Agri Business: गोधन एम्पोरियम, छत्तीसगढ़ का अनोखा मॉल, महिलाओं ने गोबर से खड़ा किया एग्री बिज़नेस मॉडल

पर्यावरण और प्रकृति के प्रति बढ़ती जागरुकता का ही नतीजा है कि लोग अब जैविक उत्पादों का ज़्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। गोबर से बने उत्पादों में भी लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। छत्तीसगढ़ में तो गोबर से बने उत्पाद ख़ास शोरूम गोधन एम्पोरियम में बिक रहे हैं।

गोधन एम्पोरियम Godhan Emporium

गोधन एम्पोरियम: आजतक आपने कपड़े, गाड़ियों और महंगे सामान की खरीदारी ही शोरूम से की होगी, लेकिन अब आप गोबर से बने प्रॉडक्ट्स भी शोरूम से खरीद सकते हैं। जी हां, हैरान होने की ज़रूरत नहीं है, ये सच है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के अम्बीकापुर शहर की महिलाओं ने अनोखा बिज़नेस मॉडल अपनाते हुए शहर में ‘गोधन एम्पोरियम’ की शुरुआत की।

इस गोधन एम्पोरियम में गोबर से बनें ढेरों उत्पाद बिक रहे हैं। ये महिलाएं पिछले तीन सालों से इसे सफलतापूर्वक चला रही हैं। ये अपनी तरह का पहला शोरूम है, इसलिए लोग इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।

गोधन एम्पोरियम Godhan Emporium
गोधन एम्पोरियम Godhan Emporium, Ambikapur, Chhattisgargh (तस्वीर साभार: DPRCG)

महिलाओं का ये इनोवेटिव बिज़नेस आइडिया काम कर गया और गोबर से बने उत्पादों में लोगों की दिलचस्पी भी बढ़ी है। गोबर से बनें ढेरों उत्पाद एक ही छत के नीचे मिलने से लोगों को तो सुविधा होगी ही, साथ ही इससे बिक्री भी बढ़ेगी।

गोधन एम्पोरियम Godhan Emporium
गोधन एम्पोरियम Godhan Emporium, Ambikapur, Chhattisgargh (तस्वीर साभार: DPRCG)

कौन-कौन से उत्पाद की हो रही बिक्री?

अम्बीकापुर शहर का गोधन एम्पोरियम दिखने में किसी छोटे से शॉपिंग मॉल की तरह है। यहां से लोग पूजा-पाठ, हवन आदि के लिए गोबर की लकड़ी, अगरबत्ती, धूपबत्ती जैसे सामान खरीदते हैं। इसके साथ ही यहां कंडे भी मिलते हैं। वर्मीकंपोस्ट की भी अच्छी बिक्री हो रही है, क्योंकि लोग अपने घरों के गमलों में डालने के लिए वर्मीकंपोस्ट ले जाते हैं। इतना ही नहीं, यहां गोबर पेंट भी मिलता है। गोबर से बना ये पेंट बहुत ख़ास है क्योंकि इसमें तापमान रोकने की क्षमता होती है, इसलिए गर्मी के मौसम में इसे लगाना अच्छा विकल्प है।

गोधन एम्पोरियम Godhan Emporium
गोधन एम्पोरियम Godhan Emporium (तस्वीर साभार: DPRCG)

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घनजीवामृत की भी हो रही बिक्री

इस ख़ास शोरूम में जैविक खेती के लिए सबसे महत्वपूर्ण घनजीवामृत की भी बिक्री हो रही है। ये एक तरह का जैविक कीटनाशक है जो पौधों व फलों को नुकसान पहुंचाए बिना कीटों का खात्मा करता है। इसे बनाने में गोबर, बेसन, नीम आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इसे पौधों में किसी तरह के कीट लगने से पहले ही डाल दिया जाता है, जिससे फसल अच्छी होती है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है।

मिलेगा रोज़गार और बाज़ार

इस तरह के शोरूम की सफलता बता रही है कि अगर दूसरी जगहों पर भी इस बिज़नेस मॉडल को अपनाया जाए, तो इससे न सिर्फ़ लोगों को रोज़गार मिलेगा, बल्कि उन लोगों को बाज़ार भी मिलेगा जो गोबर के उत्पाद बना तो लेते हैं, मगर बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। किसी भी प्रॉडक्ट को बनाने के साथ ही उसके लिए बाज़ार की तलाश भी उतनी ही ज़रूरी है।

गोधन एम्पोरियम Godhan Emporium
गोधन एम्पोरियम Godhan Emporium (तस्वीर साभार: DPRCG)

कमाई का अच्छा ज़रिया

अगर आमदनी की बात करें तो गोधन एम्पोरियम से अब तक तीन सालों में 12 लाख 49 हज़ार रुपये की आमदनी हो चुकी है। 2020-21 में 4 लाख 50 हज़ार रुपये, साल 2021-22 में 4 लाख 87 हज़ार रुपये और साल 2022-23 में 3 लाख 12 हज़ार रुपये की आमदनी हुई है। यहां काम करने वाली महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। हर महीने वो करीब 40 हज़ार रुपये तक की कमाई कर लेती हैं।

इस तरह का बिज़नेस आइडिया वाकई कमाल का है, जिससे दूसरे लोगों को भी आगे आने की प्रेरणा मिलेगी और गोबर से बने प्राकृतिक उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।

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