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लौकी की खेती: ‘लौकी मैन’ डॉ. शिवपूजन सिंह ने ईज़ाद की 6 फीट लंबी लौकी की किस्म, जानिए ख़ासियत

जानिए लौकी की किस्म 'नरेंद्र शिवानी' की खेती कब और कैसे करें

हम लौकी की ऐसी किस्म के बारे में बताने वाले हैं जो अपनी लम्बाई और स्वाद के लिए काफ़ी मशहूर है। इसके बारे में आपने कम ही सुना होगा। लौकी की खेती से जुड़ी और कई बातें हम आपको बताएंगे।

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भारत में उष्णकटिबंधीय जलवायु पाई जाती है, जिसके कारण यहां कई तरह की सब्जियों का उत्पादन होता है। आपने बहुत सब्जियों के बारे में सुना और खाया भी होगा, लेकिन हम लौकी की ऐसी किस्म के बारे में बताने वाले हैं जो अपनी लम्बाई और स्वाद के लिए काफ़ी मशहूर है। इसके बारे में आपने कम ही सुना होगा। इस समय देश के कई राज्यों में लौकी की ये किस्म अपनी लम्बाई को लेकर चर्चा में है। किसान ऑफ़ इंडिया के साथ ख़ास बातचीत में लौकी पुरूष डॉ. शिवपूजन सिंह ने इस लौकी की किस्म के बारे में बताया।

लौकी में औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसमें विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और जिंक प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होते हैं।

Sheo Pujan Singh - लौकी की खेती
Prof Sheo Pujan Singh “Lauki Purush” (Bottle gourd man) Photo by Kisan of India.

कौन सी है सबसे लम्बी लौकी की किस्म?

हमारे देश को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां पर लौकी दो प्रकार की पाई जाती हैं। गोल लौकी और लम्बी लौकी, जिसकी बहुत सी किस्म पाई जाती हैं। देश में लौकी की सबसे लम्बी किस्म नरेंद्र शिवानी है, जिसके जनक डॉ. शिवपूजन सिंह हैं।

डॉ. शिवपूजन सिंह को लौकी पुरूष के नाम से भी जाना जाता है। किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि उनके द्धारा ‘नरेंद्र शिवानी’ किस्म की सबसे लम्बी फलत अभी तक 6 फीट 4 इंच रही है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। नरेंद्र शिवानी का उत्पादन देश की कई जगहों पर 7 और 8 फीट लम्बी होने का भी दवा किया गया है जिस पर रिसर्च चल रही है।

Prof Sheo Pujan Singh Lauki Purush - लौकी की खेती
Prof Sheo Pujan Singh “Lauki Purush” (Bottle gourd man) Photo by Kisan of India.

कब करें लौकी की किस्म ‘नरेंद्र शिवानी’ की बुआई?

डॉ. शिवपूजन बताते हैं कि नरेंद्र शिवानी किस्म की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 25 जुलाई से 10 अगस्त तक नरेंद्र शिवानी किस्म की बुआई कर देनी चाहिए। जो बुआई के लगभग 70 दिन बाद फल देना शुरू कर देती है। रिसर्च में ये पाया गया है कि अक्टूबर की आखिर या नवम्बर के पहले सप्ताह में प्राप्त होने वाली उपज की लम्बाई ज़्यादा होती है।

लौकी की खेती Lauki Farming
लौकी की खेती (Photo: Kisan of India)

kisan of india twitter

लौकी की किस्म ‘नरेंद्र शिवानी’ की बुआई थाला बना कर करना चाहिए। एक थाले का स्पेस 20-40 वर्ग मीटर रखना चाहिए, जिससे पौधे को फैलने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। लौकी की बेल को फैलाने के लिए 8-10 फ़ीट ऊंचा मचान बनाकर लौकी की बेल को फैलाने के लिए छोड़ देना चाहिए। इससे लौकी के पौधे का विकास अच्छा होता है और अच्छी उपज प्राप्त होती है।

‘लौकी मैन’ डॉ. शिवपूजन सिंह ने ईज़ाद की 6 फीट लंबी लौकी की किस्म
‘लौकी मैन’ डॉ. शिवपूजन सिंह ने ईज़ाद की 6 फीट लंबी लौकी की किस्म

डॉ. शिवपूजन सिंह ने करीब 17 प्रजातियों को विकसित किया है, जिनमें सर्वाधिक 9 लौकी किस्में, 4 काशीफल किस्में, 3 परवल की किस्में और 1 करेले की किस्म है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या kisanofindia.mail@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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