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जानिए कैसे PMFME स्कीम का लाभ लेकर तेलंगाना की इन महिलाओं ने खड़ा किया एग्री बिज़नेस

कई ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स पर मार्केट उपलब्ध

खेती के अलावा, अतिरिक्त आमदनी के लिए मूल्य संवर्धन उत्पाद (Value Added Products) बनाकर बेचना अच्छा विकल्प है। तेलंगाना की महिला किसानों ने इस बात को समझा और कई स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने मिलकर एग्री बिज़नेस शुरू किया। एग्री बिज़नेस शुरू करने में PMFME स्कीम का फ़ायदा उन्हें मिला।

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PMFME स्कीम | जिन इलाकों में पूरे साल खेती नहीं होती है, वहां आजीविका के लिए किसानों को गैर कृषि गतिविधियों में भी संलग्न रहना पड़ता है। तेलंगाना के जगतियाल ज़िले का अंतरगाव ऐसा ही गाँव है जहां पूरे साल खेती नहीं होती है। ऐसे में यहां की महिलाएं गैर-कृषि कार्यों में व्यस्त रहती हैं। आमदनी बढ़ाने के लिए कई महिलाओं ने मिलकर साझा रूप से Spoorthy Food Products ब्रांड के तहत अपने उद्यम की शुरुआत की।

PMFME स्कीम एग्री बिज़नेस

स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की साझा पहल

यह सभी महिलाएं अलग-अलग स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं। इस गाँव के लोग आजीविका के लिए मुख्य रूप से खेती पर ही निर्भर रहते हैं। हालांकि, स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाएं खेती के अलावा, ऑफ़ सीजन में टोकरी बनाने, ईंधन के लिए लकड़ियां जुटाने और सिलाई जैसे गैर-कृषि कार्यों मे व्यस्त रहती थीं।

मुख्य फसलें

इलाके में हल्दी, तिल, मूंगफली, धान, मिर्च आदि मुख्य रूप से उगाया जाता है। स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों ने CIF लोन, SHG बैंक लिंकेज लोन और श्रीनिधी लोन लेकर अपने उद्यम को आगे बढ़ाया।

कैसे शुरू किया बिज़नेस?

IKP/DRDA स्टाफ और ICICI foundation ने संयुक्त रूप से गाँव में ही उपलब्ध स्थानीय सामग्री जैसे हल्दी, मिर्ची पाउडर और मूंगफली व तिल के कोल्ड प्रेस/वुड प्रेस ऑयल जैसे मूल्य संवर्धन उत्पादों के संबंध में कार्यक्रम का आयोजन किया। इन उत्पादों के ज़रिए किसानों को अतिरिक्त आमदनी प्राप्त करने में मदद मिली। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों को उद्यम स्थापित करने का आइडिया आया।

5 फरवरी 2021 को Spoorthy Food Products की स्थापना की गई। यह उद्यम ‘सहजा’ ब्रांड नाम से उत्पाद बनाता है, जिसमें हल्दी पाउडर, मिर्च पाउडर, तिल का तेल, मूंगफली का तेल शामिल है। शुरू में कुछ दिक्कतें भी आईं। उत्पादों की पैकेजिंग, ब्रांडिग, कच्चे माल की कमी और बैंक से तुरंत लोन न उपलब्ध होने जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

मिली आर्थिक मदद

महिला सदस्यों को अपना व्यवसाय आगे बढ़ाने के लिए 2 लाख रुपये की सीड कैपिटल सहायता Pradhan Mantri Formalisation of Micro Food Processing Enterprises Scheme (PMFME) स्कीम के तहत मिली। लोन की राशि से महिलाओं ने हल्दी पाउडर बनाने की मशीन और डिजिटल वेट मशीन खरीदी। इस सहायता राशि से उन्हें अपना काम आगे बढ़ाने में आसानी हुई।

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मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल

कई सार्वजनिक कार्यक्रमों, इवेंट्स में Spoorthy Food Products अपने उत्पादों की मार्केटिंग करता है। कई थोक व खुदरा दुकानों पर भी इनके प्रॉडक्ट्स उपलब्ध हैं। इसके अलावा, जगतियाल ज़िले के रूरल मार्ट के ज़रिए भी उत्पादों की बिक्री की जाती है।

वह कई ज़िलों में सरस मेला, नाबार्ड मेलों, अखिल भारतीय औद्योगिक प्रदर्शनियों, हथकरघा और हस्तशिल्प जैसे मेलों में अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाते हैं। मार्केटिंग के लिए वह इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन महिलाओं का लक्ष्य अपने काम को दूसरे ज़िलों तक बढ़ाना और अपने उत्पाद सुपरमार्केट तक पहुंचाना है। 2020-21 में स्पूर्थी फूड प्रोडक्ट्स का टर्नओवर लगभग 3 लाख रुपये रहा।

PMFME स्कीम एग्री बिज़नेस
तस्वीर साभार: mofpi

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