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मूंगफली की खेती (Groundnut): सूखा प्रभावित क्षेत्र के लिए उन्नत है मूंगफली की ये किस्म, 21 फ़ीसदी तक बढ़ा उत्पादन

पहले किसान स्थानीय किस्म का उपयोग किया करते थे, जिसकी 33 फ़ीसदी फसल खराब हो जाती थी

मूंगफली की खेती में इस उन्नत किस्म को अपनाकर तुमकूर ज़िले के पावागढ़ तालुक के किसान खुश हैं। इससे उनकी आमदनी में भी दोगुना इज़ाफ़ा हुआ है। उन्नत किस्म रोग प्रतिरोधी और अधिक उपज क्षमता वाली है। जानिए इस किस्म के बारे में।

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मूंगफली कर्नाटक के तुमकूर ज़िले के किसानों की खरीफ मौसम की मुख्य फसल है। यहाँ बड़े पैमाने पर मूंगफली की खेती की जाती है। तुमकूर ज़िले के पावागढ़ तालुक के किसान मूंगफली की स्थानीय किस्म TMV-2 की कई साल से खेती कर रहे हैं। इस किस्म पर कीट-रोगों का प्रकोप ज़्यादा रहता है। लिहाज़ा क्षेत्र के किसानों को उपज भी कम प्राप्त होती थी। लीफ स्पॉट और लीफ माइनर रोग के कारण लगभग 33 फ़ीसदी फसल को नुकसान पहुंचता था। ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र हिरेहल्ली ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने और नुकसान कम करने के लिए मूंगफली की उन्नत किस्म K-6 जारी की।

तस्वीर साभार- rkvy

अधिक उपज क्षमता के साथ रोग प्रतिरोधी

कृषि विज्ञान केंद्र, हिरेहल्ली, तुमकूर ने National Mission on Oilseed and Oil Palm कार्यक्रम (NMOOP) के तहत पावागढ़ के करिक्यथानहल्ली गांव में 2015-16 के दौरान मूंगफली की नई उन्नत किस्म K-6 जारी की गई। मूंगफली की इस किस्म को आंध्र प्रदेश स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र, कादरी ने विकसित किया है। मूंगफली की खेती के लिए ये किस्म उन्नत पाई गई।

मूंगफली की खेती मूंगफली की उन्नत किस्म groundnut farming
तस्वीर साभार: indiamart

मूंगफली की खेती कर रहे किसानों को नयी किस्म की दी गई जानकारी

किसानों को नई किस्म की जानकारी देने के लिए फ्रंट लाइन प्रदर्शन किया गया। इसके संबंध में संपूर्ण जानकारी दी गई। डेमन्स्ट्रेशन के नतीजों से किसान उत्साहित हुए। पहली किस्म के मुकाबले नयी किस्म के पौधे ज़्यादा मजबूत थे। फलियों की संख्या अधिक थी। लीफ स्पॉट और लीफ माइनर रोग में भी भारी कमी देखी गई।

मूंगफली की खेती मूंगफली की उन्नत किस्म groundnut farming
मूंगफली की K-6 किस्म (तस्वीर साभार: apseeds)

उत्पादन में बढ़ोतरी

इस दौरान पौधों की संख्या में 93 फ़ीसदी तक की वृद्धी देखी गई। इतना ही नहीं, उपज क्षमता में स्थानीय किस्म की तुलना में 21.70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इस किस्म से लाभार्थी किसान बहुत खुश हुए। मूंगफली की किस्म K-6 की खेती प्रति हेक्टेयर करीबन 24,180 तक आमदनी बढ़ा सकती है। पिछले कुछ साल से इस किस्म को उगा रहे किसान बहुत संतुष्ट हैं। उन्हें अधिक उपज के साथ ही अच्छी गुणवत्ता वाला चारा और अधिक मात्रा में तेल प्राप्त होता है।

बीज का कर रहे उत्पादन

फ्रंट लाइन प्रदर्शन के तहत करिक्यथनहल्ली गांव के किसान थिपेरंगप्पा ने 2016-17 में एक एकड़ क्षेत्र में मूंगफली की K-6 किस्म उगाई। इससे उन्हें 5.3 क्विंटल उपज प्राप्त हुई। सूखे की स्थिति में भी इतनी अधिक उपज से वह बहुत उत्साहित हुए। 2017 की गर्मियों के दौरान उन्होंने यही बीज दोबारा लगाए और 24 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया। उन्होंने खरीफ 2018 के दौरान 24 अन्य किसानों को भी उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराए। इस तरह वह हर साल बीज का उत्पादन करने लगे। 2019-20 तक वह 89 किसानों को बीज मुहैया करा चुके हैं।

अब यह किस्म पूरे ज़िले में लोकप्रिय हो चुकी है। किसानों के बीच इसकी बहुत मांग है।  फिलहाल नई किस्म स्थानीय किस्म को 22.50 फ़ीसदी तक रिप्लेस कर चुकी है। मूंगफली की उन्नत किस्म ने तुमकूर ज़िले के पावागढ़ तालुक के किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही अधिक उपज के ज़रिए उन्हें संतुष्टि दी है।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या kisanofindia.mail@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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