आत्मनिर्भर और नई तकनीक से की गई खेती हमेशा लाभदायक होती है। इसके साथ ही कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों में शामिल होकर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। जैसा कि महाराष्ट्र के जालना जिले की 46 वर्षीय महिला किसान श्रीमती मोनिका पांडुरंग शर्मा कर रही हैं। वह सफ़ल महिला किसान हैं जो कृषि विज्ञान केंद्र, जालना की मदद से खेती में नई-नई तकनीक का इस्तेमाल करती रहती हैं और बीज उत्पादन करके अच्छी कमाई कर रही है किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली मोनिका इस केंद्र से पिछले 7 सालों से जुड़ी हैं और अपनी 5.20 हेक्टयेर भूमि पर उन्नत खेती कर रही हैं।
खेती की खासियत
मोनिका पांडुरंग ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावी देती हैं। इसलिए उनके पास कुल 41 पशु है जिसमें 6 बैल, 35 देसी गाय और 1 पंढरपुरी भैंस है। स्थायी रूप से मिट्टी को स्वस्थ बनाए ऱखने के लिए वह नई तकनीक से खाद बनाती है। सनहेम्प (sunhemp) के साथ हरी खाद, दालों की अंतरफसलों का उत्पादन कर रही हैं। लागत कम करने और कृषि कार्यो में बढ़ोतरी के लिए वह सभी तरह की उन्नत मशीनरी और उपकरणों को खुद ही चलाती हैं। उनके पास ट्रैक्टर, रोटावेटर, बीबीएफ बुवाई मशीन, रिपर आदि कृषि उपकरण हैं।
प्रमाणित और आधार बीज उत्पादक
मोनिका पांडुरंग ने कृषि विज्ञान केंद्र, जालना से बीज उत्पादन, होली के प्राकृतिक रंग तैयार करने, दालों की प्रोसेसिंग, फलों और सब्जियों के मूल्यवर्धन पर ट्रेनिंग ली। वह सोयाबीन, अरहर, चना, हरा चना, काला चना जैसे तिलहन और दालों के प्रमाणित और आधार बीज का उत्पादन भी करती हैं। इतना ही नहीं वह फसलों की उन्नत किस्म का उत्पादन करती हैं। इसके अलावा वह हर्बल होली रंगों का उत्पादन करने के साथ उसे बढ़ावा देती हैं।
वह सोया उत्पाद जैसे सोया आटा, अलसी के बीज, मुखवास, नाइजर चटनी आदि का उत्पादन स्वयं सहायता समूह के ज़रिए करती हैं। उन्होंने ‘शिवकृपा महिला बचत घट’ नाम से स्वयं सहायता समूह बनाया है। वह हर साल 100 क्विंटल से भी ज़्यादा प्रमाणित और आधार बीज, 3-5 क्विंटल कुदरती रंग और 2-5 क्विंटल सोया उत्पादों का उत्पादन करती हैं। इससे उन्हें खेती के अलावा 30 फीसदी अतिरिक्त आमदनी होती है। अपनी अभिनव तकनीकों की बदौलत उन्होंने खेती की लागत को 50 प्रतिशत तक कम कर दिया है।
ये भी पढ़े: जानिए क्यों महाराष्ट्र की इस महिला किसान को लोगों ने दिया ‘लेडी प्लांट डॉक्टर’ का ख़िताब!
लॉकडाउन में भी हुआ फायदा
मोनिका पांडुरंग बदलते समय के अनुसार चलती है। लॉकडाउन के दौरान जहां अधिकांश किसानों को घाटा उठाना पड़ा वहीं उन्होंने 10 टन खरबूज का उत्पादन किया। उन्होंने इसे लोगों के घर के दरवाजे पर उपलब्ध करवाकर अच्छा-खासा मुनाफ़ा कमाया।
अंतर फसल, प्रसंस्करण उत्पाद, कुदरती खाद और मशीनों का इस्तेमाल करके मोनिका पांडुरंग अपने इलाके के किसानों के लिए मिसाल बन गई हैं। खेती के लिए रसायानिक खाद की बजाय कुदरती तरीके से खाद तैयार करने वाली मोनिका उपलब्ध संसाधनों के सर्वोत्तम इस्तेमाल पर विश्वास रखती हैं। इसके साथ ही खेती से जुड़ी अन्य गतिविधियों को सफलतापूर्वक चलाने के कारण ही अब उनकी गिनती सफल महिला किसानों में होती है।
ये भी पढ़ें: Mushroom Cultivation: उत्तराखंड की ये महिला किसान मशरूम उत्पादन में बनी आत्मनिर्भर, लाखों में हुआ मुनाफ़ा
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
ये भी पढ़ें:
- अनिकेश द्विवेदी बने मधुमक्खी पालन में तकनीकी नवाचार के साथ प्रगतिशील किसानअनिकेश द्विवेदी ने मधुमक्खी पालन को व्यावसायिक अवसर में बदलकर एक नई पहचान बनाई है। वे अपनी 1-5 एकड़ भूमि पर सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं।
- संरक्षित खेती की धरोहर संभालते रघुपत सिंह की कहानी, जानिएरघुपत सिंह की संरक्षित खेती और बीज संरक्षण तकनीक ने भारतीय कृषि में नई क्रांति लाई और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
- जैविक खेती से पर्यावरण और किसानों की आय में बदलाव की प्रेरक कहानीउत्तर प्रदेश के सलीकराम वर्मा ने कम संसाधनों और सीमित भूमि में जैविक खेती से सफलता प्राप्त की। उनकी मेहनत और समर्पण ने जैविक खेती को नई पहचान दी।
- जैविक खेती ने बदल दी जीवन की दिशा, कैलाश चंद्र शर्मा की प्रेरणादायक कहानीराजस्थान के कैलाश चंद्र शर्मा की प्रेरणादायक कहानी, जिन्होंने जैविक खेती अपनाकर पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ कृषि का आदर्श प्रस्तुत किया है।
- काली मिर्च की खेती में नवाचार की मिसाल बने गोपाला कृष्ण शर्मा, जानिए उनकी कहानीगोपाला कृष्ण शर्मा, कासरगोड के किसान, काली मिर्च की खेती में नवाचारों से समय और श्रम बचा रहे हैं, और इसके साथ ही वैश्विक बाजार में मांग बढ़ा रहे हैं।
- नागेंद्र प्रताप सिंह का जैविक खेती की ओर कदम और उनकी सफलता की कहानीउत्तर प्रदेश के एटा जिले के नागेंद्र प्रताप सिंह ने जैविक खेती के जरिए सीमित संसाधनों में भी खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदला। उनकी सफलता प्रेरणा का स्रोत है।
- कृषि में नई तकनीक का उपयोग करने वाले विशाल कुमावत की प्रेरणादायक कहानीविशाल कुमावत ने कृषि में नई तकनीक का उपयोग करके अपनी आय दोगुनी की और कम खर्च में अधिक उत्पादन प्राप्त किया, जिससे पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों का बेहतर उपयोग हुआ।
- विकास कुमार ने खाद्य प्रसंस्करण से किसानों को दिखाई नई राहविकास कुमार ने सहारनपुर जिले में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण को व्यवसाय और सामाजिक दायित्व के रूप में अपनाया।
- जितेन्द्र डहरवाल की सतत मछली पालन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आया बदलावजितेन्द्र डहरवाल ने मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में 30 एकड़ जमीन पर मछली पालन का सफल व्यवसाय स्थापित किया। वे अपनी 8 एकड़ जमीन पर फिश फार्मिंग कर रहे हैं।
- चेतन कंजिभाई मेंडापारा का कृषि स्टार्टअप: भारतीय कृषि उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की कहानीचेतन कंजिभाई मेंडापारा ने अपने कृषि स्टार्टअप ‘Hortica Foods LLP’ से भारतीय कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाई है। वे फल, सब्जियां और मसाले निर्यात करते हैं।
- बिहार के धीरेन्द्र कुमार ने मखाने की खेती से पाई सफलता, जानिए उनकी कहानीधीरेन्द्र कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में मखाने की खेती अपनाकर कृषि में नवाचार किया और स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।
- संरक्षित खेती के क्षेत्र में एक नई पहल करने वाले हेमंत धाकड़ की कहानीहेमंत धाकड़ ने मध्य प्रदेश के खाचरोद गांव में संरक्षित खेती अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की और स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा बने।
- प्रगतिशील किसान गुरप्रीत सिंह शेरगिल बने खेती और खाद्य प्रसंस्करण में नवाचार की मिसालगुरप्रीत सिंह शेरगिल ने खाद्य प्रसंस्करण में नवाचार कर ‘शेरगिल फार्म फ्रेश’ ब्रांड शुरू किया, जो किसानों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है।
- दिव्यांग किसान गेनाभाई दरघाभाई पटेल ने अनार की खेती में तकनीक और नवाचार अपनायागेनाभाई दरघाभाई पटेल ने अनार की खेती में तकनीक अपनाकर न केवल अपनी पहचान बनाई बल्कि अपने समुदाय की आर्थिक स्थिति भी मजबूत की।
- कैसे सुरेंद्र अवाना ने खड़ा किया डेयरी फार्मिंग का आधुनिक मॉडल? योजनाओं का लिया लाभराजस्थान के सुरेंद्र अवाना ने डेयरी फार्मिंग का आधुनिक मॉडल अपनाकर देसी गौवंश की महत्ता बढ़ाई और किसानों को प्रेरित किया।
- लेमन मैन आनंद मिश्रा ने कृषि में नई तकनीक अपनाकर नींबू की बागवानी में बनाई नई पहचानआनंद मिश्रा ने कृषि में नई तकनीक अपनाकर नींबू की बागवानी में सफलता हासिल की। उनकी प्रेरणादायक कहानी किसानों को बागवानी के जरिए आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाती है।
- फूलों की खेती में संरक्षित खेती के जरिए नई ऊंचाइयां छूते, राजाराम विट्ठल चौधरी की प्रेरणादायक कहानीराजाराम विट्ठल चौधरी ने संरक्षित खेती और नई तकनीकों से फूलों की खेती में सफलता हासिल की। उनकी मेहनत और नवाचार ने छोटे किसानों को भी उन्नत कृषि की दिशा दिखाई।
- नवाचार के जरिए जैविक खेती से सफलता की ओर बढ़ते किसान, जितेंद्र कुमार सिंह की प्रेरणादायक यात्राजितेंद्र कुमार सिंह ने जैविक खेती और नई तकनीकों से कृषि में नवाचार किया, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई और अन्य किसानों को उन्नत कृषि की प्रेरणा मिली।
- जानिए कैसे शहद उत्पादन में पंजाब के नरपिंदर सिंह ने क्रीमी शहद का मार्केट खड़ा कियापंजाब के नरपिंदर सिंह ने नवाचारी सोच से क्रीमी शहद को नया आयाम दिया, शहद उत्पादन बढ़ाया और उपभोक्ताओं में विश्वास जगाया।
- कृष्ण कुमार यादव ने जैविक खाद के जरिए नई तकनीक से खेती को दी नई दिशागुरुग्राम के पाटौदी गांव के कृषक कृष्ण कुमार यादव ने जैविक खाद और वर्मीकम्पोस्ट से आय बढ़ाई, पर्यावरण संग खेती को नई दिशा दी।