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क्या है पोषण वाटिका का मॉडल? कृषि वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह से जानिए कैसे घर में बनाएं Nutrition Garden

पोषण वाटिका के मॉडल से मिलेंगी ताज़ी सब्जियां और दूर होगा कुपोषण

घर के आसपास की खाली पड़ी जगह में या छत में सही तरीके से फल-सब्जियों की खेती की जाए तो औसतन पांच लोगों के एक परिवार के लिए पूरे हफ़्ते की सब्जियां तैयार हो सकती हैं। किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत में केवीके के वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह ने पोषण वाटिका तैयार करने और इसको लेकर कई महत्वपूर्ण बातें बताईं।

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आज के वक्त में कोराना महामारी के चलते लोगों में इम्यूनिटी पावर यानी रोग प्रतिरोधी को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इम्युनिटी कमजोर होने से शरीर की कोराना सहित कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। वहीं शरीर को ज़रूरी पोषक तत्व न मिलने से कुपोषण की समस्या भी देखने को मिलती है। इन दोनों परेशानियों से निज़ात दिलाने में पोषण वाटिका (Nutrition Garden) का कॉन्सेप्ट कारगर साबित हो सकता है।पोषण वाटिका (Nutrition Garden) क्या है, कैसे आप अपने घर में पोषण वाटिका तैयार कर सकते हैं, इसको लेकर कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख और वेजिटेबल साइंसिस्ट डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह ने Kisan Of India से ख़ास बातचीत की। 

इम्यूनिटी पावर और पोषक तत्व बढ़ाने का कोई जादुई फ़ॉर्मूला नहीं है। नियमित तौर से भोजन में स्वस्थ और औषधिय गुणों से भरपूर फल-सब्जियों का सेवन करने से शरीर को हर  ज़रूरी पोषक तत्व मिलते हैं। ये पोषक तत्व ही शरीर की इम्यूनिटी पावर बढ़ाने में मददगार होते हैं। 

 पोषण वाटिका (Nutrition Garden) के लिए 200 से 250 वर्ग मीटर क्षेत्र की ज़रूरत

बिहार के पूर्वी चंपारण में कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख और वेजिटेबल साइंसिस्ट डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह बताते हैं कि लोगों को पहले पोषण वाटिका यानी न्यूट्रिशन गार्डन के महत्व को समझना होगा। उन्होनें बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research-ICMR) के अनुसार, प्रति दिन के हिसाब से एक व्यक्ति को 300 ग्राम सब्जियों का सेवन करना चाहिए। इसमें हरी पत्तेदार सब्जी 115 ग्राम, कंद वर्गीय सब्जी 115 ग्राम  और अन्य दूसरी सब्जी की मात्रा 70 ग्राम होनी चाहिए। 

डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह ने बताया कि एक पांच सदस्य वाले औसतन परिवार को पूरे सालभर की इन सब्जियों की ज़रूरत को पूरा करने के लिए 200 से 250 वर्ग मीटर की ज़मीन काफ़ी है। इसमें छोटी-छोटी क्यारियां बनाकर उसमे ज़रूरत के अनुसार पोषक तत्व वाली सब्जियों को उगाया जा सकता है। पोषण वाटिका में सब्जियों की खेती के लिए मौसम औऱ जलवायु के अनुसार फसल-चक्र अपनाते हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह आगे कहते हैं कि बड़े-बड़े शहरों में रहने वाले कई लोगों की अक्सर ये शिकायत रहती है कि वो स्वस्थ फल-सब्जियों को खुद कैसे उगा सकते हैं। खेती के लिए ज़मीन न होने पर ऐसे लोग अपनी छत पर भी एक पोषण वाटिका असानी से तैयार कर सकते हैं। 

पोषण वाटिका nutrition garden model
कृषि विज्ञान केन्द्र, पूर्वी चंपारण, बिहार

डॉ. अभिषेक के अनुसार, न्यूट्रिशन गार्डन में सब्जियों के साथ-साथ फलदार वृक्ष जैसे पपीता,नींबू, अनार व अमरुद आदि के अलावा, औषधिय पौधे जैसे तुलसी, एलोवेरा, गिलोय को भी लगा सकते हैं। पोषण वाटिका से उत्पादित सब्जियां स्वादिष्ट, ताज़ी व कीट-बीमारियों से मुक्त होती हैं। साल भर सब्जी की उपलब्धता के लिए जल्दी, मध्य और देर से पकने वाली किस्मों को उगाना चाहिए। फलदार वृक्षों जैसे-नींबू, अमरुद, केला एवं अनार को एक तरफ लगाना चाहिए, जिससे क्यारियों की जुताई में कोई दिक्कत न आए। ज़्यादा पानी की ज़रूरत वाली सब्जियों जैसे पालक और चौलाई को नाली के पास लगाना चाहिए। सब्जियों को हमेशा जगह बदल-बदल कर लगाये ताकि अधिक उत्पादन के साथ-साथ कीट एवं बीमरियों का प्रकोप कम हो सके।

न्यूट्रिशन गार्डन  का स्थान चयन

कृषि वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह के मुताबिक, न्यूट्रिशन गार्डन के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें जहां पर्याप्त मात्रा में धूप आती हो। इस बात का ध्यान रखें कि बड़े पेड़ की छाया सब्जियों की पैदावार को प्रभावित न करें। इसके लिए एक या दो कम्पोस्ट के गड्ढे छाया या कम महत्व वाली जगह में बनाने चाहिए। अगर पर्याप्त जगह हो तो पपीता, नींबू, अंगूर, केला इत्यादि को उत्तर दिशा में लगाया जा सकता है।

ड़ॉ अभिषेक के अनुसार, पोषण वाटिका में सब्जियों का फसल चक्र निम्न प्रकार से रखना चाहिए:

  • न्यूट्रिशन गार्डन की पहली क्यारी में नवंबर से मार्च और मार्च से अक्टूबर के माह के दौरान पत्तागोभी, लेट्यूस सहफसली रूप में ग्वार एवं फ्रास्बीन की फसल लगानी चाहिए। 
  •  न्यूट्रिशन गार्डन की क्यारी सख्यां 2 में सितंबर से फरवरी तक गांठ गोभी और लोबिया  और मार्च से लेकर  अगस्त महीने में लोबिया की फसल लगानी चाहिए।
  • क्यारी सख्यां 3 में जुलाई से नवंबर,  नवंबर से दिसम्बर और दिसम्बर से जून में फूलगोभी, मूली की मध्य  मौसमी किस्में, प्याज की फसल लगानी चाहिए।
  • क्यारी सख्यां 4 में नवंबर से मार्च ,मार्च से जून और जूलाई से अक्टूबर मे आलू, लोबिया, अगेती फूलगोभी  की फसल लगानी चाहिए। 
  • पांचवीं क्यारी में जुलाई से मार्च में बैंगन के साथ पालक और मार्च से जून माह में भिंडी के साथ चौलाई साग लगानी चाहिए।
  • क्यारी सख्यां 6 में अगस्त से मार्च में गोल बैगन के साथ पालक और मार्च से अगस्त में भिंडी के साथ चौलाई साग लगानी चाहिए।
  • सांतवीं क्यारी में सितंबर से मार्च में  मिर्च के साथ शिमला मिर्च  और जून से अगस्त में भिंडी की फसल लगानी चाहिए। 
पोषण वाटिका nutrition garden model
कृषि विज्ञान केन्द्र में किसानों को ट्रेनिंग देते वैज्ञानिक

मेड़ों पर करे कंद वाली सब्जियों की बुवाई

डॉ अभिषेक ने बताया कि बुवाई का समय, जलवायु के अनुसार सब्जी की फसलें बदल सकते हैं। क्यारी संख्या 1 से 3 के मेड़ पर शलजम के बाद मूली,  मेड 4 चुकन्दर के बाद अरबी/बंडा/गडेरी , क्यारी संख्या 5 से 6 के मेड पर गाजर के बाद अरबी/बंडा/गडेरी और  क्यारी सख्यां 7 में मूली के बाद अरबी/बंडा/गडेरी लगानी चाहिए।

 न्यूट्रिशन गार्डन में फलों को इस तरह लगाएं

सहजन (Drumstick) का एक पौधा एक लाइन में, केले के पांच पौधे एक लाइन में और पपीते के पांच पौधे एक लाईन में, करोंदा के दो पौधे एक लाईन में, करी पत्ता का एक पौधा एक लाईन में  और शतावरी के दो पौधे छोटी लाइन में लगाने चाहिए। 

पोषण वाटिका nutrition garden model

न्यूट्रिशन गार्डन के लिए पौध सुरक्षा और अन्य ज़रूरी सुझाव

डॉ अभिषेक कहते हैं कि बीजों और पौधों की खरीदारी विश्वसनीय संस्थानों से ही करनी चाहिए। गोबर की खाद का ही ज़्यादातर प्रयोग करना चाहिए। सिंचाई के लिए रसोईघर या घर के बेकार पानी का उपयोग करना चाहिए। 

फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए जैविक कीट नाशी दवाओं का उपयोग करें। नीम युक्त कीटनाशक के उपयोग को बढ़ावा दें। स्टीकी ट्रैप का उपयोग करें। पोषण वाटिका की कोई भी क्यारी खाली नहीं रखनी चाहिए। टमाटर, मटर, सेम, परवल आदि को सहारा दिया जाना चाहिए ताकि यह फसले कम से कम जगह घेरे और बेल/लतेदार सब्जियों जैसे लौकी, तुरई, केला, टिंडा इत्यादि को बाड़ों के सहारे उगाना चाहिए। जल्दी तैयार होने वाली सब्जियों को देर से तैयार होने वाली सब्जियों के बीच कतारों में लगाना चाहिए। 

पोषण वाटिका nutrition garden model

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न्यूट्रिशन गार्डन से लाभ

डॉ. अभिषेक कहते हैं कि इम्यूनिटी पावर और अपने शरीर में पोषक तत्व की ज़रूरत को पूरा करने के लिए पोषण वाटिका सबसे बेहतर तरीका है। इससे हर समय ताज़ी, स्वादिष्ट और केमिकल मुक्त सब्जी की उपलब्धता रहती है। घर के व्यर्थ हो रहे पानी और कूड़े-करकट का सदुपयोग हो जाता है। इस तरह से अच्छी बचत भी होती है। बच्चो में अच्छी आदतों का विकास होता है ओर वे श्रमजीवी बनते है। पोषण वाटिका देखकर आंखों को संतोष एवं आनंद मिलता है और खाली समय का सदुपयोग हो जाता है।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या kisanofindia.mail@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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