सॉस, अचार बना रहे हैं।
- बेकरी और स्नैक्स बनाकर बाजार में बेच रहे हैं।
- ऑर्गेनिक और मिलेट्स (बाजरा, रागी) प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ा रहे हैं।
सरकारी मदद:
PM फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (PMFME) योजना के तहत युवाओं को सब्सिडी और ट्रेनिंग दी जा रही है।
युवाओं के हाथ में है कृषि का भविष्य
विश्व युवा कौशल दिवस पर हमें यह समझना होगा कि कृषि अब पिछड़ेपन की नहीं, बल्कि समृद्धि की निशानी है। आधुनिक तकनीक, जैविक खेती, उद्यमिता और प्रसंस्करण के जरिए युवा खेत को फैक्ट्री और किसान को ब्रांड मालिक बना सकते हैं।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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