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पोषण वाटिका का मॉडल क्यों है हिट? पुणे की अंजली ने अपने गाँव को बना दिया रोल मॉडल

अंजली वामन ने अपनाया वीकली बास्केट कॉन्सेप्ट

अंजली ने 200 वर्ग मीटर में पोषण वाटिका बनाई। कैसे इससे उन्हें और अन्य किसानों को फ़ायदा हुआ? कैसे छोटे और सीमांत किसानों के लिए ये मॉडल फ़ायदेमंद है, जानिए इस लेख में।

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पुणे के कलवाड़ी गांव की रहने वाली अंजली वामन अपनी 5 एकड़ की ज़मीन में पपीते और केले की खेती करती हैं। अंजली जिस जुन्नार तहसील से ताल्लुक रखती हैं, वहाँ ज़्यादातर छोटे और सीमांत किसान हैं। ये किसान सालभर में एक ही फसल लेते हैं। फल-सब्जी खरीदेने के लिए गांव से दूर लगने वाले साप्ताहिक बाज़ार जाना पड़ता है। इसका असर इन किसानों की आजीविका पर तो पड़ता ही है, साथ ही पोषण युक्त कहाने का अभाव रहता है। 

200 वर्ग मीटर में बनाई पोषण वाटिका

अपने गाँव की इस समस्या के हल के लिए अंजली वामन ने कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क किया। कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से अंजली ने 200 वर्ग मीटर में पोषण वाटिका बनाई, ताकि गाँव में आसानी से सब्जियां उपलब्ध हो सकें। कैसे कृषि विज्ञान केंद्र का उन्हें सहयोग मिला? कितने किसानों को लाभ पहुंचा? आइए आपको बताते हैं इस लेख में। 

पोषण वाटिका का मॉडल poshan vatika nutrition garden
तस्वीर साभार: kvkthane

पोषण वाटिका बीज किट किसानों को दी गई

कृषि विज्ञान केंद्र नारायणगांव ने पोषण वाटिका पर एक किसान सेमीनार आयोजित किया। इस सेमीनार में किसानों को पोषण वाटिका बनाए जाने को लेकर जानकारी दी गई। करीबन 150 आंगनवाड़ी महिलाओं को पोषण वाटिका के प्रबंधन की ट्रेनिंग दी गई। केवीके ने 25 तरह की सब्जियों और 4 प्रकार के फलों के पौधों से युक्त पोषण वाटिका बीज किट तैयार की। ये किट यूनिसेफ, एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन और नारी प्रोजेक्ट द्वारा फंड किये गए एक प्रोजेक्ट के तहत बनाई गईं। 

कुल मिलाकर 6 गांवों के 670 परिवारों को पोषण वाटिका तैयार करने की ट्रेनिंग दी गई। ‘नारी प्रोजेक्ट’ के तहत 250 परिवारों को और अन्य प्रोजेक्ट्स के तहत 190 परिवारों को पोषण वाटिका से जुड़ी ज़रूरी सामग्री मुहैया कराई गई। 

पैटल सर्कल मॉडल बनाया

कृषि विज्ञान केंद्र फ़ार्म में भी न्यूट्रिशन गार्डन का एक मॉडल बनाया गया, ताकि महिलाएं पोषण वाटिका से जुड़ी जानकारी ले सकें। फ़ार्म के 200 वर्ग मीटर क्षेत्र में 8 पैटल सर्कल मॉडल तैयार किया गया। इसमें 25 तरह की सब्जियां लगाई गईं। बाकी 100 वर्ग मीटर क्षेत्र में जैविक खाद, वर्मीकम्पोस्ट, पोल्ट्री और बकरी पालन का मॉडल तैयार किया गया। 

पोषण वाटिका का मॉडल poshan vatika nutrition garden
8 पैटल सर्कल मॉडल (तस्वीर साभार: kvkthane)

वीकली बास्केट कॉन्सेप्ट अपनाया

इसी दौर में अंजली वामन ने भी जैविक खेती का प्रशिक्षण लिया। अंजली वामन ने खुद के परिवार के लिए सब्जी का उत्पादन करना शुरू कर दिया। इसके अलावा, उन्होंने वीकली बास्केट का कॉन्सेप्ट भी तैयार किया। वीकली बास्केट बनाकर वो नज़दीकी शहरों में बेचने लगीं। इससे उन्हें अच्छी आमदनी हुई। मांग बढ़ने के बाद उन्होंने पोषण वाटिका के क्षेत्र को और बढ़ा दिया। 

पोषण वाटिका का मॉडल poshan vatika nutrition garden
तस्वीर साभार: kvkthane

अन्य किसानों को मिली प्रेरणा

कलवाड़ी गांव की सफलता को देखकर अन्य गांव भी पोषण वाटिका कॉन्सेप्ट को अपनाने के लिए प्रेरित हुए हैं। अंजली वामन ने अपने गांव की 100 महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए प्रेरित किया और पोषण वाटिका शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद लगभग 100 महिला किसानों ने मिलकर जैविक पोषण वाटिका की शुरुआत की। 

पोषण वाटिका का मॉडल poshan vatika nutrition garden
8 पैटल सर्कल मॉडल पर आधारित फ़ार्म (तस्वीर साभार: kvkthane)

केवीके पुणे ने अंजली वामन की उपलब्धियों और प्रयासों को सराहते हुए उन्हें कई कार्यक्रमों में सम्मानित भी किया है। कृषि विज्ञान केंद्र ने उन्हें अन्य साथी किसानों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में रखा है। 

ये भी पढ़ें: क्या है पोषण वाटिका का मॉडल? कृषि वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह से जानिए कैसे घर में बनाएं Nutrition Garden

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