GOA BIO-1 से नमक वाली मिट्टी में भी होगी धान की अच्छी पैदावार

गोवा के तटीय इलाकों की मिट्टी में नमक अधिक होने यानी लवणीय मिट्टी होने की वजह से धान की उपज बहुत कम होती थी, जिसका हल वैज्ञानिकों ने एक बायो फॉर्मूलेशन की खोज करके ढूंढ़ निकाला। नमक वाली मिट्टी में सुधार से अच्छी दान की पैदावार ली जा सकती है।

GOA BIO-1 से नमक वाली मिट्टी में धान की खेती

GOA BIO-1 से नमक वाली मिट्टी में भी धान की अच्छी पैदावार: किसानों की आमदनी तभी अधिक होगी जब उन्हें कम लागत में अच्छी उपज प्राप्त होगी। मगर कुछ इलाकों की मिट्टी बहुत उपजाऊ नहीं होती, जिसकी वजह से मेहनत करने के बावजूद किसानों को उतना लाभ नहीं मिल पाता है।

गोवा के तटीय इलाकों की मिट्टी में भी नमक की मात्रा अधिक है, जिसकी वजह से धान की पैदावार बहुत कम होती थी। इसके अलावा, मिट्टी की बायोलॉजिकल एक्टिविटी भी बहुत कम थी। उर्वरकों का संतुलित इस्तेमाल नहीं होने के कारण भी फसल का उत्पादन कम होता है। इससे किसानों की आमदनी कम होती थी।

इस इलाके के किसानों की समस्या का हल निकाला (ICAR- Central Coastal Agricultural Research Institute, Old Goa) ICAR- सेंट्रल कोस्टल एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, ओल्ड गोवा ने।

पौधों के बेहतर विकास के लिए बायो फॉर्मूलेशन

किसानों की आमदनी बेहतर करने और फसल का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से ICAR- सेंट्रल कोस्टल एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, ओल्ड गोवा के वैज्ञानिकों ने एक ख़ास बायो फॉर्मूलेशन विकसित किया और इसे नाम दिया गोवा बायो-1 (Goa Bio-1)। ये तटीय इलाकों की नमक वाली मिट्टी के लिए टैल्क बेस आधारित हेलो-टॉलरेंट प्लांट ग्रोथ-प्रमोटिंग राइजोबैक्टीरिया (PGPR) है।

Kisan of india facebook

Goa Bio-1 मिट्टी की बायोलॉजिकल एक्टिविटी, फसलों के विकास, लवणता को कम करने, पोषक तत्वों के खनिजीकरण में मदद करता है। इससे फसल का अधिक उत्पादन होता है। धान की उन्नत खेती के लिए बीजों को गोवा बायो-1 (40 ग्राम/किग्रा बीज) से उचारित करना ज़रूरी है। इसके बाद 3-5 दिन तक अंकुरित बीजों के अवशोषण और प्रसारण के लिए 75 फ़ीसदी मिट्टी-परीक्षण आधारित उर्वरक का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

Goa Bio-1
GOA BIO-1 से नमक वाली मिट्टी में भी धान की अच्छी पैदावार

नई तकनीक से बढ़ी आमदनी

फसलों की उन्नत तकनीक और पोषक तत्वों के प्रबंधन के संबंध में तटीय इलाकों की लवणीय मिट्टी और सामान्य मिट्टी वाले क्षेत्रों में भी इसका प्रदर्शन किया गया। उत्तरी गोवा के तिस्वाड़ी ज़िले के दुलपे गांव के 35 किसान परिवारों को लगातार 2 साल तक उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। इसका नतीजा बढ़ी आमदनी के रूप में देखने को मिला। जो प्रति हेक्टेयर 32,862 रुपये से बढ़कर 45,275 रुपये प्रति हेक्टेयर हो गई यानी प्रति हेक्टेयर 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।

इको फ्रेंडली

पौधों के विकास और अधिक उत्पादन के लिए विकसित किया गया बायो फॉर्मूलेशन Goa Bio-1 पूरी तरह से सुरक्षित है। इससे पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है। ये तकनीक लंबी अवधि में फ़ायदेमंद है। ये अकेले गोवा की 18000 हेक्टेयर लवणीय मिट्टी को कवर करके 22 करोड़ की अतिरिक्त आय उत्पन्न करने में सक्षम है। ICAR के प्रर्दशनों के की वजह से किसान नई तकनीक अपनाने के लिए आए और इससे उनकी फसल उत्पादन और आमदनी में बढ़ोतरी हुई।

नमक वाली मिट्टी में धान
GOA BIO-1 से नमक वाली मिट्टी में भी धान की अच्छी पैदावार

लवणीय मिट्टी क्या है?

जैसा कि नाम से ही आप समझ गए होंगे कि जिस मिट्टी में लवण यानी नमक की मात्रा अधिक होती है उसे लवणीय मिट्टी कहा जाता है। मिट्टी में लवण की अधिकता (soil salinity) के कारण उत्पादन कम होता है। ऐसी ज़मीन गोवा के अलावा गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी बड़े पैमाने पर है। इन राज्यों में देश के कुल लवणीय और क्षारीय मिट्टी का तीन चौथाई इलाका मौजूद है।

Kisan of India Twitter

दरअसल, लवणीय मिट्टी की समस्या अक्सर जलभराव वाली भूमि में अधिक होती है। जलभराव की वजह से मिट्टी में मौजूद घुलनशील नमक तैरते हुए मिट्टी की ऊपरी सतह पर आ जाते हैं और जल-निकासी की व्यवस्था न होने की वजह से पानी के भाप बनकर उड़ जाने के बाद नमक मिट्टी की सतह पर जम जाता है।

दरअसल, नमक वाली मिट्टी (लवणीय मिट्टी) में सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम या उनके क्लोराइड और सल्फेट की मात्रा अधिक होती है। देश का बड़ा भू भाग लवणीय मिट्टी की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में ICAR का बायो फॉर्मूलेशन उन सब किसानों के लिए उम्मीद की एक किरण है जो लवणीय मिट्टी के कारण कम उत्पादन से परेशान हैं।

ये भी पढ़ें: Bio Priming- जैविक बीज टीकाकरण विधि खेती की लागत घटाने और मुनाफ़ा बढ़ाने में कैसे बेहद उपयोगी है?

Kisan of India Instagram
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
मंडी भाव की जानकारी

ये भी पढ़ें:

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top