मशरूम उत्पादन में मार्केटिंग और ब्रांडिंग की जानकारी भी है अहम, सिवा यादव ने इसी के बल पर सफलता हासिल की

छोटे स्तर पर शुरू किया उत्पादन, मांग बढ़ती देख बढ़ाया उत्पादन

मशरूम की बढ़ती मांग को देखते हुए इसकी खेती किसानों की आमदनी दोगुनी करने का अच्छा ज़रिया बन सकती है। मशरूम न सिर्फ़ सेहत के लिए, बल्कि किसानों की आर्थिक सेहत सुधारने में भी मददगार साबित हो सकता है। मशरूम उत्पादन में फ़तेहपुर ज़िले की रहने वाली सिवा यादव ने सफलता पाई है।

मशरूम की खेती किसानों की अतिरिक्त आमदनी का बेहतरीन ज़रिया है। छोटे किसान भी इसके उत्पादन से अच्छा-ख़ासा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। फ़तेहपुर ज़िले की महिला किसान सिवा यादव ने मशरूम उत्पादन के ज़रिए सफल व्यवसाय खड़ा कर लिया है। अब वह मशरूम का उत्पादन करने के साथ ही उससे कई उत्पाद बनाकर भी बेच रही हैं।

दो तरह के मशरूम का कर रहीं उत्पादन

फ़तेहपुर ज़िले के पूर्वी बायपास गाँव की रहने वाली सिवा यादव को मशरूम के व्यंजन बनाने का बहुत शौक रहा है। मशरूम के प्रति इसी लगाव ने उन्हें मशरूम की खेती के लिए प्रेरित किया। वह मशरूम का उत्पादन न सिर्फ़ अपने परिवार के लिए, बल्कि बिक्री के लिए भी  करती हैं।

छोटे स्तर पर की शुरुआत

उन्होंने मशरूम की खेती की शुरुआत कुछ मशरूम बैग के साथ की, लेकिन बढ़िया उत्पादन और मांग को देखकर उन्होंने मशरूम का उत्पादन भी बढ़ा दिया। अब वह इसके मूल्य संवर्धन उत्पाद (Value Added Products) जैसे मशरूम का अचार, मशरूम सूप पाउडर और सूखा और गीला मशरूम बनाकर भी बेच रही हैं। वह ऑयस्टर (Oyster Mushroom) और बटन मशरूम (Button Mushroom) का उत्पादन कर रही हैं।

मशरूम उत्पादन mushroom production in india

प्रशिक्षण के बाद शुरू किया उत्पादन

मशरूम का उत्पादन शुरू करने से पहले वह कृषि विज्ञान केंद्र थरियाओं, फतेहपुर के कृषि सलाहकारों से मिलीं। सलाहकारों ने सिवा को कृषि विज्ञान केंद्र में मशरूम उत्पादन पर आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेने की सलाह दी। सिवा ने प्रशिक्षण में हिस्सा लिया और वहां से न सिर्फ़ मशरूम उत्पादन की तकनीक (Mushroom Farming Technology), बल्कि इसके प्रसंस्करण (Mushroom Processing), पैकेजिंग और सरंक्षण के बारे में सीखा। KVK में उन्होंने मशरूम उत्पादन की पूरी प्रक्रिया सीखी। इसके बाद वैज्ञानिकों ने सिवा के घर का दौरा किया। फिर वहाँ मशरूम उत्पादन तकनीक का प्रदर्शन करके दिखाया।

मशरूम उत्पादन mushroom production in india

ये भी पढ़ें: मशरूम की खेती (Mushroom Farming) से कश्मीरी किसान की बढ़ी आमदनी, जानें कैसे?

छोटे स्तर पर की शुरुआत

सिवा को हर सीज़न में 1.50 लाख रुपये का शुद्ध लाभ होता है। यह लाभ लगातार हर सीज़न 50 हज़ार रुपये बढ़ रहा है। उनके उत्पाद स्थानीय बाज़ार के साथ ही खागा, फतेहपुर और इलाहाबाद, कानपुर और वाराणसी जैसे शहरों में भी बिक्री के लिए जाते हैं।

मशरूम उत्पादन mushroom production in india
तस्वीर साभार- indiamart

ये भी पढ़ें: मशरूम की खेती (Mushroom Farming): एक किलो बीज से की थी शुरुआत, आज बिहार की ‘मशरूम लेडी’ कहलाती हैं अनीता देवी

मिल चुकी है पहचान

उन्हें उच्च स्तर की गुणवत्ता वाले मशरूम की खेती के लिए Utthan-Agripen 2019  कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।चंद्रशेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उन्हें ये सम्मान मिला। ज़िले के कृषि विज्ञान केंद्र ने उन्हें बतौर ट्रेनर स्थापित किया है। सिवा युवाओं और महिलाओं को मशरूम उत्पादन को लेकर जानकारी देती हैं।

सिवा यादव आज एक सफल महिला कृषि उद्यमी है। KVK वैज्ञानिकों की मदद से उन्होंने यश एंटरप्राइज़ नाम से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाया। उनकी सफलता देखकर आसपास के गांव की महिलाएं भी मशरूम उत्पादन के लिए प्रेरित हुई हैं।

ये भी पढ़ें- Mushroom Processing: कैसे होती है मशरूम की व्यावसायिक प्रोसेसिंग? जानिए, घर में मशरूम कैसे होगी तैयार?

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

 

ये भी पढ़ें:

 
You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.