देश के अलग-अलग हिस्सों में ज़बरदस्त बारिश हो रही है। वहीं कुछ राज्यों में बारिश की कमी के कारण मौजूदा खरीफ़ सीजन में धान की बुवाई कम होने का अनुमान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में जुलाई माह में बहुत से ज़िलों में बारिश नहीं होने के कारण धान की खेती काफ़ी प्रभावित हुई। किसानों को हो रहे इस नुकसान से बचाव के लिए ICAR के संस्थान एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट कानपुर (अटारी) के डायरेक्टर डॉ. यूएस गौतम ने कुछ सुझाव दिए हैं।
डॉ. यूएस गौतम ने कहा कि कम बारिश के चलते किसान खरीफ़ फसलों की खेती में पिछ़ड़ गए हैं। ऐसी परिस्थिति में कौन सी फसलों की खेती करनी चाहिए, खड़ी फसल में क्या-क्या कार्यो पर ध्यान देना चाहिए, जिससे कि किसानों को ज़्यादा से ज़्यादा नुकसान की भरपाई हो, इसको लेकर उन्होंने सुझाव दिए।
उन्होंने बताया कि किसानों को मौसम की परिस्थिति के आईसीएआर के दिए सुझाव के अनुसार, आकस्मिक फसल योजना यानी कि Contingency Cropping Plan के हिसाब से काम करना चाहिए।
धान की 15 अगस्त तक रोपाई का कार्य पूरा करें किसान
डॉ. यूएस गौतम ने कहा कि जिन क्षेत्रों में बारिश की कमी के कारण खरीफ़ फसलों की बुवाई नहीं हो पाई है, उस क्षेत्र के किसान कम अवधि या काफ़ी कम अवधि वाली धान की किस्मों का चुनाव करें। 15 अगस्त तक रोपाई का कार्य पूरा कर लें। इसके एनडीआर 118 जैसी छोटी अवधि की किस्मों का इस्तेमाल करें। 21 दिन पुरानी नर्सरी या 12 दिन पुरानी एसआरआई विधि से रोपाई करें। वर्षा सिंचित क्षेत्र में पारंपरिक रोपाई पर डायरेक्ट सीड राइस तकनीक (डीएसआर) से बुवाई करें या धान की सीधी बुवाई के लिए ड्रम सीडर का उपयोग करें।
कम पानी खपत वाली फसलों की बुवाई करें किसान
इसके अलावा, कानपूर अटारी के डायरेक्टर डॉ. गौतम ने बताया कि धान की जगह वैकल्पिक फसलें, जैसे कि बाजरा, मक्का, तिल, उड़द की बुवाई की जानी चाहिए। खेतों में नमी संरक्षण संरक्षण के उपाय जैसे खेत की मेड़, मेड़ और कूंड, संरक्षण कूंड, चौड़ी क्यारी और कूंड प्रणाली, मल्चिंग का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि असिंचित क्षेत्रों में पशुओं के चारे के लिए बाजरा, ग्वार और लोबिया को उगाएं।
फसलों को बचाने के लिए युरिया के घोल का छिडकाव करें
डॉ. यूएस गौतम ने सूखाग्रस्त क्षेत्रों के किसानों को सुझाव दिया कि खेतो में लगी फसलों के लिए एक से तीन फ़ीसदी यूरिया 0,5 जिंक सल्फेट के साथ या उसके साथ डीएपी, दो प्रतिशत 13:0:45 या दो प्रतिशत 19:19:19 घोल का पर्णीय छिड़काव रुक-रुक कर सुखे के दौरान और बारिश के तुरंत बाद फसलों को फिर से जीवंत करने के लिए करना चाहिए।
खेत में फसलों की नमी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए जैविक खाद का उपयोग करें। फसलों को बचाने के लिए जीवन रक्षक सिंचाई करें। अगर संभव हो तो स्प्रिंकलर या ड्रिप प्रणाली के माध्यम से सिंचाई करें।
डॉ. गौतम आगे बताते हैं कि किसानों को मौसम आधारित बीमा सहित फसल बीमा सुविधा का लाभ उठाना चाहिए, जिससे क्षति की भरपाई हो सके। उन्होनें कहा कि किसानों को अपने एरिया के क्षेत्र के लिए उपलब्ध कृषि मौसम परामर्श का पालन करना चाहिए। डायेरक्टर अटारी कानपुर ने ये भी सुझाव दिया कि किसानों को इस परिस्थिति में क्षेत्र के लिए अनुशंसित मध्यम और कम सूखा सहिष्णु किस्मों की बुवाई करनी चाहिए।
आईसीएआर द्वारा सुझाई गई किस्मों का करें चुनाव
उन्होंने कहा कि किसान अपने क्षेत्र के अनुसार, धान की प्रजाति: पीआर-113, बरनी दीप, सीएसआर-36, सहभागी, आईआर-64, सुशाक सम्राट, नरेंद्र उसर-3, स्वर्ण उप-1, एनडीआर उसर-2008, एनडीआर-97, सरजू-52 का चुनाव करना चाहिए। वहीं ज्वार में जेकेएसएच-22, तथा बाजरा की प्रजाति 9444, एमपी-7792, 86एम86, बायो-448, एलकेबीएच-676, जेकेबीएच-26, कावेरी सुपर बॉस, और मक्का की डीकेसी-7074, 900 एम गोल्ड, डिकल्व डबल, जेकेएमएच-502, प्रजातियों का चुनाव करना चाहिए।
वहीं किसानों को दलहनी फसलों के लिए उड़द की प्रजाति पंत-31, पंत-40, शेखर-3, आजाद-3, पीयू-35, प्रसाद, आईपीयू 02-43, टी-9 मूंगकी आईपीएम 02-14, आईपीएम 02-3, पंत-5, एचयूएम-1, एचयूएम-12,एचयूएम-16, मेहा, पीडीएम-139, एसएमएल-668अरहर की प्रजाति बहार, एनडीआर-अरहर-2, एमए-13, एमए-6, यूपीएएस-120, एनडीआर-अरहर-1, यूपीएएस-10, एएल-201, पारस, आईसीपीएल-87 का चुनाव करना चाहिए।
तिलहनी फसलों में सोयाबीन की प्रजाति एसएल-525, डीएस 97-12, पीएस 1347, डीएस 98-14, पीएस-1225, एसएल-668, बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए अहिल्या-4, प्रतिष्ठा, जेएस 93-05, मौस-81, जेएस 97-52 वही मूंगफली की प्रजाति राज मुंगफली-1, प्रकाश, जीजी-14, जीजी-21, जीजी 37ए, उत्कर्ष, एचएनजी-123, टीपीजी-41, विज्कास, मल्लिका और तिल की प्रजाति टी-78, शेखर, आरटी-346, जेटीएस-8, तरुण, जवाहर तिल-11, आरटी-346 का चुनाव करना चाहिए। इन फसलों और प्रजातियों को खेती करके पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित राज्य के अन्य भाग के किसान इनकी खेती करके कम बारिश से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

ये भी पढ़ें:
- Fake And Substandard Fertilizers : नकली और घटिया खाद के धोखे को रोकने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम, अब होगी सख्त कार्रवाईकेंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture and Farmers Welfare Minister Shivraj Singh Chouhan) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर नकली और घटिया गुणवत्ता वाली खाद (Fake and poor quality fertilizers) की बिक्री पर तुरंत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
- The Poultry Expo 2025 का इंडिया एक्सपो मार्ट, ग्रेटर नोएडा में 21 से 23 अगस्त तक होने जा रहा है आयोजनThe Poultry Expo 2025 ग्रेटर नोएडा में होगा भारत का सबसे बड़ा पोल्ट्री एक्सपो, जहां इनोवेशन, नेटवर्किंग और मार्केट की अपार संभावनाएं मिलेंगी।
- World Youth Skills Day: देश के युवा आधुनिक कृषि तकनीक, जैविक खेती के साथ कृषि क्रांति में भर रहे नई उड़ान15 जुलाई, विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) के अवसर पर आइए जानते हैं कि कैसे देश के युवा आधुनिक कृषि तकनीक, जैविक खेती, कृषि-उद्यमिता (Agripreneurship) और फूड प्रोसेसिंग (Food Processing सुनहरा भविष्य बना रहे हैं।
- Ornamental Fish Rearing: सजावटी मछली पालन है फायदेमंद शौक के साथ शानदार बिज़नेस भीसजावटी मछली पालन (Ornamental Fish Rearing) न सिर्फ एक अच्छा शौक है, बल्कि एक फ़ायदेमंद बिज़नेस (Fish Farming) भी बन सकता है। अगर आपको मछलियों से प्यार है और आप कुछ अलग करना चाहते हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है।
- Bio Mustard farming: सरसों की जैविक खेती को अपनाकर चुनें सालों-साल ज़्यादा उपज पाने का रास्तासरसों की जैविक खेती (Bio mustard farming) से कम लागत में अधिक मुनाफ़ा संभव है। नए शोध से साबित हुआ है कि जैविक तरीक़े से उपज को साल दर साल बढ़ाया जा सकता है।
- Google’s AI Revolution: भारतीय किसानों के लिए खुशख़बरी, AMED API नया डिजिटल साथीGoogle ने भारत के कृषि क्षेत्र को बदलने के लिए एक बड़ी पहल की है। इसके तहत AMED API (Agricultural Monitoring and Event Detection) और भारतीय भाषाओं व संस्कृति को समझने वाले एआई मॉडल्स (AI Models) लॉन्च किए गए हैं। यह न सिर्फ किसानों के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगा।
- भोपाल में रोज़गार मेला: शिवराज सिंह चौहान ने सौंपी युवाओं को नियुक्ति पत्र, बोले – विकसित भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदमभोपाल में शिवराज सिंह चौहान ने रोज़गार मेला में 51,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे।
- CM योगी का ‘Green Gold’ विजन: Carbon Credits से उत्तर प्रदेश बनेगा अमीर,अयोध्या बनेगा ‘ग्रीन सिटी’योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को देश का पहला ‘कार्बन क्रेडिट हब’ (Carbon Credits Hub) बनाने की ओर बड़ा कदम बढ़ाया है।
- बिहार का ‘मखाना’ अब Global Star: सुपरफूड मखाना बिहार के किसानों की आय में लगाएगा पंख, जानें कैसे HS कोड ने बदला गेममखाना और इससे बने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अलग-अलग HS Code (Harmonized System Code) मिल गया है। ये निर्णय बिहार के किसानों, उद्यमियों और निर्यातकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
- गन्ने की प्राकृतिक खेती के साथ ही प्रोसेसिंग से अच्छी कमाई कर रहे हैं प्रगतिशील किसान योगश कुमार, जानिए उनका सक्सेस मंत्रगन्ने की प्राकृतिक खेती के साथ ही प्रोसेसिंग कर इनोवेटिव किसान योगेश कुमार बना रहे हैं नए उत्पाद और कमा रहे हैं बेहतर मुनाफ़ा।
- महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक कदम: पशुपालन को कृषि का दर्जा मिला, लाखों पशुपालकों को मिलेगा सीधा लाभमहाराष्ट्र में पशुपालन को कृषि का दर्जा मिलने से पशुपालकों को कृषि दर पर बिजली, ऋण व सब्सिडी सहित कई लाभ मिलेंगे।
- Revolution In Cotton Farming: कृषि मंत्री ने एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ का दिया नारा, कहा- किसानों के साथ मिलकर बढ़ाएंगे उत्पादकतादेशभर से आए कपास उत्पादक किसानों, वैज्ञानिकों और हरियाणा के कृषि मंत्री राणा सिंह के साथ मिलकर कपास की खेती (Revolution In Cotton Farming) को बेहतर बनाने पर चर्चा की। इस बैठक का मकसद था – ‘कपास की पैदावार बढ़ाना, लागत कम करना और नई तकनीकों को खेतों तक पहुंचाना।’
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से किसानों की आय में वृद्धि, बदलाव की राह पर जांजगीर-चांपा के किसानराष्ट्रीय कृषि विकास योजना से किसान अपना रहे परिवर्तन खेती का मॉडल, कम लागत में अधिक मुनाफ़ा और बन रहे आत्मनिर्भर।
- किसानों के लिए बड़ी खुशख़बरी: अब e-NAM पर इन 7 नई फसलों की भी होगी ऑनलाइन बिक्री, मिलेगा बेहतर दामअब ई-नाम (e-NAM) पोर्टल पर 238 कृषि उत्पादों की सूची में 7 नई फसलों को शामिल (7 new crops included in the list of 238 agricultural products) किया गया है।
- Big Initiative Of Bihar Government: अब आपदा में मरे मवेशियों पर मिलेगी मोटी रकम, जानें कैसे उठाएं लाभबिहार सरकार ने (Big Initiative Of Bihar Government) एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। अब राज्य में बाढ़ या किसी अन्य आपदा के दौरान मरे हुए या लापता मवेशियों के बदले पशुपालकों को आर्थिक मदद (Financial help to cattle owners in lieu of dead or missing cattle) मिलेगी।
- National Conference On Cotton :11 जुलाई को कोयम्बटूर में कपास क्रांति की तैयारी, किसान भी भेज सकते हैं सरकार को अपने सुझाव11 जुलाई 2025 को कोयम्बटूर में कपास पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference on Cotton) आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में देशभर के किसानों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर कपास उत्पादन बढ़ाने, जलवायु अनुकूल बीज विकसित करने और किसानों की आय दोगुनी करने पर मंथन किया जाएगा।
- शेखावाटी के किसानों ने पारंपरिक खेती छोड़ अपनाई पॉलीहाउस में खेती की तकनीकपॉलीहाउस में खेती से किसान कमा रहे लाखों, सरकार दे रही अनुदान और ड्रिप सिस्टम से हो रही जल बचत, जानिए पूरी कहानी।
- National Fish Farmers Day 2025: भारत मना रहा नीली क्रांति का जश्न, मछली पालन में 10 साल में दोगुना हुआ उत्पादन10 जुलाई, 2025 को राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस (National Fish Farmers Day 2025) के मौके पर नए मत्स्य क्लस्टर्स (Fisheries Clusters), प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Programs) और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (Infrastructure Projects) की घोषणा होने जा रही है, जो इस क्षेत्र को और आगे बढ़ाएगी।
- राजस्थान के बाड़मेर जिले में खजूर की खेती बनी हरियाली और आमदनी का ज़रियाबाड़मेर में खजूर की खेती से किसानों की आमदनी में हुआ ज़बरदस्त इज़ाफ़ा, मेडजूल जैसी क़िस्मों से बदली रेगिस्तान की क़िस्मत।
- HETHA Dairy: एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने देसी गायों के एथिकल गौपालन से खड़ा किया करोड़ों का उद्योग, जानिए कैसे?HETHA Dairy देसी गौपालन का बड़ा उदाहरण है, जहां असीम रावत ने एथिकल तरीके से 1100 गायों के साथ करोड़ों का व्यवसाय खड़ा किया।