Polyhouse Farming: पॉलीहाउस में शिमला मिर्च की खेती, कैसे हो नुकसान कम और कमाई ज़्यादा?
शिमला मिर्च की खेती और उसकी मांग लगातार बढ़ रही है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इसका […]
अपने खेतों में स्वाद से भरपूर फल, फूल और सब्जियों की खेती करने के लिए विशेषज्ञ सुझाव और तकनीकें।
शिमला मिर्च की खेती और उसकी मांग लगातार बढ़ रही है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इसका […]
ये आलू की खुदाई का मौसम है। वैसे हमारे देश के कई इलाकों में तो पूरे साल आलू की पैदावार होती है। यदि आप भी आलू की खेती कर रहे हैं और इससे अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं, तो आलू की कुछ खास किस्मों की खेती करें जिसमें पैदावर अधिक होती है।
जब शहरों में लोग अपने शौक से थोड़ा आगे बढ़कर घर की छत, बालकनी, कम्यूनिटी गार्डन और घर के नीचे की जगह या घर के अंदर की खाली जगह में वर्टिकल गार्डन बनाकर खेती करने लगते हैं, तो इसे ही शहरी खेती कहा जाता है।
फूलों की सुंदरता भला किसे आकर्षित नहीं करती, मगर हर कोई इसे घर में उगा नहीं पाता है। क्योंकि इसमें मेहनत लगती है, मगर झांसी के अनिल शर्मा ने अपने शौक को पूरा करने के लिए एक दो नहीं, बल्कि छत पर 700 गमले लगाए हुए हैं। जानिए उनसे गुलाब की किस्मों से लेकर Terrace Gardening के टिप्स।
भारत में उच्च उपज वाली टमाटर की किस्मों (High Yield Tomato Varieties In India) की खेती से किसान अच्छा लाभ ले सकते हैं। कृषि वैज्ञानिकों की ओर से ऐसी कई किस्में तैयार की गई हैं। पढ़िए ऐसी ही किस्मों में से उन 10 हाइब्रिड टमाटर की किस्मों के बारे में जो टमाटर की अच्छी उपज देने के लिए जानी जाती है।
मक्के की फसल की खेती रबी, खरीफ़ और जायद सीज़न में आराम से की जा सकती है, लेकिन खरीफ़ के मौसम में मक्के की फसल बारिश पर निर्भर करती है। मक्के की फसल 3 महीने का वक्त लेती है।
इलायची को मसालों की रानी भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी खुशबू बहुत अच्छी होती है और बाज़ार में महंगी भी बिकती है। इसलिए इलायची की उन्नत खेती किसानों को अच्छा मुनाफ़ा दे सकती है। साथ ही इस लेख में जानिए कैसे इलायची का पौधा (Elaichi Plant) तैयार किया जाता है।
जायद की फसल के लिए 6 से 7 घंटे की सूरज की रोशनी की ज़रुरत पड़ती है। जायद की फसल में सब्जियों का उत्पादन लेने के लिए किसानों को लोम मिट्टी (दोमट मिट्टी) का इस्तेमाल करना चाहिए। जानिए कृषि विशेषज्ञ डॉ. विशुद्धानंद से जायद फसलों के बारे में विस्तार से जानकारी।
यहां हम बाज़ार में मौजूद सरसों के बीजों की किस्मों (Varieties Of Mustard) के बारे में जानेंगे और ये भी समझेंगे कि सही किस्म को चुनते हुए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
पूरी दुनिया भारतीय मसालों की खुशबू की दीवानी है। स्वाद और खुशबू बढ़ाने वाले इन मसालों में औषधीय गुण भी होते हैं। मसालों की मांग लगातार बढ़ रही है, इसलिए सरकार भी किसानों को मसालों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
अगर आप मशरूम की खेती के लिए एक बिज़नेस प्लान के साथ काम करें तो आप इस मार्केट में अपनी पकड़ रख सकते हैं। इस लेख में हम मशरूम उगाने के बिजनेस प्लान मॉडल (Mushroom Farming Business Plan) की ज़रूरी डीटेल्स शेयर कर रहे हैं।
चित्तौड़गढ़ के आशीष ने बताया कि उन्होंने 2014 से नर्सरी की शुरुआत की थी। इस नर्सरी में अमरूद की उन्नत किस्मों पर काम करते हैं। अमरुद आज वर्तमान स्थिति में सबसे ज़्यादा बिकने वाला फल है। अमरूद की खेती किसी भी क्षेत्र में की जा सकती है। जानिए अमरूद की खेती से जुड़ी अहम बातों के बारे में।
पारंपरिक फसलों की तुलना में औषधीय गुणों वाले पौधों की खेती ज़्यादा मुनाफ़ा देती है। ऐसी ही है गुलखैरा फूल की खेती। यही नहीं इससे मिट्टी भी अधिक उपजाऊ बनती है। यही वजह है कि धीरे-धीरे किसानों की रुचि ऐसे पौधों की खेती में बढ़ी है। औषधीय गुणों वाला पौधा गुलखैरा उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर उगाया जा रहा है। जानिए गुलखैरा फूल की खेती के बारे में।
केसर दुनिया का सबसे महंगा मसाला है। ये क्रॉसिंग के ज़रिए बीज बनाने में असमर्थ होता है, इसलिए केसर को क्रोम के माध्यम से तैयार करते हैं। इसके अंकुरण के बाद इसमें लाल और नारंगी रंग के स्टिग्मा से बैंगनी रंग के फूल निकलते हैं। केसर की खेती और इसके मार्केट से जुड़ी अहम बातें जानिए इस लेख में।
मशरूम की खेती के लिए पहाड़ी इलाकों का मौसम उपयुक्त होता है, मगर कई जगहों पर किसानों को मशरूम उत्पादन की तकनीक नहीं पता है। ऐसे में उत्तराखंड का उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, जागरुकता फैलाने के साथ ही किसानों को प्रशिक्षण भी दे रहा है।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर ज़िले के रहने वाले गणेश दत्त लहसुन की खेती कर रहे हैं। गणेश पिछले 10 साल से लहसुन की खेती कर रहे हैं। खर्चा लगभग 25 हज़ार के आस-पास आ जाता है। लहसुन की खेती में दो बीघा में 2 लाख रुपये का मुनाफ़ा मिल जाता है। इसके साथ ही वो सब्जियों फलों और गेहूं की खेती कर रहे हैं।
NECTAR ने राज्य सरकार विभागों के सहयोग से पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिज़ोरम और सिक्किम में केसर की खेती के लिए उपयुक्त जगहों की पहचान की है। NECTAR की केसर खेती परियोजना के परिणामस्वरूप, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के कुल 64 किसान अब इस परियोजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में 36 तरह की अलग-अलग भाजियां पाई जाती हैं, जो स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी अच्छी हैं। इन सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर होती है। राज्य में बस्तर के जंगलों, दुर्ग की बाड़ियों, रायपुर के फ़ार्म्स, कवर्धा की घाटियां, अलग-अलग ज़िलों में अनेक किस्म की भाजियां उगाई जाती हैं।
रवि शर्मा ने अपने गांव आने के बाद फूलों की खेती को चुना। इसमें उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाया हुआ है। वो पॉलीहाउस में फूलों की खेती करते हैं।
रमेश गेरा ने अपनी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई 1980 में NIT कुरुक्षेत्र से की। इसके साथ ही रमेश ने कई मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब भी की। नौकरी के दौरान बाहर के देशों में उन्हें कृषि के नए-नए तरीके देखने को मिले। वहां से तकनीक देखकर भारत में केसर की खेती चालू की।