टेक्नोलॉजी

प्रमाणित बीज उत्पादन
टेक्नोलॉजी, न्यूज़, बीज उत्पादन

Certified Seed Production: प्रमाणित बीज उत्पादन से गुणवत्ता भी अच्छी और उत्पादन भी बेहतर

आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी ‘जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे।’ खेती के संदर्भ में ये बाद बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि आप जैसा बीज बोएंगे वैसी ही फसल प्राप्त होगी, इसलिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीज का होना बहुत ज़रूरी है। बीज उत्पादन बेहतर होगा तो फसल अच्छी होगी।

जड़-गांठ सूत्रकृमि
न्यूज़, फसल प्रबंधन

पॉलीहाउस फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं जड़-गांठ सूत्रकृमि, जानिए बचाव के तरीके

सूत्रकृमि कई तरह के होते हैं और ये बहुत सी फसलों को रोगग्रस्त करके नुकसान पहुंचाते हैं। पॉलीहाउस की फसलें भी इससे अछूती नहीं है। सूत्रकृमि के साथ समस्या ये है कि किसान जल्दी इसकी पहचान नहीं कर पाते जिससे जड़-गांठ सूत्रकृमि की रोकथाम मुश्किल हो जाती है।

मूंगफली की फसल
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मूंगफली की फसल के अच्छे उत्पादन के लिए ज़रूरी है समेकित कीट प्रबंधन

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मूंगफली उत्पादक देश है, लेकिन हर साल कीटों की वजह से फसलों को भारी नुकसान पहुंचता है और किसानों का मुनाफ़ा कम हो जाता है। ऐसे में समेकित कीट प्रबंधन से फसलों के नुकसान को रोका जा सकता है।

संतुलित आहार से बढ़ेगी दूध की गुणवत्ता, इसके लिए ICAR ने विकसित किया फ़ीड पूरक
पशुपालन, टेक्नोलॉजी, डेयरी फ़ार्मिंग, न्यूज़, पशुपालन तकनीक

संतुलित आहार से बढ़ेगी दूध की गुणवत्ता, इसके लिए ICAR ने विकसित किया फ़ीड पूरक

डेयरी उद्योग में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुओं की सेहत का ख्याल रखने के साथ ही उनके आहार का विशेष ध्यान रखना ज़रूरी है, क्योंकि ये न सिर्फ़ दूध की मात्रा, बल्कि दूध की गुणवत्ता भी निर्धारित करता है।

प्रकाश प्रदूषण का असर खेती पर
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Light Pollution: प्रकाश प्रदूषण भारत में कृषि को कैसे प्रभावित कर रहा है? क्या नुकसान और क्या हो बचाव?

ये तो अब वैज्ञानिक रूप से भी साबित हो चुका है कि प्रकाश प्रदूषण पौधों के चक्र में बाधा पैदा करता है। परागण और कृषि पर गलत प्रभाव डालता है। कैसे इसके प्रभाव को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। पढ़िए इस लेख में।

ऑटोमैटिक सोलर लाइट ट्रैप automatic solar light trap
कृषि उपकरण, जैविक खेती, जैविक/प्राकृतिक खेती, टेक्नोलॉजी, न्यूज़, वीडियो

ऑटोमैटिक सोलर लाइट ट्रैप: कैसे कीटों से करे फसलों का बचाव? जानिए क्या रहता है दाम

उत्तराखंड में किसान और कंपनियां मिलकर जैविक खेती या नेचुरल खेती को प्रमोट कर रही हैं। ऐसे में कंपनियों की ओर से कई ऐसे Agri-Equipment बनाए जा रहे हैं, जो किसानों की मदद करेंगे और फसलों को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। ऐसा ही एक Agri-Equipment है ऑटोमैटिक सोलर लाइट ट्रैप।

प्लास्टिक मल्चिंग तकनीक (Plastic mulching)
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Capsicum In Polyhouse: पॉलीहाउस में शिमला मिर्च उगाई, प्लास्टिक मल्चिंग तकनीक का इस्तेमाल

खुले खेत की बजाय पॉलीहाउस में शिमला मिर्च और खीरे जैसी सब्ज़ियां उगाना किसानों के लिए फ़ायदेमंद साबित होता है, क्योंकि इसमें फसल पर मौसम की मार नहीं पड़ती। मध्यप्रदेश के किसान नेपाल सिंह परिहार पॉलीहाउस में खीरा और शिमला मिर्च की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं।

खरीफ़ फसलों में खरपतवार नियंत्रण weed management in kharif crops
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Weed Management: खरीफ़ फसलों में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें? जानिए ICAR द्वारा सुझाए गए तरीके

खरपतवार वो अनचाहे पौधे होते हैं जो फसलों के बीच अपने आप उग आते हैं। इनकी वजह से फसलों को हानि हो सकती है। इसलिए इनका उचित प्रबंधन ज़रूरी है, वरना किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। जानिए खरपतवार नियंत्रण के कुछ तरीके।

डेयरी व्यवसाय dairy farming
डेयरी फ़ार्मिंग, न्यूज़, पशुपालन तकनीक

Dairy Farming: टीचर की नौकरी छोड़कर शुरू किया डेयरी व्यवसाय, जानिए कैसे छोटे स्तर पर आप भी खोल सकते हैं डेयरी

पंजाब के रूपनगर की रहने वाली गुरविंदर सिंह ने अपने बलबूते पर डेयरी व्यवसाय का कारोबार खड़ा किया है। वो हमेशा से कुछ अपना करना चाहती थीं। उन्होंने छोटे स्तर से ही डेयरी सेक्टर में कदम रखा।

क्या है सीड नैनो प्राइमिंग 2
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Seed Nano-Priming: क्या है सीड नैनो प्राइमिंग? कैसे फसलों का उत्पादन बढ़ाने में मददगार??

बढ़ती आबादी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अधिक फसल उत्पादन की ज़रूरत है और इसके लिए खेती में लगातार नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसी ही एक बहुत ही उपयोगी तकनीक है सीड नैनो प्राइमिंग।

धान की सीधी बुआई तकनीक का आसान मतलब है कम लागत में अधिक उत्पादन
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Seed drill farming of paddy: धान की सीधी बुआई तकनीक का आसान मतलब है कम लागत में अधिक उत्पादन

धान की सीधी बुआई तकनीक से 20 प्रतिशत सिंचाई और श्रम की बचत होती है। यानी, कम लागत में धान की ज़्यादा पैदावार और अधिक कमाई। इस तकनीक से मिट्टी की सेहत में भी सुधार होता है, क्योंकि पिछली फसल का अवशेष वापस खेत में ही पहुँचकर उसमें मौजूद कार्बनिक तत्वों की मात्रा में इज़ाफ़ा करता है। इस तकनीक से धान की फसल भी 10 से 15 दिन पहले ही पककर तैयार हो जाती है। खरीफ मौसम में धान की सीधी बुआई को मॉनसून के दस्तक देने से 10-12 दिन पहले करना बहुत उपयोगी साबित होता है।

मानसून में मवेशियों की सही देखभाल
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मानसून में मवेशियों की सही देखभाल है ज़रूरी, क्या हैं खतरे और जानिए बचाव के तरीके

बरसात का मौसम सिर्फ़ इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि मवेशियों के लिए भी कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। इसलिए पशुपालकों को इस मौसम में पशुओं की खास देखभाल की ज़रूरत होती है, वरना पशुओं की मौत भी हो सकती है।

बीज अंकुरण परीक्षण Seed Germination Test
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बीज अंकुरण परीक्षण (Seed Germination Test): खेती की कमाई बढ़ाने के लिए बुआई से पहले ज़रूर करें टेस्टिंग

किसानों को बीज अंकुरण परीक्षण के बारे में बारीक़ बातों को ज़रूर समझना चाहिए क्योंकि यदि किसानों को सही वक़्त पर बीजों की गुणवत्ता का भरोसा नहीं मिला तो खेती में लगने वाला सारा धन-श्रम आख़िरकार घाटे का सौदा बन जाता है। बीजों की अंकुरण क्षमता की सही जानकारी होने से बुआई के समय बीजों की सही दर को तय करना आसान होता है।

बीज उत्पादन seed production
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Seed Production: बीज उत्पादन का ऐसा मॉडल कि खरीदारी की समस्या भी हुई हल, कृषि विज्ञान केन्द्र ने की पहल

बीज अच्छा होगा तो फसल भी अच्छी होगी। कई बार किसानों को समय पर उन्नत बीज न मिलने की वजह से नुकसान झेलना पड़ता है। बीजों की उपलब्धता बनी रहे इसके लिए हिरेहल्ली के कृषि विज्ञान केन्द्र ने सहभागी बीज उत्पादन (Participatory Seed Production) के ज़रिए इस समस्या का हल निकाला।

खरपतवारों की रोकथाम weed management in kharif crops
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खरीफ़ फसलों में लगने वाले खरपतवारों की रोकथाम कैसे करें? जानिए कृषि विशेषज्ञ डॉ. संदीप कुमार सिंह से

गाजर घास, धतुरा जैसे कुछ ज़हरीले खरपतवार न केवल फसल उत्पादन की गुणवत्ता को कम करते हैं, बल्कि मनुष्यों और पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा उत्पन्न करते हैं। इसलिए इनके प्रबंधन पर किसानों को विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है। खरपतवारों की रोकथाम कैसे करें किसान, इसपर मध्य प्रदेश स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र बुराहनपुर के प्रमुख और एग्रोनॉमी के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. संदीप कुमार सिंह से खास बातचीत की।

घोड़ा पालन
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Horse Rearing: घोड़ा पालन में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल, ये है देश की पहली Private Equine Semen Laboratory

अच्छी नस्ल के घोड़ों की चाह हर घोड़ा पालक को होती है। मगर प्राकृतिक गर्भाधान में ये संभव नहीं हो पाता। इसलिए आजकल वैज्ञानिकों ने घोड़ियों को कृत्रिम तरीक से गर्भाधान की तकनीक विकसित कर ली है। मगर इस काम के लिए अच्छी क्वालिटी के स्टैलियन स्पर्म की ज़रूरत होगी, जिसे पूरा करने के लिए पुणे में एक प्राइवेट इक्वाइन सीमेन लैब (Equine Semen Laboratory) बनाया गया है। जानिए घोड़ा पालन से जुड़ी इस तकनीक के बारे में।

पेन कल्चर तकनीक
पशुपालन, न्यूज़, मछली पालन, मछली पालन तकनीक

पेन कल्चर तकनीक अपनाकर कैसे उन्नत मछली पालन कर रहे मणिपुर के ये आदिवासी मछुआरे

मणिपुर की जनजातीय आबादी की आजीविका का मुख्य स्रोत खेती और मछली पालन है। मछली उनका मुख्य भोजन भी है। मगर राज्य की आबादी की जरूरतें अपने जल स्रोतों से पूरी नहीं हो पाती थी जिस कारण दूसरे राज्यों से मछली मंगानी पड़ती थी, मगर पेन कल्चर तकनीक अपनाने के बाद न सिर्फ़ आदिवासियों की आजीविका में सुधार हुआ, बल्कि मछली का उत्पादन भी बढ़ा।

सजावटी झींगा पालन
मछली पालन तकनीक, न्यूज़

सजावटी झींगा पालन (Ornamental Prawn Cultivation) से आत्मनिर्भर बन रहीं लक्षद्वीप (Lakshadweep) की महिलाएं

बिखरे हुए द्वीपों वाले लक्षद्वीप में मछली पालन के अलावा, ख़ास तौर पर महिलाओं के लिए, वैकल्पिक आय का कोई स्रोत नहीं था। अब ICAR-NBFGR ने सजावटी झींगा पालन के रूप में उन्हें आजीविका का नया साधन दिया है।

Liquid Nanoclay Technology
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Liquid Nanoclay Technology: कैसे लिक्विड नैनोक्ले तकनीक रेतिली ज़मीन को बना रही उपजाऊ?

कृषि के क्षेत्र में हर दिन नए प्रयोग हो रहे हैं। इन्हीं प्रयोगों में से एक है नैनोक्ले तकनीक, जिसकी बदौलत रेगिस्तान में भी रसीले फल व सब्ज़ियां उगाई जा सकती हैं। इस तकनीक का सफल प्रयोग यूएई में हो चुका है।

सब्जियों की नर्सरी vegetable nursery
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Vegetable Nursery: सब्जियों की नर्सरी में इनोवेटिव तकनीक का इस्तेमाल, मणिपुर के इस युवा ने ईज़ाद किया तरीका

सब्जियों के बीज बहुत नाज़ुक होते हैं और उन्हें अधिक देखभाल की ज़रूरत होती है। इसलिए अधिकांश सब्जियों की पौध पहले नर्सरी में तैयार की जाती है, फिर खेत में उन्हें लगाया जाता है। मणिपुर के एक किसान ने नर्सरी में गुणवत्तापूर्ण सब्जियोंकी पौध तैयार करने के लिए एक नई तकनीक ईज़ाद की है, जिससे उनका मुनाफा बढ़ गया। सब्जियों की नर्सरी में कैसे ये तकनीक कारगर हो सकती है, जानिए इस लेख में।

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