इस महिला ने भेड़-बकरी पालन से शुरू किया सफल उद्यमी बनने का सफर, जानिए किन-किन तकनीकों को अपनाया

कर्नाटक की रहने वाली मंगला किरण नीलगुंड ने पशुपालन से खेती-किसानी के व्यवसाय में कदम रखा। आज उनके फ़ार्म में हज़ारों की संख्या में युवक और साथी किसान आते हैं।

भेड़ और बकरी पालन sheep and goat farming

खेती के साथ ही उससे जुड़ी अन्य गतिविधियों में शामिल होकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं, जैसा कि महिला किसान मंगला किरण नीलगुंड कर रही हैं। बकरी-भेड़ पालन से लेकर, पशुओं के लिए चारा उगाने तक के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके उन्होंने सफलता की मिसाल पेश की है। अब वह कई किसानों की मदद करने के साथ ही उन्हें अपने जीवनस्तर में सुधार लाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

कौन है मंगला किरण नीलगुंड?

कर्नाटक की रहने वाली मंगला किरण नीलगुंड ने धारवाड़ स्थित कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय से एग्रीकल्चर विषय में ग्रेजुएशन किया हुआ है। मंगला खेती-बाड़ी के कामों में अपने पति का हाथ बंटाया करती थीं। इसके अलावा, घर के साथ-साथ दो बच्चों की ज़िम्मेदारी भी उनके कंधों पर थी। धीरे-धीरे उन्होंने खेती शुरू की और उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हुईं। खेती शुरू करने से पहले उन्होंने ATMA योजना के ज़रिए कृषि विभाग से संपर्क किया। विभाग के अधिकारियों ने उन्हें छोटे स्तर पर डेयरी गतिविधियां शुरू करने की सलाह दी।

वैज्ञानिकों की सलाह पर 2014 में मंगला किरण ने भेड़ पालन व्यवसाय में कदम रखा। उन्होंने शुरुआत में 30 नर भेड़ खरीदें। फिर उसी साल मंगला ने 50 और भेड़, साथ ही नर बकरे भी खरीदें। 6 महीने तक उनका पालन-पोषण किया और फिर उनकी मार्केटिंग शुरू कर दी। शुरुआत में उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा। खरीददारों और विक्रेताओं के बारे में जानकारी का अभाव था।

कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लेने के साथ ही भेड़-बकरियों के पालन से जुड़ी व्यवहारिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उन्होंने आसपास के सफल और प्रगतिशील किसानों के खेतों का दौरा किया। शुरुआत में परिवार के लोग उनके भेड़-बकरी पालन व्यवसाय में मदद करने से हिचकिचाते थे, मगर उनकी लगन और उत्साह को देखकर उनका समर्थन करना शुरू कर दिया। अब वह एक सफल महिला उद्यमी है और आसपास के गांवों की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं।

भेड़ और बकरी पालन sheep and goat farming
सांकेतिक तस्वीर (तस्वीर साभार: ICAR-Central Sheep and Wool Research Institute)

इस महिला ने भेड़-बकरी पालन से शुरू किया सफल उद्यमी बनने का सफर, जानिए किन-किन तकनीकों को अपनायाविभिन्न गतिविधियों में हैं शामिल

मंगला खुद पशुओं के लिए संतुलित आहार तैयार करती हैं। इस आहार को 100 किलो मक्का+10 किलो सोयाबीन+10 किलो बेगलग्राम+5 किलो खनिज का मिश्रण बनाकर तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए उनके पास आटा चक्की भी है। हरा चारा भी खुद ही उगाती हैं। इसके लिए उन्होंने खेती की हाइड्रोपोनिक तकनीक को अपनाया है। घर के पीछे किचन गार्डन में कई तरह के फल और औषधीय गुणों से भरपूर 50 से अधिक प्रकार के पौधे लगाएं हैं।

भेड़ और बकरी पालन sheep and goat farming
सांकेतिक तस्वीर (तस्वीर साभार: ICAR)

इस महिला ने भेड़-बकरी पालन से शुरू किया सफल उद्यमी बनने का सफर, जानिए किन-किन तकनीकों को अपनायापर्यावरण के प्रति लोगों को कर रहीं जागरूक

मंगला किरण नीलगुंड ने अपने खेत का दौरा करने वाली 1500 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया है। वह हर साल किसानों को तुलसी सहित कई औषधीय पौधों की 600 से 700 कटिंग मुफ़्त में बांटती हैं। वह स्कूल और कॉलेजों में जाकर वृक्षारोपण को बढ़ावा दे रही हैं। कई स्वयं सहायता समूह उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए अक्सर आमंत्रित करते हैं।

मिल चुके हैं कई सम्मान

2021 में उन्हें कृषि विभाग की ओर से तालुका स्तर पर ‘सर्वश्रेष्ठ महिला किसान पुरस्कार’ से नवाज़ा गया। 2021 में ही ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ के मौके पर हुलाकोटी स्थित केएच पाटिल कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से ‘सर्वश्रेष्ठ महिला किसान पुरस्कार’ और रायचूरू स्थित इरकल मठ की ओर से ‘रैथा रत्न पुरस्कार’ मिल चुका है।

इस महिला ने भेड़-बकरी पालन से शुरू किया सफल उद्यमी बनने का सफर, जानिए किन-किन तकनीकों को अपनाया

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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