उत्तराखंड के किसान अम्बा दत्त पांडे छोड़ने वाले थे खेती, LDPE के इस्तेमाल से बढ़ाया रकबा और दूर हुई समस्या

उत्तराखंड के किसान अम्बा दत्त पांडे खेती में होते नुकसान की वजह से उम्मीद छोड़ चुके थे, लेकिन एक अधिकारी से मुलाकात के बाद उन्हें उन्नत तकनीकों और अपनी एक बड़ी समस्या का समाधान मिला।

उत्तराखंड के किसान Uttarakhand farmer

उत्तराखंड के किसान अम्बा दत्त पांडे पानी की किल्लत से बुरी तरह प्रभावित थे। अल्मोड़ा के रहने वाले अम्बा दत्त पांडे के लिए खेती करना दूभर हो रहा था। पानी की उपलब्धता न होने की वजह से फसलों का रकबा घटता जा रहा था। 0.2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए भी उनके पास सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं थे। खेती में होते लगातार नुकसान से वो चिंतित थे। खेती छोड़ने का विचार तक उनके मन में आया।इस बीच उन्हें पता चला कि विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के एक अधिकारी उनके गांव भगरतोला का दौरा करने आ रहे हैं। 

पानी की किल्लत थी सबसे बड़ी समस्या 

अम्बा दत्त पांडे ने अपनी समस्या के बारे में अधिकारी को बताया। इसके बाद अधिकारी ने प्रभावी इलाके का दौरा किया। उन्होंने अम्बा दत्त के खेत के पास में ही  प्राकृतिक बारहमासी झरने देखे। यानी कि ऐसे झरने जिसमें साल के 12 महीने पानी रहता है। बस फिर क्या, अधिकारी ने इस जल का उपयोग करने की प्रणाली उन्हें बताई। लो डेंसिटी पोलीथाईलीन (Low-density polyethylene -LDPE) से बनी टंकियों में इन झरनों से पानी का संचयन सिंचाई की समस्याओं को दूर करेगा। इस तरह से अम्बा दत्त पांडे को लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन मिल गया।

उत्तराखंड के किसान Uttarakhand farmer
सांकेतिक तस्वीर (तस्वीर साभार: himcoste)

उत्तराखंड के किसान अम्बा दत्त पांडे छोड़ने वाले थे खेती, LDPE के इस्तेमाल से बढ़ाया रकबा और दूर हुई समस्याचार पॉलीहाउस और फसल चक्र अपनाया

अम्बा दत्त ने को इस तकनीक के सफल परिणाम भी मिले। बेमौसमी सब्जियों की खेती के लिए उन्होंने चार पॉलीहाउस का निर्माण करवाया। मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और रोग-कीटों से फसल के बचाव के लिए फसल चक्र अपनाया। इन सब चीज़ों को लेकर उन्हें ट्रेनिंग के साथ-साथ फंडिंग भी दी गई। इससे उनका मनोबल बढ़ा और आज वो अपने क्षेत्र के एक सफल किसान हैं। 

उत्तराखंड के किसान Uttarakhand farmer
तस्वीर साभार: Department of Agriculture & Cooperation and Farmers Welfare

50 हज़ार लीटर पानी उपलब्ध

अम्बा दत्त के लिए ये एक नए सफर की शुरुआत थी। LDPE टैंकों में वॉटर हार्वेस्टिंग के ज़रिए 50 हज़ार लीटर पानी उपलब्ध हुआ। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से बैंकों से ऋण की सुविधा लेनी शुरू की। आसपास के शहरों में सब्जियों के क्या दाम है, इसकी जानकारी जुटाते हैं ताकि अपनी फसल का सही मूल्य तय कर सकें। 

उत्तराखंड के किसान Uttarakhand farmer
तस्वीर साभार: Department of Agriculture & Cooperation and Farmers Welfare

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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