Farming Tractors: इन 5 बेहतरीन ट्रैक्टर्स का इस्तेमाल कर अपनी खरीफ़ फसलों की पैदावार बढ़ाएं
खरीफ़ फसलों के लिए 5 बेहतरीन ट्रैक्टर्स
गेस्ट ब्लॉग: TractorKarvan | ट्रैक्टर, विज्ञान और तकनीक की एक ऐसी देन है, जिसने अपने शुरुआत से आज तक कृषि कार्यों को आसान और उन्नत तरीके से करने में अपनी अहम भूमिका निभायी है। जानिए ऐसे 5 बेहतरीन ट्रैक्टर्स के बारे में, जिससे आप उन्नत तरीके से कृषि कार्यों को कर खरीफ़ फसलों की पैदावार बढ़ा सकते हैं।
Top 5 Tractors for Farming: (खेती से जुड़े कार्यों के लिए 5 बेहतरीन ट्रैक्टर्स) | भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसकी दो-तिहाई आबादी आज भी अपने जीवन यापन के लिए कृषि पर निर्भर है। कृषि प्राथमिक क्रिया है, जो हमारे लिए अधिकांश खाद्यान्न पैदा करती है। इसके साथ ही कृषि पर कच्चे माल के लिए विभिन्न उद्योग भी निर्भर हैं।
भारत में मौसम के आधार पर फसलों को तीन प्रकारों में बांटा गया है:
- रबी (नवम्बर से मार्च)
- खरीफ़ (जुलाई से अक्टूबर)
- जायद (अप्रैल से जून)
तीनों प्रकारों में से खरीफ़ सीज़न का भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे ज़्यादा महत्व है। इस सीज़न के दौरान बोई जाने वाली फ़सलें खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण रोज़गार और आय सृजन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, दालें, तिलहन, कपास, गन्ना और जूट सहित ये फसलें विभिन्न तरीकों से भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
अगर नयी तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए खरीफ़ फसलों की खेती की जाए, तो उत्पादन की बढ़ोतरी होगी और इनका अर्थव्यवस्था में योगदान और भी बढ़ जाएगा। ट्रैक्टर, विज्ञान और तकनीक की एक ऐसी देन है, जिसने अपने शुरुआत से आज तक कृषि कार्यों को आसान और उन्नत तरीके से करने में अपनी अहम भूमिका निभायी है। फसल बुआई से लेकर कटाई तक के कार्यों के लिए आवश्यक हर प्रकार के इम्प्लीमेंट्स को चलाने में ट्रैक्टर का अहम योगदान होता है। आज हम इस आर्टिकल में ऐसे 5 बेहतरीन ट्रैक्टर्स की बात करेंगे, जिससे आप उन्नत तरीके से कृषि कार्यों को कर खरीफ़ फसलों की पैदावार बढ़ा सकते हैं।
खरीफ़ फसलों के लिए 5 बेहतरीन ट्रैक्टर्स
खेती के लिए मिट्टी की तैयारी, बीज बुआई से लेकर अनाज को मंडी ले जाने तक ट्रैक्टर अहम भूमिका अदा करते हैं। ट्रैक्टर्स से जोड़कर किसान विभिन्न प्रकार के कृषि इम्प्लीमेंट्स जैसे कि कल्टीवेटर, रोटावेटर, एमबी प्लाऊ, पडलर और अन्य इम्प्लीमेंट्स चला सकते हैं। नीचे दिए गए 5 बेहतरीन ट्रैक्टर्स, न केवल आपकी खरीफ़ फसलों के लिए आवश्यक हर ज़रूरतों को पूरा करेंगे, बल्कि ये कीमत के हिसाब से भी आपके बजट के अनुकूल हैं।
स्वराज 735 FE
स्वराज 735 FE (Swaraj 735 FE) एक पॉवरफुल और मल्टी-टास्किंग ट्रैक्टर है, जो खरीफ़ फसलों से संबंधित कृषि गतिविधियों के लिए उपयुक्त है। ये ट्रैक्टर 35-40 हॉर्स पॉवर इंजन के साथ आता है, जो जुताई, बुआई, जैसे भारी-भरकम कार्यों के लिए आवश्यक इम्प्लीमेंट्स को आसानी से चलाने में सक्षम है। इसमें 3-सिलेंडर इंजन है, जो ईंधन की बचत भी करते हैं। इस ट्रैक्टर का ERPM रेटिंग 1800 RPM है, जो सामान्य से अधिक है। यानी इसमें अधिक फ्यूल बर्न होगा और पॉवर भी ज़्यादा देगा। जहां तक इसकी कीमत का सवाल है, तो ये आपको 7 लाख* से 8 लाख* रूपये के प्राइस रेंज में मिल जाएगा।
फार्मट्रैक 60 वैल्यूमैक्स
खरीफ़ सीज़न फसलों के प्रोडक्शन को बढ़ाने में फार्मट्रैक 60 वैल्यूमैक्स ट्रैक्टर अहम योगदान दे सकता है। ये 50 हॉर्स पॉवर के शक्तिशाली इंजन और कई लेटेस्ट फीचर्स से लैस है। ये ट्रैक्टर विभिन्न कृषि कार्यों में ज़बरदस्त परफॉर्म करता है। 3 सिलेंडर इंजन होने के कारण ये कम डीज़ल खपत करता है। इसकी लिफ्टिंग कैपेसिटी 1800 किलो है, जिससे ये ट्रैक्टर हैवी इम्प्लीमेंट्स को ऑपरेट, भारी कृषि सामग्री को लोड करने और उनको ढोने जैसे कार्यों को करने में सक्षम है। अगर किसान साथी ये ट्रैक्टर खरीदना चाहते हैं, तो उन्हें ये 8 लाख रूपये से 9 लाख रूपये के बीच मिल जाएगा।
न्यू हॉलैंड 3630 TX प्लस
न्यू हॉलैंड 3630 ट्रैक्टर खरीफ़ मौसम की फसलों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है। इस ट्रैक्टर में 55 एचपी का पॉवरफुल इंजन होता है, जो खरीफ़ मौसम में बोये जाने वाली फसलों के लिए आवश्यक विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकता है। न्यू हॉलैंड का ये ट्रैक्टर मॉडल कल्टीवेटर, रोटावेटर, एमबी प्लाऊ जैसे इम्प्लीमेंट्स आसानी से चला सकता है। इस ट्रैक्टर की लिफ्टिंग कैपेसिटी 1700/2000 किलो है, जिससे ये भारी-भरकम इम्प्लीमेंट्स चला सकता है। बनावट के हिसाब से न्यू हॉलैंड 3630 ट्रैक्टर मजबूत और टिकाऊ है।
इस ट्रैक्टर का इंजन रेटेड आरपीएम 2300 है, इस हिसाब से ये बहुत ही ताकतवर ट्रैक्टर है। इस ट्रैक्टर में पॉवर स्टीयरिंग और डबल क्लच जैसी उन्नत सुविधाएं हैं, जो इस ट्रैक्टर के परिचालन को आसान बनाती है। ये ट्रैक्टर हमारे किसान साथियों को 9 लाख से 10 लाख रूपये की प्राइस रेंज में मिल जाएगा।
महिंद्रा 575 DI
महिंद्रा 575 DI ट्रैक्टर अपनी मज़बूती और परफॉर्मेंस के लिए जाना जाता है। ये खरीफ़ मौसम के कृषि कार्यों के लिए किसानों के पसंदीदा ट्रैक्टर्स में से एक है। महिंद्रा के इस ट्रैक्टर मॉडल में 45 एचपी का इंजन होता है, जो कम आरपीएम पर अधिक पॉवर जेनेरेट करता है, जो इसको ईंधन कुशल बनाता है। महिंद्रा 575 DI ट्रैक्टर में 4 सिलेंडर इंजन होते हैं, जो इसे और भी पॉवरफुल बनाता है।
ये एडवांस हाइड्रोलिक सिस्टम के साथ आता है, जो डिस्क हैरो, कटर मिक्सर फीडर और हाइड्रोलिक रिवर्सिबल एमबी प्लो जैसे भारी-भरकम उपकरणों के साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। महिंद्रा ब्रांड ने इस ट्रैक्टर मॉडल में पॉवर स्टीयरिंग ऑप्शन दिया हुआ है, जिससे ट्रैक्टर को बेहतर कंट्रोल किया जा सकता है। ये सेफ्टी के साथ ड्राइवर की थकान को भी कम करता है।
जॉन डियर 5310 ट्रेम III
जॉन डियर का 5310 ट्रेम III ट्रैक्टर मॉडल एक विश्वसनीय और कुशल ट्रैक्टर है जो खरीफ़ सीज़न के दौरान उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। 55 हॉर्स पावर के इंजन और उन्नत सुविधाओं के साथ, ये ट्रैक्टर विभिन्न कृषि कार्यों को आसानी से करने में सक्षम है। ये ट्रैक्टर पॉवर स्टीयरिंग के साथ आता है, जिससे ट्रैक्टर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें 3 सिलेंडर इंजन होते हैं, जो ट्रैक्टर को हल्का बनाने के साथ-साथ ईंधन कुशल भी बनाता है।
साथ ही जॉन डियर के इस मॉडल के रखरखाव में भी कम लागत आती है। अगर इस ट्रैक्टर को खरीदना चाहते हैं, तो ये आपको बाज़ार में 7 लाख से 12 लाख रुपये के प्राइस रेंज में मिल जाएगा।
ख़रीफ़ सीज़न के दौरान कृषि कार्यों को आसान करने और फसलों के उत्पादन को बढ़ाने में सही ट्रैक्टर का चयन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऊपर बताये गए ट्रैक्टर्स आपके ट्रैक्टर चुनाव करने का निर्णय लेने में अवश्य सहयोग करेंगे। सभी ट्रैक्टर्स का चुनाव उनके परफॉर्मेंस और बाज़ार कीमत को ध्यान में रखते हुए किया गया है। ज़्यादा जानकारी के लिए आप ट्रैक्टर के लिए देश के अग्रिम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को विज़िट कर सकते हैं।
ट्रैक्टरकारवां (Tractorkarvan) किसानों को ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों से संबंधित सभी जानकारी के लिए वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म है। ये यूजर-फ्रेंडली सुविधाएं प्रदान करता है, जो किसानों को ट्रैक्टर खोजने, खरीदने और बेचने और ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, कृषि टायर और हार्वेस्टर के फाइनेंसिंग के प्रोसेस में मदद करता है। ट्रैक्टरकारवां पर, किसानों को स्पेसिफिकेशन्स, फ़ीचर्स, प्राइस और ईएमआई और ऑथेन्टिक यूज़र रिव्यू जैसी विस्तृत, अच्छी तरह से रिसर्च की गई और क्यूरेटेड जानकारी मिलती है। ज़मीनी स्तर पर अपनी व्यापक पहुंच के माध्यम से, ट्रैक्टरकारवां भारतीय किसानों को आसानी से ट्रैक्टर चुनने, खरीदने और फाइनेंस करने में सहायता करता है।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या kisanofindia.mail@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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- न्यूट्रास्यूटिकल के रूप में जल ब्राह्मी का इस्तेमाल, किसानों के लिए फ़ायदेमंद हो सकती है इसकी खेतीजल ब्राह्मी औषधीय गुणों वाला पौधा है, जो महत्वपूर्ण हर्बल न्यूट्रास्यूटिकल भी है। ब्राह्मी की फसल रोपाई के 5-6 महीने बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। एक साल में 2-3 कटाई की जा सकती है। ये एक हर्बल न्यूट्रास्यूटिक है, जो न सिर्फ़ शरीर को पोषण देता है, बल्कि बीमारियों की रोकथाम और मानसिक रोगों के इलाज में भी मददगार है।
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- पॉलीहाउस फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं जड़-गांठ सूत्रकृमि, जानिए बचाव के तरीकेसूत्रकृमि कई तरह के होते हैं और ये बहुत सी फसलों को रोगग्रस्त करके नुकसान पहुंचाते हैं। पॉलीहाउस की फसलें भी इससे अछूती नहीं है। सूत्रकृमि के साथ समस्या ये है कि किसान जल्दी इसकी पहचान नहीं कर पाते जिससे जड़-गांठ सूत्रकृमि की रोकथाम मुश्किल हो जाती है।
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- Canola Oil: कनोला सरसों की किस्म की खेती में क्या है ख़ास? जानिए इसकी पोषक गुणवत्तासरसों या राई की कई किस्में होती हैं, इसी में से एक किस्म है कनोला सरसों जो सेहत के लिहाज़ से बहुत लाभदायक मानी जाती है। इसका तेल अन्य तेलों के मुकाबले कहीं ज़्यादा हेल्दी होता है।
- क्यों बाकला की खेती है किसानों के लिए अच्छा विकल्प? जानिए इसके बारे में सब कुछबाकला प्रमुख दलहनी सब्ज़ी है। बाकला की खेती आमतौर पर रबी के मौसम में की जाती है। ये पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है, इसलिए इसकी खेती किसानों के लिए आमदनी बढ़ाने का अच्छा विकल्प हो सकती है।
- क्या हैं लघु धान्य फसलें? कैसे ग्लोबल वार्मिंग के खेती पर पड़ते असर को कम कर सकती हैं ये फसलें?लघु धान्य फसले मोटे अनाज को कहते हैं जिसमें ज्वारा, बाजरा, रागी, कोदो, कुटकी जैसी फसलें आती हैं। ये अनाज न सिर्फ़ पौष्टिक होते हैं, बल्कि मिट्टी और पर्यावरण के लिए भी बहुत उपयोगी है।
- लखनवी सौंफ की खेती से जुड़ी अहम बातें, स्वाद और सेहत का खज़ाना है ये सौंफलखनवी कबाब और चिकनकारी के बारे में तो सुना ही होगा, जो बहुत लोकप्रिय है, लेकिन क्या आपको पता है कि इन सबकी तरह ही लखनवी सौंफ भी बहुत मशहूर है अपने स्वाद और सुगंध के लिए।
- Brown Rice: कैसे सेहत का खज़ाना है भूरा चावल? क्यों भूरे चावल के उत्पादन पर दिया जा रहा है ज़ोर?भूरा चावल जिसे ब्राउन राइस भी कहा जाता है कि खेती भारत, थाइलैंड और बांग्लादेश जैसे एशियाई देशों में की जाती है। पिछले कुछ सालों में सेहत के प्रति सचेत लोगों के बीच इसकी मांग बहुत बढ़ी है, क्योंकि इसे सफेद चावल की बजाय हेल्दी माना जाता है।
- Papaya Products: पपीते से जैम और चेरी बनाकर किसान कर सकते हैं अच्छी कमाईभारत में ढेर सारी बागवानी फसलों की खेती की जाती है, इसमें से एक महत्वपूर्ण फसल है पपीता। पपीते की खेती से किसानों को अधिक आमदनी हो इसके लिए विशेषज्ञ पीपते के मूल्य संवर्धन उत्पादन बनाने की सलाह देते हैं।
- संतुलित आहार से बढ़ेगी दूध की गुणवत्ता, इसके लिए ICAR ने विकसित किया फ़ीड पूरकडेयरी उद्योग में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुओं की सेहत का ख्याल रखने के साथ ही उनके आहार का विशेष ध्यान रखना ज़रूरी है, क्योंकि ये न सिर्फ़ दूध की मात्रा, बल्कि दूध की गुणवत्ता भी निर्धारित करता है।
- Carp Fish: पूरक आहार से बढ़ेगा कार्प मछलियों का उत्पादन, जानिए इसे खिलाने का सही तरीकाकार्प मछलियां दूसरी मछलियों की तुलना में तेज़ी से बढ़ती हैं। ऐसे में अगर उन्हें पूरक आहार यानी सप्लीमेंट्री फ़ूड दिया जाए तो और तेज़ी से वृद्धि कर सकती हैं और जिससे किसानों की लागत कम और मुनाफ़ा अधिक होगा।