काजू ऐसा मेवा या ड्राई फ्रूट है जिसे ज़्यादातर लोग पसन्द करते हैं। ये अनेक लजीज़ व्यंजनों के स्वाद को दिलकश बनाते हैं। काजू को जिस खास फल से प्राप्त करते हैं उसे कैश्यू एप्पल कहते हैं। इसके निचले हिस्से से काजू को सावधानी से अलग करने के बाद इसकी प्रोसेसिंग की जाती है और फिर बाज़ार में भेजा जाता है।
आमतौर पर कैश्यू एप्पल से काजू निकालने के बाद बाक़ी बचा फल बर्बाद हो जाता है, लेकिन अब इससे बचा जा सकेगा, क्योंकि कैश्यू एप्पल से पाउडर तैयार करने की तकनीक आ गयी है। ICAR-DCR कर्नाटक ने कैश्यू एप्पल पाउडर बनाने की एक तकनीक विकसित की है। इससे किसान काजू की खेती (Cashew Farming) से दोगुना मुनाफ़ा तो कमा ही सकते हैं। इसकी वजह से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

कैसे बनेगा कैश्यू एप्पल पाउडर?
कैश्यू एप्पल पाउडर बनाने के लिए सबसे पहले कैश्यू एप्पल को चुना जाता है, फिर साफ करके इसके टुकड़े किए जाते हैं। इसके बाद टैनिन (एक प्रकार का रसायन) कम करने के लिए इसे रासायनिक प्रक्रिया से गुज़ारा जाता है, ताकि हानिकारक तत्व नष्ट हो जाएं। इस प्रक्रिया के बाद कैश्यू एप्पल को सुखाया जाता है, जिसके लिए कनवेक्शन ड्राइंग (इस तकनीक में गर्म गैसों के जरिए पानी व नमी को सुखाया जाता है) या पॉली हाउस सोलर टनल ड्रायर ( Polyhouse solar tunnel dryer) तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सुखाने के बाद इसका पीसकर पाउडर तैयार किया जाता है।कैश्यू एप्पल को सुखाने और पाउडर बनाने की यह तकनीक आसान तो है ही, सस्ती भी है। एक किलो कैश्यू एप्पल पाउडर बनाने का खर्च करीब 20 रुपए आता है है।
तकनीक की ख़ासियत
कैश्यू एप्पल में विषैले तत्व होते हैं और यह जल्दी खराब भी हो जाता है। इसी वजह से काजू की खेती करने वाले किसान इसका पूरा फायदा नहीं उठा पाते हैं। लेकिन काजू पाउडर बनाकर ये नुकसान काफी कम किया जा सकता है। कैश्यू एप्पल पाउडर में डायट्री फाइबर, एस्कॉर्बिक एसिड और प्रोएन्थोसायनिन होता है, जिससे इसका इस्तेमाल पौष्टिक आहार, शिशुओं का आहार और दवा बनाने में किया जा सकता है।

कैश्यू एप्पल पाउडर बनाने के लिए ईजाद की गई तकनीक बहुत कारगर और किफायती है। सोलर टनल के जरिए इसे सुखाकर पाउडर बनाने की लागत बहुत कम आती है।एक बार पाउडर बन जाने के बाद लंबे समय तक चलता भी है।
कैश्यू एप्पल पाउडर का इस्तेमाल रेडी टू सर्व पेय पदार्थ, जैम, कुकीज़, जेली, बर्फी, लड्डू आदि में भी किया जा सकता है। इसके अलावा कैश्यू एप्पल पाउडर को आप फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में सप्लाई करके अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं।
काजू किसानों के लिए कैश्यू एप्पल एक तरह का अपशिष्ट (Waste) है, लेकिन इस नई तकनीक की बदौलत इस अपशिष्ट को फायदेमंद पाउडर में तब्दील करने से किसान काजू की अधिक खेती के लिए प्रेरित होंगे।
डायरेक्टरेट ऑफ काजू रिसर्च, कर्नाटक ( Directorate of cashew research- DCR) द्वारा इस technology को सीखने के लिए दो दिन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसलिए आप भी यदि काजू के अपशिष्ट से लाभ उठाना चाहते हैं, तो इस तकनीक को सीखें और इस्तेमाल करें।
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