खेती में युवाओं की दिलचस्पी कम ही होती है, लेकिन धीरे-धीरे ही सही यह तस्वीर बदल रही है। अब कई युवा खेती को ही बतौर अपना मुख्य व्यवसाय बना रहे हैं और अधिक लाभ के लिए इसमें नए एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। नगालैंड के 32 साल के किसान मोआटेम्सू ने उच्च मूल्य वाली सब्ज़ियों की खेती से अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार किया। इतना ही नहीं, सब्जियों के सफल उत्पादन के बाद उसकी सही मार्केटिंग भी करते हैं, ताकि उन्हें फसल की उचित कीमत मिल सके। मोआटेम्सू की सफलता के पीछे कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम का अहम योगदान हैं, क्योंकि यहीं से उन्हें सही जानकारी और सलाह मिली।
उच्च मूल्य वाली सब्ज़ियों की खेती और मार्केटिंग
मोआटेम्सू के पास खेती योग्य 1.45 हेक्टेयर भूमि है जिस पर वह मक्का, ब्रोकोली, पत्तागोभी, भिंडी और पपीते की खेती किया करते थें। मगर इससे आमदनी बहुत अधिक नहीं थी। फिर एक कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के बाद उन्होंने उच्च मूल्य वाली सब्ज़ियों का उत्पादन शुरू किया। इससे उन्हें अच्छा मुनाफ़ा होने लगा। कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद उन्हें स्वीट कॉर्न, हाइब्रिड पपीता (रेड लेडी), ब्रोकोली, चीनी गोभी, चुकंदर, गाजर और भिंडी जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी मिली। फिर उन्होंने इनकी खेती करनी शुरू कर दी। अगस्त 2019 में ‘उत्पादन, फसल के बाद प्रबंधन और सब्जियों के विपणन’ पर एक कौशल आधारित कार्यक्रम का आयोजन कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (ATMA), मोकोकचुंग द्वारा STRY के तहत किया गया था। इस कार्यक्रम में न सिर्फ़ उच्च मूल्य वाली सब्ज़ियों के उत्पादन, बल्कि अधिक कीमत प्राप्त करने के लिए सही समय पर बाज़ार में पहुंचाने के बारे में भी बताया गया।
कितनी हो रही आमदनी
उच्च मूल्य वाली सब्जियों की खेती और सही बाज़ार से वह सालाना करीबन 5 लाख 20 हज़ार रुपये की आमदनी कर रहे हैं।
ट्रेनिंग प्रोग्राम के फ़ायदे
कार्यक्रम के दौरान मिली जानकारी के आधार पर ही मोआटेम्सू उच्च मूल्य वाली फसलों के उत्पादन और बाज़ार में विविधता लाने में सफल रहे। इस दौरान प्राप्त तकनीकी जानकारी के आधार पर ही वह व्यावसायिक स्तर पर सब्जियों की खेती करने में सफल रहे। मोआटेम्सू ने अपने दोस्तों के साथ छह सदस्यों का एक समूह बनाया और ‘हेल्दी हार्वेस्ट’ नाम से एक सब्जी फ़ार्म शुरू किया। इस फ़ार्म से मिले लाभ से उन्होंने एक वाहन खरीदा, जिसका इस्तेमाल फसलों को खेत से बाज़ार तक पहुंचाने के लिए किया जाए जाने लगा।
मोआटेम्सू की सफलता ने गांव के दूसरे युवाओं को भी खेती की तरफ आकर्षित किया और यह साबित कर दिया कि खेती अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। मोआटेम्सू ने साथी किसानों को भी प्रेरित किया।

कार्यक्रम में इन विषयों पर दी गई जानकारी
खरीफ़ और रबी मौसम में सब्जियों की खेती का महत्व, सब्जी की खेती का दायरा, राज्य में सब्जी उत्पादन की स्थिति, सब्जियों की बेहतीरन पैकेजिंग, कीट और रोग प्रबंधन, सब्जियों की कटाई के बाद प्रबंधन का महत्व, फसल की कटाई के बाद प्रबंधन के तरीके, सफाई, छंटाई और ग्रेडिंग, परिवहन और कोल्ड स्टोरेज सिस्टम, पैकेजिंग और लेबलिंग, अचार, केचप और सॉस जैसे मूल्यवर्धन उत्पाद बनाना, समूह में खेती और समूह में विपणन का महत्व ये सब शामिल है।
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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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