खरीफ़ की धान जैसी मुख्य फसल में किसानों की मेहनत पर पानी फेरने के लिए कई तरह के कीट-पतंग घात लगाए बैठे रहते हैं। ऐसे में किसान भाईयों के लिये ये चुनौती भरा कार्य हो जाता है कि वो किस तरह अपनी धान की फसल की देखभाल करें। कीटों के प्रकोप से निज़ात पाने के लिए ज़रूरी है कि कीटों की ठीक प्रकार से पहचान हो। उसके रोकथाम के बारे में पूरी जानकारी हो। फसल में ज़्यादा केमिकलों का इस्तेमाल भी न करना पड़े और कम लागत में धान पर लगने वाले कीटों का नियंत्रण किया जा सके। इस पर किसान ऑफ़ इंडिया ने कृषि विज्ञान केंद्र गौतमबुद्ध नगर के पौध सुरक्षा विशेषज्ञ और प्रमुख डॉ. मयंक कुमार राय से ख़ास बात की।
तना छेदक कीट की पहचान और रोकथाम
डॉ. मयंक कुमार राय बताते हैं कि धान में लगने वाले प्रमुख कीटों में से एक है तना छेदक कीट। ये कीट फसल की किसी भी अवस्था में धान के पौधों में छेद कर उसके गाभों को अन्दर से काट देते हैं। इससे पौधे का गाभा सूखा हुआ दिखाई देता है। इसके नियंत्रण के लिए नर्सरी से पौध निकालने के बाद पौध के ऊपरी शिरे को कांट-छांट कर हटा दें ताकि कीट के अंडे धान के खेत तक न पहुंचे।
तना छेदक कीट नियंत्रण के लिए फेरोमेन ट्रेप का इस्तेमाल करें। फसल की सुरक्षा के लिए कई तरह के कीटनाशकों का भी प्रयोग कर सकते हैं। तना छेदक की रोकथाम के लिए कार्बोफूरान तीन जी 20 किलोग्राम या कारटाप हाइड्रोक्लोराइड चार प्रतिशत 18 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से 3 से 5 सेंटीमीटर स्थिर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।

ये भी पढ़ें: Seed Drill Farming Of Paddy: धान की सीधी बुआई तकनीक का आसान मतलब है कम लागत में अधिक उत्पादन
पत्ती लपेटक कीट का रोकथाम उपाय
डॉ. मयंक कुमार राय ने बताया कि पत्ती लपेटक कीट के शिशु, अंडे से बाहर आकर पत्तियों के दोनों किनारों को अपनी लार द्वारा आपसे में सिल देते हैं। इसमें रहकर पत्तियों के हरे भाग को खुरचकर खाते रहते हैं। इससे पत्तियां जालीनुमा दिखायी देती हैं, जो बाद में सुख जाती हैं। इसके कारण धान की पैदावार काफी घट जाती है।
धान की फसल में दोनों तरफ से रस्सी को खेत में घुमाने से कीट के लार्वा पानी में गिरकर नष्ट हो जाते हैं। इस कीट के रासायनिक रोकथाम के लिए 1 मिलीलीटर डायमेथोएट दवा 1 लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें।
ये भी पढ़ें: धान की खेती (Paddy Cultivation): किन-किन उन्नत किस्मों से बढ़ेगा उत्पादन और मिलेगा अच्छा दाम
धान का सबसे हानिकारक कीट है भूरा फुदका (बीपीएच)
पौध सुरक्षा विशेषज्ञ के अनुसार धान में सबसे ज़्यादा हानि पहुंचाने वाले प्रमुख कीटों में से एक नाम फुदका का भी है फुदका कीट दो तरह के होते हैं, हरा फुदका और भूरा फुदका। हरा फुदका कीट को पहचानना बेहद आसान है। ये पौधों के रस को चूस लेते हैं, जिससे पत्तियां पीली पड़ जाती हैऔर पौधे की वृद्धि रूक जाती है। यह कीट पौधे के निचले भाग में जड़ों की ओर पाये जाते हैं। पौधों के तनों का रस चूसते हैं, जिसके कारण धान के पौधे सूख जाते है। इस कीट की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोप्रिड दवा की1 मिलीलीटर दवा प्रति 3 लीटर पानी के हिसाब से मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
धान की दुधिया अवस्था में होता है गंधी बग कीट अटैक
डॉ. राय ने कहा कि गंधी बग कीट से एक तरह की ख़ास किस्म की दुर्गंध आती हैं। धान में इस कीट का आक्रमण बालियों के निकलते समय होता है।यह कीट धान की बालियों के दुग्ध अवस्था पर इनका दूध चूसते हैं। इस कारण इनके दाने ठीक तरह से नहीं बन पाते।
इस कीट के नियंत्रण के लिए फसल की रोपनी के बाद खेतों की नियमित पड़ताल करते रहना ज़रूरी है। इस दौरान अगर खेत में इस कीट का प्रकोप अधिक दिखाई दे तो फसल सुरक्षा के लिए कीट नाशकों का प्रयोग करना ज़रूरी हो जाता है। इसके लिए मिथाइल पैराथियॉन दवा 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में भुरकाव करना चाहिए।
ग्रास हॉपर कीट की पहचान और रोकथाम
धान की फसल में लगने वाले कीटों में से एक अन्य कीट है ग्रास हॉपर। इसे टिड्डा भी कहते हैं। हरे पीले रंग के ये कीट 40 से 50 मिलीमीटर लम्बे होते हैं, जिसके गर्दन पर काले रंग की तीन धारियां होती हैं। अगस्त से सितम्बर माह के बीच इस कीट का प्रकोप देखने को मिलता है। इस कीट से बचाव के लिये खेत में पानी भरा रखें, जिससे इसके अंडे खत्म हो जाएं।
कीटनाशक रसायनों के मुकाबले समेकित कीट प्रंबधन पर दें ज्यादा जोर
पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. मयंक कुमार राय ने सुझाव दिया कि अगर किसान फसल चक्र में बदलाव करें तो इन कीटों का प्रकोप कम हो जाएगा। अगर फसल पर बड़े पैमाने पर कीट लगे हों तो फसल की सिंचाई करने के बाद फसल के ऊपर एक रस्सी को आर-पार करते हुए फेरा लगाना चाहिए। फेरा लगने के बाद फसल में लगे कीट रस्सी से टकराकर पानी में गिरेंगे और नष्ट हो जाएंगे। इसके अलावा, खेतों में कई तरह के ट्रैप्स लगाएं जैसे फेरोमोन ट्रैप किसानों के लिए कारगर हथियार है।
मित्र कीट के ज़रिए हानिकारक कीटों का नियंत्रण
डॉ. राय ने बताया कि फसल के हानिकारक कीटों को मित्र कीट के ज़रिए भी नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आजकल ट्राइकोग्रामा, क्राईसोपरला, लेडी बर्ड बीटल जैसे मित्र कीटों को जैव प्रयोगशाला में पालकर इनकी संख्या बढ़ाई जाती है। फिर इनका प्रयोग खेतों में कर हानिकारक कीटों के प्रभाव को खत्म किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जैविक कीटनाशक बनाकर या बाज़ार से खरीदकर हानिकारक कीटों की रोकथाम की जा सकती है। कीटनाशक रसायनों के मुकाबले समेकित कीट प्रंबधन के कई फायदे हैं। ये टिकाऊ हैं और प्रकृति में पाए जाने वाले संसाधनों पर आश्रित होने के कारण लाभदायक हैं। ये पर्यावरण को संतुलित रखने में भी मददगार साबित होते हैं।
Basmati Rice: बासमती धान की खेती के लिए कैसे तैयार करें उन्नत नर्सरी? डॉ. रितेश शर्मा से जानिए उन्नत तकनीकों के बारे में
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
ये भी पढ़ें:
- Revolution In Cotton Farming: कृषि मंत्री ने एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ का दिया नारा, कहा- किसानों के साथ मिलकर बढ़ाएंगे उत्पादकतादेशभर से आए कपास उत्पादक किसानों, वैज्ञानिकों और हरियाणा के कृषि मंत्री राणा सिंह के साथ मिलकर कपास की खेती (Revolution In Cotton Farming) को बेहतर बनाने पर चर्चा की। इस बैठक का मकसद था – ‘कपास की पैदावार बढ़ाना, लागत कम करना और नई तकनीकों को खेतों तक पहुंचाना।’
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से किसानों की आय में वृद्धि, बदलाव की राह पर जांजगीर-चांपा के किसानराष्ट्रीय कृषि विकास योजना से किसान अपना रहे परिवर्तन खेती का मॉडल, कम लागत में अधिक मुनाफ़ा और बन रहे आत्मनिर्भर।
- किसानों के लिए बड़ी खुशख़बरी: अब e-NAM पर इन 7 नई फसलों की भी होगी ऑनलाइन बिक्री, मिलेगा बेहतर दामअब ई-नाम (e-NAM) पोर्टल पर 238 कृषि उत्पादों की सूची में 7 नई फसलों को शामिल (7 new crops included in the list of 238 agricultural products) किया गया है।
- Big Initiative Of Bihar Government: अब आपदा में मरे मवेशियों पर मिलेगी मोटी रकम, जानें कैसे उठाएं लाभबिहार सरकार ने (Big Initiative Of Bihar Government) एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। अब राज्य में बाढ़ या किसी अन्य आपदा के दौरान मरे हुए या लापता मवेशियों के बदले पशुपालकों को आर्थिक मदद (Financial help to cattle owners in lieu of dead or missing cattle) मिलेगी।
- National Conference On Cotton :11 जुलाई को कोयम्बटूर में कपास क्रांति की तैयारी, किसान भी भेज सकते हैं सरकार को अपने सुझाव11 जुलाई 2025 को कोयम्बटूर में कपास पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference on Cotton) आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में देशभर के किसानों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर कपास उत्पादन बढ़ाने, जलवायु अनुकूल बीज विकसित करने और किसानों की आय दोगुनी करने पर मंथन किया जाएगा।
- शेखावाटी के किसानों ने पारंपरिक खेती छोड़ अपनाई पॉलीहाउस में खेती की तकनीकपॉलीहाउस में खेती से किसान कमा रहे लाखों, सरकार दे रही अनुदान और ड्रिप सिस्टम से हो रही जल बचत, जानिए पूरी कहानी।
- National Fish Farmers Day 2025: भारत मना रहा नीली क्रांति का जश्न, मछली पालन में 10 साल में दोगुना हुआ उत्पादन10 जुलाई, 2025 को राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस (National Fish Farmers Day 2025) के मौके पर नए मत्स्य क्लस्टर्स (Fisheries Clusters), प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Programs) और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (Infrastructure Projects) की घोषणा होने जा रही है, जो इस क्षेत्र को और आगे बढ़ाएगी।
- राजस्थान के बाड़मेर जिले में खजूर की खेती बनी हरियाली और आमदनी का ज़रियाबाड़मेर में खजूर की खेती से किसानों की आमदनी में हुआ ज़बरदस्त इज़ाफ़ा, मेडजूल जैसी क़िस्मों से बदली रेगिस्तान की क़िस्मत।
- HETHA Dairy: एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने देसी गायों के एथिकल गौपालन से खड़ा किया करोड़ों का उद्योग, जानिए कैसे?HETHA Dairy देसी गौपालन का बड़ा उदाहरण है, जहां असीम रावत ने एथिकल तरीके से 1100 गायों के साथ करोड़ों का व्यवसाय खड़ा किया।
- नागालैंड में Rani Pig के साथ सुअर पालन बना ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मज़बूत आधारRani Pig और वैज्ञानिक तकनीक से नागालैंड के सुअर पालन को मिल रही है नई दिशा, जानिए कैसे किसानों की आय में हो रही है वृद्धि।
- Sardar Patel Co-operative Dairy Federation: देश के डेयरी किसानों के लिए गेम-चेंजर, 5 लाख गांवों को मिलेगा फायदासरदार पटेल कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (Sardar Patel Co-operative Dairy Federation) यानि SPCDF की स्थापना की गई है, जो देश के उन लाखों डेयरी किसानों को सशक्त बनाएगी, जो अभी तक सहकारी आंदोलन से जुड़े नहीं हैं।
- उत्तराखंड के किसानों के लिए बड़ी खुशख़बरी, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किये ये बड़े ऐलानमहत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री ने उत्तराखंड के विकास (Agriculture and Rural Development in Uttarakhand) के लिए कई बड़े फैसले लिए। इस दौरान राज्य की मांग के अनुसार कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरसंभव सहायता देने की बात कही। जानिए क्या मिलेगा राज्य को?
- मिज़ोरम में ब्रोकली की खेती में नया बदलाव – पोषक प्रबंधन और मिनी स्प्रिंकलर तकनीक से आई क्रांतिब्रोकली की खेती में Integrated Nutrient Management और Mini Sprinkler System से मिज़ोरम के किसानों को मिली उन्नत पैदावार और बेहतर आमदनी।
- Pangasius Fish Cluster : उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में डेवलप हो रहा उत्तर भारत का ‘पंगेसियस क्लस्टर’सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) में बनने वाले पंगेसियस क्लस्टर (Pangasius Fish Cluster) में मछली के प्रोडक्शन, प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग), पैकेजिंग और एक्सपोर्ट की सभी सुविधाएं होंगी। इससे स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा और किसानों की आय बढ़ेगी।
- Meri Panchayat App : ‘मेरी पंचायत ऐप’ से पाएं पंचायत की हर जानकारी और मौसम का पूर्वानुमान सिर्फ एक क्लिक पर! केंद्र सरकार की ओर से लॉन्च किया गया ‘मेरी पंचायत’ App (Meri Panchayat App) ग्रामीण भारत को डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ये ऐप न सिर्फ पंचायत से जुड़ी सभी योजनाओं, फंड और विकास के कामों की जानकारी देता है, बल्कि अब इसमें 5 दिन का मौसम पूर्वानुमान (5 day weather forecast) भी शामिल किया गया है।
- Primary Agricultural Credit Society: PACS के ज़रिये से सहकारिता क्रांति, किसानों को मिल रहीं कृषि सेवाएं और सस्ता ऋणगांव में मल्टीपर्पस PACS (primary agricultural credit societies) के तहत डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियां स्थापित की जा रही है। ये योजना किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने वाली है, जिसमें कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन, भंडारण, मार्केटिंग और डिजिटल सेवाओं का विस्तार शामिल है।
- प्राकृतिक खेती अपनाकर सेब की खेती में सफल हुए हिमाचल के प्रगतिशील किसान भगत सिंह राणाप्राकृतिक खेती से सेब की खेती को नया जीवन देने वाले भगत सिंह राणा की कहानी पढ़ें और जानिए खेती में बदलाव की राह।
- कैसे विदेशी सब्ज़ियों की खेती में पुलवामा के किसान ग़ुलाम मोहम्मद मीर ने हासिल की कामयाबीकश्मीर की ज़मीन पर विदेशी सब्ज़ियों की खेती ने दस्तक दी है। शोपियां के ग़ुलाम मोहम्मद मीर ने पुलवामा में ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, चाइनीज़ गोभी और केल की खेती कर मिसाल पेश की है। किसान उनके फ़ार्म को देखने और उनसे सीखने भी आते हैं।
- Analog Cheese का धोखा: दूध की जगह प्लांट-बेस्ड मिलावट! FSSAI ने कसी नकेल, जानिए कैसे करें नकली पनीर की पहचान?असली पनीर 100 फीसदी दूध से बनता है, जबकि एनालॉग पनीर (Analog cheese) में दूध की जगह सोया प्रोटीन, वनस्पति तेल, टैपिओका स्टार्च, नारियल तेल और केमिकल्स मिलाए जाते हैं। ये पनीर दिखने में तो असली जैसा लगता है, लेकिन स्वाद और पोषण में बिल्कुल फर्क होता है।
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना से झुंझुनूं के 1500 किसानों को मिलेगा सोलर पंप का तोहफ़ा, 60% सब्सिडीप्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM Kusum Scheme) से झुंझुनूं के 1500 किसानों को मिलेगा सोलर पंप, सरकार दे रही है 60% सब्सिडी और 5 साल की वारंटी।
- अंगूर
- अदरक
- अन्य
- अन्य
- अन्य खेती
- अन्य फल
- अन्य सब्जी
- अमरूद
- आम
- आलू
- इनोवेशन
- इवेंट
- उर्वरक
- एक्सपर्ट किसान
- एक्सपर्ट ब्लॉग
- एग्री बिजनेस
- औषधि
- करेला
- काली मिर्च
- किसान क्रेडिट कार्ड
- किसान सम्मान निधि
- कृषि उपकरण
- कृषि उपकरण न्यूज़
- कृषि उपज
- कृषि और खेती
- कृषि और बागवानी
- कृषि रोजगार एवं शिक्षा
- कृषि विश्वविद्यालय
- कृषि वैज्ञानिक
- कृषि संस्थान
- कृषि-विश्वविद्यालय
- कृषि-संस्थान
- केला
- खजूर
- गन्ना
- गेहूं
- जल कृषि
- जलवायु परिवर्तन
- ज़ीरो बजट खेती
- जैविक खेती
- जैविक/प्राकृतिक खेती
- टमाटर
- टेक्नोलॉजी
- ट्रेनिंग
- ट्रैक्टर
- डेयरी फ़ार्मिंग
- ड्रोन
- तकनीकी न्यूज़
- थ्रेशर
- दाल
- देसी गाय
- धनिया
- धान
- नारियल
- नौकरी
- न्यूज़
- पपीता
- पशुपालन
- पशुपालन और मछली पालन
- पशुपालन तकनीक
- पशुपालन न्यूज़
- पालक
- पॉवर टिलर
- पोटैटो डिगर
- प्याज
- प्राकृतिक खेती
- प्रॉडक्ट लॉन्च
- फल-फूल और सब्जी
- फलों की खेती
- फसल न्यूज़
- फसल प्रबंधन
- फसल बीमा
- फसल बीमा योजना
- फ़ूड प्रोसेसिंग
- फूलों की खेती
- बकरी पालन
- बिज़नेस न्यूज़
- बीज उत्पादन
- बुरांश
- बैंगन
- भांग
- भिंडी
- भूमि अधिग्रहण
- मक्का
- मछली पालन
- मछली पालन तकनीक
- मंडी भाव
- मशरूम
- मसालों की खेती
- महुआ
- मिट्टी की सेहत
- मुर्गी पालन
- मूंगफली
- मोबाइल ऐप्स
- मौसम
- राइस प्लांटर
- राज्य
- रीपर
- रोटावेटर
- लहसुन
- लाईफस्टाइल
- लिलियम
- लोन
- वर्मीकम्पोस्ट
- विविध
- वीडियो
- सक्सेस स्टोरीज
- सफल पुरुष किसान
- सफल महिला किसान
- सब्जियों की खेती
- सब्जी/फल-फूल/औषधि
- सरकारी योजनाएं
- सरसों
- सूअर पालन
- सेब
- स्टार्टअप
- स्ट्रॉबेरी
- स्प्रेयर
- स्वास्थ्य
- हल्दी
- हेल्थ फ़ूड
- होम गार्डनिंग