किसान ऑफ़ इंडिया की टीम फ़ील्ड में उतरकर अपने किसान साथियों के लिए खेती-किसानी से जुड़े किसानों के अनुभव आपके साथ साझा करती है। मैं गौरव मनराल दिल्ली से पुणे एक ऐसे ही सफर पर निकल पड़ा। इस सफर की शुरुआत दिल्ली से हुई, जहां से मैं 1470 किलोमीटर की दूरी तय करके पुणे पहुंचा। पुणे पहुंचने के बाद और कई लोगों से पूछते-पूछते एक जगह के बारे में पता चला, जहां के ज़्यादातर किसान द्रक्ष की खेती करते हैं। अब आप सोच रहे होंगे भला ये द्रक्ष है क्या? मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। बाद में रिसर्च कर के पता चला कि द्रक्ष एक फल है और इस फल को मैं और आप बड़ा लुत्फ़ लेकर खाते हैं। इसका नाम है अंगूर। महाराष्ट्र में अंगूर को द्रक्ष भी कहा जाता है। फिर मैं द्रक्ष यानी कि अंगूर की खेती करने वाले किसानों से मिलने पुणे से 230 किलोमीटर सांगली के सफर पर निकल पड़ा। रास्ते में हर-भरे पहाड़ और चेहरे पर पड़ती हवा की ठंडी बयार का आनंद लेते हुए कब सांगली पहुंच गया पता ही नहीं चला।
क्या आपने सुना है द्रक्ष की खेती के बारे में?
फिर सांगली पहुंचते ही अंगूर की खेती करने वाले किसानों से मिलने भोसे गाँव की तरफ़ निकल पड़ा। भोसे गाँव पहुंचते ही चारों तरफ़ अंगूर के पेड़ दिखे। मैं एक अंगूर के बागान पर जा रुका और अंगूर की खेती करने वाले एक किसान से मिला। उनसे जाना कि क्यों भोसे गाँव के ज़्यादातर किसान अंगूर की खेती करते है? इसमें कितना मुनाफ़ा है? अंगूर की खेती कर रहे किसान दादासो विश्वनाथ पाटिल ने इसके बारे में पूरी जानकारी दी। दादासो विश्वनाथ पाटिल के पास 10 एकड़ की ज़मीन है जिसमें वो अंगूर की खेती करते हैं।
देश-दुनियाभर में एक्सपोर्ट होते हैं इन गाँवों के अंगूर
दादा ने बताया कि भोसे गाँव के ज़्यादातर किसान अंगूर की खेती से इसलिए जुड़े हैं क्योंकि इसमें मुनाफ़ा अच्छा रहता है। दादा से अंगूर की खेती के बारे में बात करते हुए मुझे एक और दिलचस्प बात का पता चला। भोसे और सांगली के एक और गाँव सोनी के अंगूर देश और दुनियाभर में एक्सपोर्ट किए जाते हैं। यहां के अंगूर दुबई, रूस, चीन और युरोपियन देशों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं। देश के हिसाब से अंगूर की ग्रेडिंग की जाती है, यानी हर देश के तय मानकों के मुताबिक अंगूर की खेती की जाती है।
अंगूर का एक पौधा देता है 12 से 16 किलो तक का उत्पादन
दादा ने बताया कि अंगूर 4 महीने या 125 दिनों वाली खेती है। जब ये अंगूर बड़े हो जाते हैं तो इन्हें पहले लैब में भेजा जाता है। जहां ये पता चलता है कि अंगूर कौन से देश में भेजने लायक हैं। फिर दादा ने मुझे बताया कि अंगूर का एक पौधा 12 से 16 किलो तक उत्पादन देता है। ऐसे में दादा के एक एकड़ की कमाई 5 से 6 लाख रुपये तक हो जाती है।
आमदनी निर्यात किए गए देश पर करती है निर्भर
कई बार वो एक एकड़ में से 16 लाख रुपये तक कमा लेते हैं। दादा ने आगे बातचीत में बताया कि उनके अंगूर कौन से देश में भेजे जा रहे हैं, क्वालिटी कैसी है और वहां का दाम कितना है, इसपर भी कमाई निर्भर करती है।
25 फ़ीसदी अंगूर का निर्यात चीन को करते हैं
दादा ने ये भी बताया कि उनका ज़्यादातर अंगूर दुबई जाता है, लेकिन चीन में उनको दाम सबसे ज़्यादा मिलता है। इसी वजह से वो अपने उत्पादन का 25 फ़ीसदी अंगूर चीन भेजते हैं। इसी के साथ दादा ने अंगूर की खेती के लिए ज़रूरी वातावरण के बारे में भी मुझे बताया। अंगूर को धूप कम चाहिए और नमी वाला वातावरण चाहिए होता है। इसकी खेती के लिए ज़्यादा पानी की भी ज़रूरत नहीं पड़ती।
शुरुआती एक से दो साल में वसूल हो जाएगा लागत का पैसा
आगे मैंने अपने किसान साथियों के मन में उठने वाले एक सवाल को लेकर पूछा कि अगर किसी किसान के पास अंगूर की खेती शुरू करने के लिए पैसा नहीं है तो वो क्या करे? इसके जवाब में उन्होंने मुझे बताया कि अंगूर की खेती शुरू करने के लिए बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। दादा ने ये भी बताया कि अंगूर की खेती में शुरू में जो लागत लगती है, अगर फ़सल सही रही तो वो एक से दो साल में ही वसूल हो जाती है।
दादा ने मुझे ये भी बताया कि 2001 में अंगूर की खेती करने से पहले वो किसी और के बगीचे में काम करते थे। उन्होंने 2001 में एक एकड़ से अंगूर की खेती करना शुरू किया था। तब उनके पास एक साइकिल हुआ करती थी। आज उनके पास खुद का घर, गाड़ी और 10 एकड़ ज़मीन है। कहावत है कि अंगूर खट्टे हैं लेकिन इस पूरे इलाके में तो अंगूर ने किसानों की ज़िंदगी में सिर्फ़ मिठास घोली है।
ये भी पढ़ें: पॉलीहाउस तकनीक से खेती क्यों है सबसे बेहतर? जानिए इस ‘इंजीनियर’ किसान से
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

ये भी पढ़ें:
- ज़ॉब छोड़े बिना बने किंग! मैकेनिकल इंजीनियर सूरज तिवारी ने आम के बिज़नेस में बनाया मुकामसूरज तिवारी एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने के बावजूद (The mechanical engineer who became Lucknow’s ‘Mango King’) ने खेती और फ़लों के व्यवसाय को चुना और आज वे आम, अमरूद, लीची और आंवले की खेती से लाखों का टर्न ओवर कमा रहे हैं।
- Sea Buckthorn: सुपरफ्रूट ‘सी-बकथॉर्न ‘ कैसे बन रहा है लद्दाख के किसानों की कमाई का ज़रियासुपरफ्रूट सी-बकथॉर्न (Superfruit Sea Buckthorn) से भरपूर पोषण और रोज़गार के नए अवसर, लद्दाख-हिमाचल में खेती से बदल रही किसानों की ज़िंदगी।
- विकसित कृषि संकल्प अभियान से जुड़ रहे किसान: बिहार के कृषि मंत्री ने अयोध्या में किसानों को किया जागरूकविकसित कृषि संकल्प अभियान के जरिए किसानों को मिल रही वैज्ञानिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं की सीधी जानकारी।
- Ear Tagging In Livestock: अब न कोई पशु खोएगा, न बीमारी छुपेगी क्योंकि हर मवेशी को मिलेगी यूनिक आईडीईयर टैगिंग (Ear Tagging In Livestock ) नाम की ये टेक्नोलॉजी पशुओं को एक ख़ास पहचान दे रही है, जिससे उनका हर रिकॉर्ड डिजिटल हो रहा है। ये ठीक वैसा ही है, जैसे इंसानों के लिए आधार कार्ड। तो आइए, जानते हैं कि ये टैग कैसे काम करता है और किस तरह ये पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
- Agricultural Revolution In 11 Years: कैसे केंद्र सरकार ने भारत के किसानों को बनाया सशक्त? अमृत काल की नई उड़ानकृषि क्षेत्र ने पिछले 11 सालों (Agricultural revolution in 11 years) में एक ऐतिहासिक परिवर्तन देखा है। केंद्र सरकार के अनुसार, लगातार नीतिगत फोकस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में किसानों को सशक्त बनाने वाली योजनाओं ने भारत को खाद्य सुरक्षा से आगे बढ़ाकर “Global Agricultural Leadership” की ओर आगे बढ़ रहा है।
- Weather Update: अगले 5 दिन किसानों के लिए कैसा रहेगा मौसम जानिए पूरी रिपोर्टWeather Update के अनुसार अगले कुछ दिन किसानों के लिए बेहद अहम हैं जानिए बारिश और हीटवेव से जुड़ी हर जरूरी जानकारी
- Vikasit Krshi Sankalp Abhiyaan : शिवराज सिंह चौहान ने तेलंगाना के किसानों के साथ मिलकर कृषि में बदलाव की ओर बढ़ाए कदम‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ (vikasit krshi sankalp abhiyaan) के बारहवें दिन, चौहान ने मंसनपल्ली, रामचंद्रगुड़ा और मंगलपल्ली में किसान चौपाल की और बड़ी सभा को संबोधित किया।
- Chilli Revolution In Punjab: सिर्फ़ गेहूं-धान नहीं, अब पंजाब के किसानों की तकदीर बदल देगी मिर्च!पंजाब एक नई कृषि क्रांति (Chilli revolution in Punjab) की ओर बढ़ रहा है। इस बार, पंजाब सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को विविधता देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।
- राजस्थान सरकार की बड़ी घोषणा: बैलों से खेती करने वाले किसानों को मिलेंगे 30 हजार रुपये, जानें कैसे उठाएं लाभराजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने मुख्यमंत्री बजट 2025-26 (Rajasthan Farmers who do farming with oxen will get 30 thousand rupees) में इस योजना की घोषणा की है। इसका मुख्य उद्देश्य परंपरागत खेती को बढ़ावा देना और छोटे किसानों की आय बढ़ाना है।
- बरसात में मवेशियों का आहार और प्रबंधन कैसे करें? किसानों के लिए पूरी जानकारीबरसात में मवेशियों का आहार और प्रबंधन सही न हो तो दूध उत्पादन और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। जानें देखभाल के असरदार तरीके।
- Laser Land Leveler: पानी की बचत और बेहतर उत्पादन का मित्रखेती की बढ़ती लागत और पानी का बढ़ता संकट किसानों के लिए बड़ी चुनौती है। इस स्थिति में लेजर लैंड लेवलर(Laser Land Leveler) किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है।
- बेंगलुरु में ड्रैगन फ़्रूट से टमाटर तक, ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत जब बेंगलुरु पहुंचे शिवराज सिंह चौहानबेंगलुरु में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत किसानों से संवाद किया। ड्रैगन फ्रूट और टमाटर की खेती में किसानों की बढ़ती भागीदारी और बाज़ार तक उनकी पहुंच पर विशेष चर्चा की।
- हरियाणा के किसानों के लिए खुशख़बरी! जैविक मंडियों और ब्रांडिंग से बदलेगी तस्वीर, प्राकृतिक खेती के साथ मिलेगा उपज का सही दाममुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Naib Singh Saini) ने घोषणा की है कि हरियाणा में दो जैविक मंडियां (Organic Mandis and Branding in Haryana) बनाई जाएंगी, जहां किसान अपनी प्राकृतिक खेती की उपज आसानी से बेच सकेंगे।
- चुंबकीय जल सिंचाई : भारतीय खेतों से जुड़ा विज्ञान या अटकलें? चुंबकीय जल सिंचाई एक उभरती तकनीक है जो सिंचाई जल की गुणवत्ता सुधारकर कम लागत में बेहतर फ़सल उत्पादन में मदद करती है।
- किसानों के ‘मामा शिवराज सिंह चौहान’ से सीधी बातचीत: जानिए विकसित कृषि संकल्प अभियान की पूरी कहानीशिवराज सिंह चौहान ने किसान ऑफ़ इंडिया पॉडकास्ट में विकसित कृषि संकल्प अभियान की रणनीति और किसानों के लिए सरकार की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
- How To Identify Fake Seeds: नकली बीजों की पहचान कैसे करें? किसानों के लिए ज़रूरी गाइडआजकल बाजार में नकली बीजों (How To Identify Fake Seeds) की बाढ़ आ गई है। जो देखने में असली लगते हैं, लेकिन बोने के बाद पछतावा छोड़ जाते हैं।
- Vikasit Krshi Sankalp Abhiyaan: केंद्र सरकार पंजाब के किसानों के साथ मिलकर बढ़ाएंगे कृषि में नये कदम!केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture and Farmers Welfare Minister Shivraj Singh Chouhan) ने पंजाब के किसानों के साथ ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ (vikasit krshi sankalp abhiyaan) के तहत मुलाकात की और खेतों तक जाकर फसलों का ज़ायज़ा लिया।
- ‘Amul Milk’ launched in Spain and EU: अमूल ने यूरोप में बढ़ाया बड़ा कदम! अब स्पेन भी पिएगा ‘अमूल दूध’अमूल दुनिया का सबसे बड़ा किसान-स्वामित्व वाला डेयरी कोऑपरेटिव (Amul is the world’s largest farmer-owned dairy cooperative) है, जिसके 3.6 मिलियन से अधिक सदस्य हैं। ये भारत भर में फैले 112 डेयरी प्लांट्स के ज़रीये से प्रतिवर्ष 12 बिलियन लीटर से अधिक दूध की प्रोसेसिंग करता है।
- हंसराज नखत: बिहार के वो पायनियर किसान जो Organic Farming से ड्रैगन फ्रूट की खेती कर बने मिसालहंसराज नखत पूरी तरह से नेचुरल और ऑर्गेनिक खेती (Natural and organic farming) करके न सिर्फ अच्छी पैदावार ले रहे हैं, बल्कि मिट्टी की सेहत भी बना रहे हैं। उनकी ये कोशिश केवल उनके खेत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए एक मिसाल बन चुके हैं।
- World Environment Day 2025: विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर प्लास्टिक प्रदूषण के ख़िलाफ़ भारत की मज़बूती से लड़ाईविश्व पर्यावरण दिवस 2025 (World Environment Day 2025) पर भारत प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने के लिए वैश्विक और घरेलू स्तर पर कई क्रांतिकारी कदम उठा रहा है।