गधों का फ़ार्म और गधी के दूध का व्यवसाय: गाय-भैंस, बकरी-सूअर, मुर्गी-बटेर जैसे पशु-पक्षियों का पालन तो बहुत किया जाता है। लेकिन कम ही लोग हैं जो डेयरी क्षेत्र में गधा पालन करते है। पुराने ज़माने में गधे को समान ढोने के काम में लाया जाता था, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि गधा/गधी बहुत ही फ़ायदेमंद पशु है और ये गाय-भैंस से भी ज़्यादा मुनाफ़ा देने वाला है।
तमिलनाडु के वन्नारपेट (Vannarpet) के रहने वाले यू. बाबू ने डोंकी फ़ार्म की शुरुआत करके अच्छा खासा मुनाफ़ा कमाया। आज वो देश के सबसे बड़े डॉन्की फ़ार्म के मालिक है। डॉन्की फ़ार्मिंग यानी गधा पालन से कैसे मुनाफ़ा कमाया जा सकता है, आइए जानते हैं।

गधा पालन की शुरुआत
यू. बाबू ने भले ही स्कूली पढ़ाई पूरी नहीं की मगर उनके अंदर उद्यमी बनने का गुण बचपन से ही था। तभी तो उन्होंने लीक से हटकर व्यवसाय चुना और डॉन्की फ़ार्म खोला। यू. बाबू और उनकी टीम ने ICAR-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में उद्यमिता विकास कार्यक्रम में भाग लिया। जहां उन्होंने गधे और गधा पालन के बारे में तकनीकी जानकारी हासिल की। यही नहीं, ICAR-NRCE ने उन्हें डॉन्की फ़ार्म स्थापित करने के लिए उन्नत नस्ल के Poitu donkeys भी दिए।
यू. बाबू के डॉन्की फ़ार्म का नाम द डंकी पैलेस है और कई चुनौतियों के बावजूद आज वो देश के सबसे बड़े डॉन्की फ़ार्म के मालिक हैं। दरअसल, गधी का दूध होता तो बहुत फ़ायदेमंद है, मगर एक गधी 6 महीने तक एक लीटर से भी कम दूध देती है। यू. बाबू ने अपनी मेहनत और लगन से इस व्यवसाय में सफलता पाई।

फ़ार्म में हैं करीब 5000 गधे
यू. बाबू आज देश के सबसे बड़े डॉन्की फ़ार्म को सफलता पूर्वक चला रहे हैं, जहां वो करीब 5000 गधों का पालन कर रहे हैं। उनके करीब 75 फ्रेंचाइज़ी फ़ार्म हैं। उन्होंने डॉन्की फ़ार्म के साथ ही गधों के सरंक्षण के लिए ‘वन हेल्थ-वन सॉल्यूशन नाम से एक सरंक्षण, रिक्रिएशन और जागरुकता केंद्र’ की भी स्थापना की। इसका मकसद समाज और अर्थव्यवस्था में गधों के योगदान व मूल्य को बढ़ावा देना है।
इन उत्पादों की कर रहे बिक्री
यू. बाबू गधी के दूध के साथ ही गधी के दूध का पाउडर भी बेचते हैं। साथ ही इसके गोबर का खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके मूत्र का शुद्धीकरण करके सिद्ध दवा बनाने और फ़ार्मा इंडस्ट्री में इस्तेमाल किया जाता है। यू. बाबू गधों की देशी नस्ल का सरंक्षण करने के साथ ही समाज में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ाने का भी काम कर रहे हैं।
पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है गधी का दूध
गाय, भैंस और बकरी के दूध का व्यवसाय तो आम बात हो गई है, लेकिन क्या आपको पता है कि गधी के दूध का व्यवसाय आपको कम समय में ही लखपति बना सकता है। जी हां, गाय, भैंस और बकरी का दूध जहां 50 से 90 रुपये लीटर तक में बिकता है, वहीं गधी के दूध की कीमत जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। एक लीटर गधी का दूध 7000 रुपये में बिकता है।
दरअसल, गधी के दूध में कई पौष्टिक तत्वों के साथ ही एंटी एजिंग गुण भी होते हैं, जिसकी वजह से कई ब्यूटी प्रोडक्ट में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यू. बाबू भी गधी के दूध को कई कॉस्मेटिक बनाने वाली कंपनियों को बेचते हैं।
सेहत के लिए फ़ायदेमंद
गधी का दूध सेहत के लिए भी लाभदायक होता है। एक रिसर्च के मुताबिक, गधी के दूध में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो ब्ल्ड शुगर लेवल, ब्लड सर्कुलेशन, और सूजन जैसी समस्या से भी राहत दिला सकते हैं। इसके साथ ही जिन लोगों को गाय-भैंस के दूध से एलर्जी की समस्या है, वो भी गधी के दूध का सेवन कर सकते हैं।
गधी के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाता है। गधी के दूध का इस्तेमाल कई तरह की दवा बनाने में भी किया जाता है।

युवाओं के लिए प्रेरणा
गधी के दूध के औषधीय गुण और पौष्टिकता के कारण पूरी दुनिया में इसकी मांग बढ़ रही है, ऐसे में डॉन्की फ़ार्मिंग युवाओं के लिए एक अच्छा बिज़नेस मॉडल साबित हो सकता है और जिस तरह से यू. बाबू ने इस फ़ील्ड में सफलता हासिल की है, निश्चय ही वो युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत का काम करेगी।
ये भी पढ़ें: ऊँटनी के दूध (Camel Milk) से खड़ा किया करोड़ों का स्टार्टअप, जानिए कैसे Aadvik ब्रांड कर रहा किसानों की मदद
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
ये भी पढ़ें:
- Mission Mausam: भारत को मिलेगा Weather Update का सटीक अनुमान, देश अब मौसम की मार से बचने को तैयार!देश के कई हिस्सों में आए भीषण मौसम के बीच उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मिशन मौसम’ (MISSION MAUSAM) के तहत भारत का पूर्वानुमान तंत्र अब दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सिस्टम्स की कतार में शामिल हो रहा है।
- What is Precision Farming: स्मार्ट तकनीक से Agriculture Revolution! क्यों ये है भविष्य की खेती? पढ़ें डीटेल मेंप्रिसिजन फार्मिंग (Precision Farming) एक ऐसी आधुनिक तकनीक जो GPS, सेंसर, ड्रोन और AI का इस्तेमाल करके खेती को ‘इंच-इंच सटीक’ बना देती है।
- गुरेज़ घाटी में खेती और बागवानी को मिली नई पहचान, MIDP और HADP Schemes से आई हरियाली की बहारगुरेज़ घाटी में MIDP और HADP Schemes से खेती में आई क्रांति, किसान अब उगा रहे हैं सेब, चेरी और सर्दियों की सब्ज़ियां।
- 10 Years Of Digital India : e-NAM के ज़रीये किसानों की बदल रही जिंदगी, नई टेक्नोलॉजी से आई डिजिटल क्रांतिडिजिटल क्रांति (10 Years Of Digital India) ने किसानों की जिंदगी को कैसे बदला है? ई-नाम (e-NAM) एक ऐसी ही क्रांतिकारी पहल है, जिसने कृषि व्यापार (Agricultural Business) को बिचौलियों के चंगुल से मुक्त करके किसानों को सीधा बाजार से जोड़ दिया है।
- ‘Ek Bagiya Maa Ke Naam’ Project: मध्य प्रदेश सरकार की मदद से महिलाओं को मिलेगी आर्थिक आज़ादी‘एक बगिया मां के नाम’ (‘Ek Bagiya Maa Ke Naam’ Project) नाम की इस योजना के तहत मध्य प्रदेश की हज़ारों महिलाओं को अपनी ज़मीन पर फलदार पौधे लगाने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और प्रदेश हरा-भरा बनेगा।
- VIV ASIA Poultry Expo 2026: भारत में पहली बार होने जा रहा है लाइव स्टॉक एक्सपो का महाकुंभ!दुनिया के सबसे बड़े लाइव स्टॉक और पोल्ट्री एक्सपो (The world’s largest livestock and poultry expo) में से एक, VIV ASIA, (VIV ASIA Poultry Expo 2026) अब भारत में होने जा रहा है। ये पहली बार है जब ये प्रतिष्ठित एक्सपो थाईलैंड और यूरोप से निकलकर भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
- हेम्प वेस्ट से बन रही बायो-प्लास्टिक, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रहा नया सहाराहेम्प वेस्ट से बन रही बायो-प्लास्टिक (Bio-plastic being made from hemp waste) दे रही पर्यावरण को राहत और गांवों को रोज़गार, संभल में शुरू हुआ हरित नवाचार।
- 200 Years of Assam Tea: स्वाद, विरासत और इनोवेशन संग न्यूयॉर्क में जश्न, धूमधाम से मना असम चाय का द्विशताब्दी समारोहन्यूयॉर्क में समर फैंसी फूड शो 2025 (Summer Fancy Food Show 2025) में असम चाय के 200 साल पूरे (200 Years of Assam Tea) होने का भव्य उत्सव मनाया।
- National Turmeric Board Inaugurated: किसानों को मिली बिचौलियों से मुक्ति, अब दुनियाभर में धाक जमाएगी ‘निज़ामाबाद की हल्दी’केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Cooperation Minister Amit Shah) ने ‘राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड’ (National Turmeric Board) का उद्घाटन किया। ये कदम दशकों से हल्दी किसानों की मांग को पूरा करने वाला साबित होगा।
- गुना का गुलाब अब महकेगा पेरिस और लंदन तक – गुलाब की खेती से किसानों को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय बाज़ारगुलाब की खेती से गुना के किसान अब पेरिस और लंदन में गुलाब भेजने को तैयार हैं। गुना का गुलाब देगा अंतरराष्ट्रीय पहचान।
- Obesity in India: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में की ‘कम तेल,अच्छी सेहत’ की अपील, FSSAI ने दिये मोटापा कम करने के ज़बरदस्त टिप्स!मोटापे की बढ़ती समस्या (Obesity in India) पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी मुहिम शुरू करने का आग्रह किया है। यह सिर्फ एक सुझाव नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसमें हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है। साथ ही, FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) और AIIMS की विशेषज्ञ डॉ. स्वप्ना चतुर्वेदी ने स्वस्थ खानपान के ऐसे ऑप्शन सुझाए हैं, जो न सिर्फ आसान हैं बल्कि सेहत के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं।
- डोंडुबाई हन्नू चव्हाण जिन्होंने अपनाई एकीकृत कृषि प्रणाली और बदल दी ज़िंदगीएकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर डोंडुबाई चव्हाण ने खेती की तस्वीर बदली, कम ज़मीन में हासिल की लाखों की कमाई और सम्मान।
- Agri Infra Fund (AIF): किसानों और उद्यमियों के सपनों को कृषि इंफ्रा फंड दे रहा नई उड़ान, जानिए कैसे करें अप्लाईकृषि अवसंचना कोष (Agri Infra Fund – AIF) के जरिए सरकार किसानों, एग्री-उद्यमियों, FPOs (किसान उत्पादक संगठनों) और कृषि व्यवसायियों को वित्तीय सहायता देकर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद कर रही है।
- DialogueNEXT 2025: विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन, CIMMYT और बोरलॉग संस्थान के साथ किसानों से होगा संवाद, बढ़ेगी विज्ञान की रफ्तार!DialogueNEXT 2025 का आयोजन ICAR, विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन (World Food Prize Foundation), CIMMYT और बोरलॉग इंस्टीट्यूट (Borlaug Institute) के साथ मिलकर 8-9 सितंबर 2025 में किया जा रहा है।
- Agri Stack: ‘किसान पहचान पत्र’ से लेकर किसानों का नया डिजिटल साथी Multilingual AI Chatbot के बारें में अहम बातेंएग्री स्टैक (Agri Stack) भारत सरकार की एक डिजिटल पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को तकनीक के जरिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। भारत सरकार की ‘एग्री स्टैक’ (‘Agri Stack’) पहल के तहत एक मल्टीलिंगुअल AI चैटबॉट लॉन्च (Multilingual AI chatbot) किया गया है, जो किसानों को उनकी भाषा में सलाह देता है।
- प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना सप्ताह 1 जुलाई से आरंभ, इस ख़रीफ़ सीजन में अपनाएं PMFBY का सुरक्षा कवचख़रीफ़ 2025 के लिए फ़सल बीमा पंजीकरण शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना से फ़सल और किसान दोनों होंगे सुरक्षित।
- बुरहानपुर में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत कृषि सखियां बनीं गांव की नई कृषि मार्गदर्शकराष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन से जुड़कर कृषि सखियां गांवों में प्राकृतिक खेती का ज्ञान फैला रही हैं और महिला किसानों को सशक्त बना रही हैं।
- Cloud Farming: क्लाउड फ़ार्मिंग आसमान से फ़सलों को पानी देने का एक नया तरीकाक्लाउड फ़ार्मिंग (Cloud Farming) एक तकनीक है जिससे कोहरे, धुंध और ओस जैसे अदृश्य जल स्रोतों को इकट्ठा कर सूखे क्षेत्रों में पानी जुटाया जाता है।
- Red Flour Beetle: अनाज का दुश्मन नंबर-1 ‘लाल आटा बीटल’ से बचाव के लिए IARI ने टेस्ट डेवलप किया‘लाल आटा बीटल’ (Red Flour Beetle) भंडारित अनाज को अंदर से खोखला कर देते हैं। ये कीट न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में किसानों और अनाज भंडारकर्ताओं (grain storekeepers) के लिए एक बड़ी समस्या बने हुए हैं।
- Improved Varieties Of Soybean: जीनोम एडिटिंग से तैयार की जाएंगी सोयाबीन की उन्नत किस्में, कृषि मंत्री का ऐलानभारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (Indian Soybean Research Institute) में आयोजित बैठक की। अब जीनोम एडिटिंग (Genome Editing) के ज़रीये से सोयाबीन की उन्नत किस्मों (Improved Varieties of Soybean) को उगाया जाएगा।