जानिए क्यों महाराष्ट्र की इस महिला किसान को लोगों ने दिया ‘लेडी प्लांट डॉक्टर’ का ख़िताब!

महाराष्ट्र के अहमद नगर ज़िले की रहने वाली कविता प्रवीण जाधव का शुरू से ही खेती के प्रति लगाव था। उन्होंने किसानों की उत्पादकता को बढ़ाने और उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए कई अहम कदम उठाए। आज उनके साथ कई महिला किसान जुड़ी हुई हैं।

महिला किसान maharashtra lady plant doctor

जिस तरह बच्चे का सही विकास न होने पर डॉक्टर जांच और विश्लेषण करके उसका कारण और समाधान बताता है, कुछ ऐसा ही महाराष्ट्र के अहमद नगर ज़िले की रहने वाली महिला किसान कविता प्रवीण जाधव कर रही हैं। उन्हें उनके क्षेत्र के लोग ‘लेडी प्लांट डॉक्टर’ कहकर बुलाते हैं यानी पौधों की डॉक्टर।

जो मिट्टी से लेकर पौधों को होने वाले मर्ज़ का पता लगाकर किसानों को सही समाधान बताती हैं। इसके अलावा, वो किसानों को खेती से जुड़े सामान बहुत कम कीमत पर मुहैया कराती हैं। इलाके की बहुत सी महिला किसान उनके साथ जुड़ी हैं। कौन हैं कविता और कैसे बनीं वह लेडी प्लांट डॉक्टर? आइए, जानते हैं।

कौन हैं कविता?

कविता का शुरू से ही खेती से लगाव था। तभी तो उन्होंने राहुरी स्थित महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ से एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। वह अपने स्नातक पाठ्यक्रम के दौरान ही किसानों के साथ सीधे तौर पर काम करना चाहती थीं। पिता की अचानक मृत्यु के बाद उन्होंने परिवार की ज़िम्मेदारी संभाली और अपना एग्री इनपुट सप्लाई सेंटर/कृषि सेवा केंद्र (Agri-Input Supply Centre) स्थापित किया।

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किसानों और उद्यमियों को ट्रेनिंग देती कविता प्रवीण जाधव (तस्वीर साभार: agricoop)

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अपने एग्री इनपुट सप्लाई सेंटर के ज़रिए वो किसानों को निम्न सेवाएं प्रदान कर रही हैं:

  • कृषि से जुड़े सामान किसानों को मुहैया कराना
  • किसानों के लिए लाइब्रेरी सेवा, जिसमें स्थानीय भाषा में कृषि से जुड़ी जानकारी के लिए मासिक बुलेटिन निकाला जाता है। इसकी कीमत 50 रुपये रहती है। 
  • किसानों से पानी और पत्ते का नूमना इकट्ठा करके उसे कृषि विश्वविद्यालय में विश्लेषण के लिए भेजना और लैब रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सलाह देना।
  • खेत में जाकर तुरंत सलाह के लिए मोबाइल सॉइल टेस्टिंग किट (Mobile Soil Testing Kit) यानी मिट्टी का परीक्षण (Soil Testing) करना। मिट्टी और पानी की जांच करके किसानों को सही खाद के इस्तेमाल की जानकारी मिलती हैं, जिससे वह अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं।
  • कई स्वंय सहायता समूहों और फ़ार्मर्स क्लब की स्थापना की, जो किसानों को प्रशिक्षण देते हैं।
  • हाल ही में उन्होंने कृषि सेवा केंद्र की एक और इकाई की स्थापना की है और दो लोगों को नियमित आधार पर रोज़गार प्रदान कर रही हैं। वह उद्यमियों को कृषि इनपुट के रखरखाव, प्रबंधन और मार्केटिंग से जुड़े ज़रूरी सुझाव भी देती हैं।
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तस्वीर साभार: indiamart

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ट्रेनिंग से मिला नज़रिया

कृषि क्लिनिक एंड कृषि बिज़नेस सेंटर स्कीम (AC&ABC) द्वारा उन्हें प्रोत्साहित किया गया और कृषि विज्ञान केंद्र बभलेश्वर से उन्होंने ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग लेने के बाद 2005 में उन्होंने खुद की इकाई शुरू की।

लाखों का कारोबार

आज की तारीख में कविता एक सफल महिला कृषि उद्यमी हैं, जो 450 किसानों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। कविता ने अपने एग्री इनपुट सप्लाई सेंटर के ज़रिए जो एग्री मॉल खड़ा किया है, उससे कई छोटे उद्यमी, महिला किसान और किसानों के समूह जुड़ना चाहते हैं। उनका सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपये का है। आगे उनका लक्ष्य खुद के एग्री इनपुट सप्लाई सेंटर में किसानों को मिट्टी और पानी की जांच के साथ किसानों के लिए ट्रेनिंग स्कूल खोलने का है।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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