अदरक की खेती (Ginger Cultivation) बतौर नकदी फसल की जाती है। अदरक का इस्तेमाल चाय और सब्जी के अलावा अचार, मुरब्बा और चटनी बनाने में भी होता है। सालभर इसकी मांग बनी रहती है। इसकी पकी गांठों को सुखाकर सोंठ तैयार किया जाता है, जिसकी विदेशों में अच्छी ख़ासी मांग है। यही वजह है कि अदरक की खेती करने वाले किसानों के पास हमेशा अच्छा मुनाफ़ा कमाने का मौका रहता है। अदरक की खेती में भारत पहले पायदान पर है। 33 फ़ीसदी अदरक का उत्पादन अकेले भारत में होता है।
अदरक की खेती में जलवायु मुख्य कारक
अदरक की खेती गर्म और आर्द्रता वाले क्षेत्रों में की जाती है। साथ ही मध्यम बारिश अदरक की गांठों (राइज़ोम) को जमाने के लिए ज़रूरी होती हैं। अदरक की अच्छी उपज के लिए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है। तापमान इससे ज़्यादा होने पर फसल को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं 10 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान की वजह से पत्तों और प्रकन्दों को नुकसान पहुंचता है। बुवाई के अंकुर फूटने तक हल्की नमी, फसल बढ़ते समय मध्यम बारिश और फसल की तुड़ाई के एक महीने पहले शुष्क मौसम होना चाहिए।

कैसे करें खेत तैयार?
अदरक की अधिक उपज के लिए हल्की दोमट या बलूई दोमट मिट्टी सबसे सही रहती है। 6.0 से 7.5 पीएच मान वाली भूमि में अदरक की अच्छी पैदावार मिलती है। अदरक के खेती के लिए जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की अच्छे से जुताई कर लें। इसके बाद देसी हल या कल्टीवेटर से एक और जुताई कर लें। इससे मिट्टी भूरभूरी हो जाएगी। आखिरी जुताई करने के 3 से 4 हफ़्ते पहले खेत में 250 से 300 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद डाल दें। इसके बाद एक या दो बार फिर से खेत की अच्छे से जुताई कर खाद को मिट्टी में मिला दें। इसके बाद ही अदरक की खेती करें।

तीन विधियों से कर सकते हैं अदरक की बुवाई
अदरक की फसल को तैयार होने में 8 से 9 महीने का समय लग जाता है। एक हेक्टेयर से अदरक की पैदावार 150 से 200 क्विंटल तक हो जाती है। जानिए अदरक बुवाई की तीन विधियों के बारे में।
1) क्यारी विधि- इस विधि में 1.20 मीटर चौड़ी और 3 मीटर लंबी क्यारियां बनाई जाती हैं। ये क्यारियां जमीन की सतह से 15-20 सेंटीमीटर ऊंची होनी चाहिए। प्रत्येक क्यारी के चारो ओर 50 सेंटीमीटर चौड़ी नाली बनानी चाहिए। क्यारी में 30-20 सेंटीमीटर दूरी पर 8 से 10 सेंटीमीटर की गहराई में बीज की बुवाई करनी चाहिए।
2) मेड़ विधि- इस विधि में 20 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज की बुवाई करने के बाद मिट्टी चढ़ाकर मेड़ बनाई जाती है। बीज 10 सेंटीमीटर की गहराई में बोया जाता है। इससे बीजों का अंकुरण अच्छा होता है। जिन क्षत्रों में जलजमाव की समस्या हो, उन क्षेत्रों में इस विधि से अदरक की खेती की जाती है।
3) समतल विधि- ये विधि हल्की मिट्टी में अपनाई जाती है। इस विधि में 30 सेंटीमीटर पंक्ति से पंक्ति की दूरी होनी चाहिए। पौधे से पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर होती है। बीज की बुवाई 8 से 10 सेंटीमीटर की गहराई में होनी चाहिए। जिन क्षेत्रों में पर जलजमाव की स्थिति नहीं होती, वहाँ इस विधि से खेती की जाती है।

अदरक की उन्नत किस्में:
मरान- ये किस्म हल्के सुनहरे रंग की होती है। 230-240 दिन में तैयार हो जाती है। इस किस्म की उपज क्षमता 175 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस किस्म में मृदु विगलन रोग नहीं लगता। मृदु विगलन रोगरोग में पत्तियों का रंग पीला पड़ जाता है और पत्तियां सूख जाती है।

नदिया- ये किस्म ख़ासतौर पर बिहार के लिए उपयुक्त मानी जाती है। 8 से 9 महीने में ये तैयार हो जाती है। इसकी उपज क्षमता 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टर है।

सुप्रभा- इस किस्म की उपज क्षमता 200-230 क्विंटल प्रति हेक्टर है। ये किस्म 225 से 230 दिन में तैयार हो जाती है। साथ ही ये किस्म प्रकन्द विगलन रोग के प्रति सहनशील है।

जोरहट- ये असम की लोकप्रिय किस्म है। उपज क्षमता 200-225 क्विंटल प्रति हेक्टर है। 8 से 10 महीने में तैयार हो जाती है।

रियो डी जेनेरियो- इस किस्म का छिलका सफेद और चमकदार होता है। इस किस्म की उपज क्षमता 200–230 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। 225 से 230 दिन में तैयार हो जाती है। यह किस्म प्रकंद विगलन रोग के प्रति सहनशील है।

अदरक की फसल मुख्यतौर पर 8 से 9 महीनों में तैयार हो जाती है। जब पौधे की पत्तियां पीली पड़नी शुरू हो जाएं, तब खुदाई करनी चाहिए। खुदाई के बाद प्रकन्दों को पानी से धोकर एक दिन के लिए धूप में सूखा लेना चाहिए। ध्यान रखें कि खुदाई से देरी करने पर प्रकन्दों की गुणवत्ता और भण्डारण क्षमता में बूरा असर पड़ता है। भण्डारण के समय प्रकन्दों का अंकुरण होने लगता है। इन सब बातों का ध्यान रखा जाए तो किसानों को अदरक की अच्छी उपज प्राप्त होगी।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

ये भी पढ़ें:
- Fake And Substandard Fertilizers : नकली और घटिया खाद के धोखे को रोकने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम, अब होगी सख्त कार्रवाईकेंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture and Farmers Welfare Minister Shivraj Singh Chouhan) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर नकली और घटिया गुणवत्ता वाली खाद (Fake and poor quality fertilizers) की बिक्री पर तुरंत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
- The Poultry Expo 2025 का इंडिया एक्सपो मार्ट, ग्रेटर नोएडा में 21 से 23 अगस्त तक होने जा रहा है आयोजनThe Poultry Expo 2025 ग्रेटर नोएडा में होगा भारत का सबसे बड़ा पोल्ट्री एक्सपो, जहां इनोवेशन, नेटवर्किंग और मार्केट की अपार संभावनाएं मिलेंगी।
- World Youth Skills Day: देश के युवा आधुनिक कृषि तकनीक, जैविक खेती के साथ कृषि क्रांति में भर रहे नई उड़ान15 जुलाई, विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) के अवसर पर आइए जानते हैं कि कैसे देश के युवा आधुनिक कृषि तकनीक, जैविक खेती, कृषि-उद्यमिता (Agripreneurship) और फूड प्रोसेसिंग (Food Processing सुनहरा भविष्य बना रहे हैं।
- Ornamental Fish Rearing: सजावटी मछली पालन है फायदेमंद शौक के साथ शानदार बिज़नेस भीसजावटी मछली पालन (Ornamental Fish Rearing) न सिर्फ एक अच्छा शौक है, बल्कि एक फ़ायदेमंद बिज़नेस (Fish Farming) भी बन सकता है। अगर आपको मछलियों से प्यार है और आप कुछ अलग करना चाहते हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है।
- Bio Mustard farming: सरसों की जैविक खेती को अपनाकर चुनें सालों-साल ज़्यादा उपज पाने का रास्तासरसों की जैविक खेती (Bio mustard farming) से कम लागत में अधिक मुनाफ़ा संभव है। नए शोध से साबित हुआ है कि जैविक तरीक़े से उपज को साल दर साल बढ़ाया जा सकता है।
- Google’s AI Revolution: भारतीय किसानों के लिए खुशख़बरी, AMED API नया डिजिटल साथीGoogle ने भारत के कृषि क्षेत्र को बदलने के लिए एक बड़ी पहल की है। इसके तहत AMED API (Agricultural Monitoring and Event Detection) और भारतीय भाषाओं व संस्कृति को समझने वाले एआई मॉडल्स (AI Models) लॉन्च किए गए हैं। यह न सिर्फ किसानों के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगा।
- भोपाल में रोज़गार मेला: शिवराज सिंह चौहान ने सौंपी युवाओं को नियुक्ति पत्र, बोले – विकसित भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदमभोपाल में शिवराज सिंह चौहान ने रोज़गार मेला में 51,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे।
- CM योगी का ‘Green Gold’ विजन: Carbon Credits से उत्तर प्रदेश बनेगा अमीर,अयोध्या बनेगा ‘ग्रीन सिटी’योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को देश का पहला ‘कार्बन क्रेडिट हब’ (Carbon Credits Hub) बनाने की ओर बड़ा कदम बढ़ाया है।
- बिहार का ‘मखाना’ अब Global Star: सुपरफूड मखाना बिहार के किसानों की आय में लगाएगा पंख, जानें कैसे HS कोड ने बदला गेममखाना और इससे बने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अलग-अलग HS Code (Harmonized System Code) मिल गया है। ये निर्णय बिहार के किसानों, उद्यमियों और निर्यातकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
- गन्ने की प्राकृतिक खेती के साथ ही प्रोसेसिंग से अच्छी कमाई कर रहे हैं प्रगतिशील किसान योगश कुमार, जानिए उनका सक्सेस मंत्रगन्ने की प्राकृतिक खेती के साथ ही प्रोसेसिंग कर इनोवेटिव किसान योगेश कुमार बना रहे हैं नए उत्पाद और कमा रहे हैं बेहतर मुनाफ़ा।
- महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक कदम: पशुपालन को कृषि का दर्जा मिला, लाखों पशुपालकों को मिलेगा सीधा लाभमहाराष्ट्र में पशुपालन को कृषि का दर्जा मिलने से पशुपालकों को कृषि दर पर बिजली, ऋण व सब्सिडी सहित कई लाभ मिलेंगे।
- Revolution In Cotton Farming: कृषि मंत्री ने एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ का दिया नारा, कहा- किसानों के साथ मिलकर बढ़ाएंगे उत्पादकतादेशभर से आए कपास उत्पादक किसानों, वैज्ञानिकों और हरियाणा के कृषि मंत्री राणा सिंह के साथ मिलकर कपास की खेती (Revolution In Cotton Farming) को बेहतर बनाने पर चर्चा की। इस बैठक का मकसद था – ‘कपास की पैदावार बढ़ाना, लागत कम करना और नई तकनीकों को खेतों तक पहुंचाना।’
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से किसानों की आय में वृद्धि, बदलाव की राह पर जांजगीर-चांपा के किसानराष्ट्रीय कृषि विकास योजना से किसान अपना रहे परिवर्तन खेती का मॉडल, कम लागत में अधिक मुनाफ़ा और बन रहे आत्मनिर्भर।
- किसानों के लिए बड़ी खुशख़बरी: अब e-NAM पर इन 7 नई फसलों की भी होगी ऑनलाइन बिक्री, मिलेगा बेहतर दामअब ई-नाम (e-NAM) पोर्टल पर 238 कृषि उत्पादों की सूची में 7 नई फसलों को शामिल (7 new crops included in the list of 238 agricultural products) किया गया है।
- Big Initiative Of Bihar Government: अब आपदा में मरे मवेशियों पर मिलेगी मोटी रकम, जानें कैसे उठाएं लाभबिहार सरकार ने (Big Initiative Of Bihar Government) एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। अब राज्य में बाढ़ या किसी अन्य आपदा के दौरान मरे हुए या लापता मवेशियों के बदले पशुपालकों को आर्थिक मदद (Financial help to cattle owners in lieu of dead or missing cattle) मिलेगी।
- National Conference On Cotton :11 जुलाई को कोयम्बटूर में कपास क्रांति की तैयारी, किसान भी भेज सकते हैं सरकार को अपने सुझाव11 जुलाई 2025 को कोयम्बटूर में कपास पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference on Cotton) आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में देशभर के किसानों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर कपास उत्पादन बढ़ाने, जलवायु अनुकूल बीज विकसित करने और किसानों की आय दोगुनी करने पर मंथन किया जाएगा।
- शेखावाटी के किसानों ने पारंपरिक खेती छोड़ अपनाई पॉलीहाउस में खेती की तकनीकपॉलीहाउस में खेती से किसान कमा रहे लाखों, सरकार दे रही अनुदान और ड्रिप सिस्टम से हो रही जल बचत, जानिए पूरी कहानी।
- National Fish Farmers Day 2025: भारत मना रहा नीली क्रांति का जश्न, मछली पालन में 10 साल में दोगुना हुआ उत्पादन10 जुलाई, 2025 को राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस (National Fish Farmers Day 2025) के मौके पर नए मत्स्य क्लस्टर्स (Fisheries Clusters), प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Programs) और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (Infrastructure Projects) की घोषणा होने जा रही है, जो इस क्षेत्र को और आगे बढ़ाएगी।
- राजस्थान के बाड़मेर जिले में खजूर की खेती बनी हरियाली और आमदनी का ज़रियाबाड़मेर में खजूर की खेती से किसानों की आमदनी में हुआ ज़बरदस्त इज़ाफ़ा, मेडजूल जैसी क़िस्मों से बदली रेगिस्तान की क़िस्मत।
- HETHA Dairy: एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने देसी गायों के एथिकल गौपालन से खड़ा किया करोड़ों का उद्योग, जानिए कैसे?HETHA Dairy देसी गौपालन का बड़ा उदाहरण है, जहां असीम रावत ने एथिकल तरीके से 1100 गायों के साथ करोड़ों का व्यवसाय खड़ा किया।