गांव व छोटे शहरों में डेयरी उद्योग युवाओं की आमदनी का मुख्य ज़रिया है। पिछले कुछ समय से कई बेरोज़गार युवा डेयरी उद्योग से जुड़कर कमाई कर रहे हैं। किसानों के लिए भी ये अतिरिक्त आमदनी का मुख्य ज़रिया है। प्राकृतिक खेती के लिए भी पशुपालन ज़रूरी है। यानी कुल मिलाकर पशुओं की कृषि में अहम भूमिका है। डेयरी उद्योग में आमदनी का मुख्य ज़रिया होता है दूध और दूध से बने पदार्थ। दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए डेयरी मालिक पशुओं को हरे चारे और अनाज के साथ ही बाज़ार में मिलने वाला कई तरह का चारा खिलाते हैं। इससे पशुओं में मीथेन गैस बनती है, जो उनकी सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए ठीक नहीं है। इस समस्या को हल करने के लिए ICAR, बैंगलोर ने पशुओं के लिए एक खास फीड सप्लीमेंट तैयार किया है, जो पशुओं में मीथेन गैस के उत्सर्जन को कम करेगा। इस सप्लीमेंट को नाम दिया गया है, ‘हरित धरा’।

ICAR ने लॉन्च किया फीड सप्लीमेंट
दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए सिर्फ हरा चारा ही काफ़ी नहीं है। हरा चारा सभी पशुपालकों को आसानी से उपलब्ध भी नहीं हो पाता है। ऐसे में वो पशुओं को गेहूं, धान की भूसी और जवार, मक्का, बाजरा जैसे अनाज खिलाते हैं। इसकी वजह से उनमें मीथेन गैस का उत्सर्जन ज़्यादा होता है। मीथेन गैस पशुओं की सेहत के साथ ही पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है। इसलिए ICAR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनीमल न्यूट्रिशन एंड फिजियोलॉजी, बैंगलोर ने पशुओं के लिए खास फीड सप्लीमेंट बनाया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये पशुओं को पूरा पोषण देने के साथ ही मीथेन गैस के उत्सर्जन को कम करने में मददगार है। इसलिए इस सप्लीमेंट को नाम दिया गया है ‘हरित धरा’।
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— Indian Council of Agricultural Research. (@icarindia) October 6, 2022
हरित धरा के फायदे
– इस सप्लीमेंट को खिलाने पर 0.4 से 0.5 किलोग्राम तक दूध का उत्पादन बढ़ेगा।
– इसे गाय, भैंस और भेड़ को खिलाया जा सकता है।
– इसे खिलाने पर पशुओं में मीथेन गैस के उत्सर्जन को 17 से 20% तक कम करने में मदद मिलेगी।
– इसे खिलाने पर पशुओं का पाचन ठीक रहेगा और उसकी सेहत भी अच्छी रहेगी।
– इस फीड सप्लीमेंट को तैयार करने में टैनिन युक्त पौधों और दूसरे कुदरती स्रोतों का इ्स्तेमाल किया गया है।
– हरित धारा प्राकृतिक फाइटो-स्रोतों से तैयार एक एंटी-मिथेनोजेनिक फीड सप्लीमेंट है।
मीथेन गैस से ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा
एक रिसर्च के मुताबिक, पशुओं से पैदा होने वाली मीथेन गैस औद्योगिक देशों के मुकाबले 50-100% ज्यादा है। मीथेन गैस ग्रीन हाउस गैसों का निर्माण करके ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाती है। ऐसे में पशुओं को ‘हरित धरा’ खिलाने से मीथेन गैस का उत्सर्जन कम होगा जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
दूध उत्पादन बढ़ाने और पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए अनाज की भूसी और कृषि अवशेषों के साथ ही अन्य पोषक तत्व भी खिलाए जाते हैं, जैसे सरसों, तिल, मूंगफली, अलसी और बिनौले आदि की खली। हरित धरा भी इसी श्रेणी में आने वाला इको फ्रेंडली फीड सप्लीमेंट है जो पशुओं के संपूर्ण स्वास्थ्य का ख्याल रखने के साथ ही दूध उत्पादन बढ़ाने में मददगार है।
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