PMFME Scheme: फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े हैं तो आप भी उठा सकते हैं इसका फ़ायदा, 9 लाख लोगों को रोज़गार देने की योजना
इस योजना का मकसद छोटे स्तर पर फूड प्रोसेसिंग का बिज़नेस करने वालों की मदद करना है।
PMFME Scheme (Prime Minister Micro Food Processing Enterprise) के तहत सरकार 5 साल में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी में है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी यानी छूट लेकर आप अपनी यूनिट शुरू कर सकते हैं।
कोविड-19 ने न सिर्फ नौकरीपेशा लोगों की आजीविका को प्रभावित किया, बल्कि व्यापारी और छोटे-मोटे कारोबार करने वाले भी बुरी तरह से प्रभावित हुए। उनकी मदद के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज योजना (PMFME Scheme) उन्हीं में से एक है। यह योजना खानपान के कारोबार यानी फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े व्यापारियों, खासतौर पर छोटे व्यापारियों की मदद के लिए बनाई गई है। इसके तहत उन्हें सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है। क्या है इस योजना की ख़ासियत और आप कैसे इसका लाभ उठा सकते हैं? आइए, जानते हैं:
क्या है पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज योजना (PMFME Scheme)?
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जून 2020 में, पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज योजना को अगले 5 साल के लिए लागू किया गया। इसके तहत करीब 9 लाख लोगों को रोज़गार देने की योजना है। 5 साल में इस स्कीम पर सरकार 10 हजार करोड़ खर्च करने की तैयारी में है। मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज की देखरेख में यह योजना चलाई जा रही है।
एक ज़िला, एक उत्पाद
इस योजना के तहत राज्यों को यह ज़िम्मेदारी दी गई है कि वह कच्चे माल की उपलब्धता का ध्यान रखते हुए हर ज़िले के लिए एक खाद्य उत्पाद निर्धारित करें। यानी, जिस ज़िले में जो खाद्य उत्पाद ज़्यादा होगा, वहां उससे जुड़ा उद्योग लगाने की मंज़ूरी दी जायेगी। मान लीजिए किसी ज़िले में मक्के की उपज अधिक होती है, तो वहां कुरमुरे, पॉपकॉर्न जैसे प्रोसेस्ड फूड की यूनिट लगाई जा सकती है। किस ज़िले में कौन सा कच्चा माल अधिक है, उसके आधार पर प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर ही व्यापारियों को भी फायदा होगा। एक ज़िला एक उत्पाद के तहत निर्धारित चीज़ों का उत्पादन करने पर उन्हें आर्थिक मदद भी मिलेगी।

फूड प्रोसेसिंग से जुड़े छोटे व्यवसायी इस योजना के तहत 35 प्रतिशत की लिक्विड सब्सिडी ले सकते है, जो अधिकतम 10,00,000 रुपये (दस लाख रुपये ) तक होगी। इतना ही नहीं, व्यापार का विस्तार करने के लिए राज्य सरकार की ओर से कंपनियों को मशीनें खरीदने के लिए 40,000 रुपए तक की आर्थिक मदद भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त उत्पाद की ब्रांडिंग और मार्केटिंग (Branding & Marketing) के लिए सरकार व्यापारियों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी, यानी इस स्कीम से फूड प्रोसेसिंग का बिज़नेस करने वालों को चौतरफा फायदा होगा।
PMFME Scheme की खास बातें
- सरकार का लक्ष्य योजना के तहत 35000 हजार करोड़ रूपए का निवेश करना है।
- सीधे तौर पर या अप्रत्यक्ष रूप से 9 लाख लोगों को रोज़गार देने का भी लक्ष्य रखा गया है।
- इस स्कीम पर होने वाले खर्च को केंद्र व राज्य सरकार क्षेत्रीय आधार पर निर्धारित अनुपात के हिसाब से बाटेंगी।
- एक जिले के लिए एक खाद्य उत्पाद की पहचान की जाएगी।
योजना का लाभ उठाने के लिए कैसे करें आवेदन?
यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स एफएमई के पोर्टल pmfme.mofpi.gov.in पर जाकर लॉगिन करें। यहां से आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। लोगों की मदद के लिए मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज की तरफ से हर जिले में एक रिसोर्स पर्सन यानी जानकारी देने वाला व्यक्ति भी तैनात किया गया है। यह व्यक्ति लोगों को स्कीम का लाभ उठाने से जुड़ी हर जानकारी देने के साथ ही ,रजिस्ट्रेशन में भी मदद करेगा। आप इन हेल्पलाइन नंबर्स पर फ़ोन भी कर सकते हैं : Helpline Number PMFME scheme: +91 1302281089 , +91-8168001500

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