ट्री टोमेटो (Tree Tomato) के नाम से बहुत से लोगों को लगता है कि ये टमाटर की ही कोई किस्म है, लेकिन ऐसा नहीं है। ये टमाटर नहीं है, बल्कि एक ख़ास तरह का फल है और इसे टमेरिलो कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Cyphomandra Betaacea Sendt है। इसके पौधे छोटे और झाड़ीनुमा होते हैं। ट्री टोमेटो की खेती मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में की जाती है। भारत में ट्री टोमेटो की खेती (Tree Tomato Farming) असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक के पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती है। इसकी खेती के साथ ही जैम, जेली, अचार, चटनी जैसे मूल्य संवर्धन उत्पाद (value Added Products) बनाकर भी किसान अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं।
ट्री टोमेटो की ख़ासियत (Tree Tomato)
ट्री टोमेटो के पौधे बीज या कलम से लगाए जा सकते हैं। धुले और सूखे बीजों को बुवाई से पहले 24 घंटे फ्रिज में रखने से अंकुरण जल्दी होता है। कलम से पौधे लगाने के लिए 1-2 साल पुराने पेड़ से करीब 1 इंच लंबी लकड़ी लें, जिसकी लंबाई 18 से 30 इंच तक होनी चाहिए। कटिंग को सीधे ज़मीन में लगाया जा सकता है। ट्री टोमेटो के फल 3-12 के गु्च्छों में लटके होते हैं। ये 5-10 सेन्टीमीटर लंबे और 4-5 सेन्टीमीटर चौ़ड़े अंडाकार आकार के होते हैं। इसके फल पकने के बाद पीले, नारंगी या लाल रंग के हो जाते हैं। फल का रंग पौधे की किस्म पर निर्भर करता है। कच्चे फलों को नहीं खाना चाहिए, क्योंकि ये जहरीले हो सकते हैं। पेड़ पर पकने के बाद ही फलों को खाना चाहिए।
![ट्री टोमेटो की खेती ट्री टोमेटो की खेती](https://www.kisanofindia.com/wp-content/uploads/2023/03/3-2.jpg)
ट्री टोमेटो की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी?
ट्री टोमेटो की खेती के लिए उपजाऊ हल्की मिट्टी, जिसमें ऑक्सीजन की अच्छी मात्रा हो और जल निकासी की उचित व्यवस्था हो, उपयुक्त होती है। कार्बनिक पदार्थ वाली मिट्टी भी इसके लिए अच्छी मानी जाती है। इसके पेड़ों को तेज़ हवा से बचाने की ज़रूरत होती है।
कितने दिनों में तैयार होते हैं फल?
बुवाई के 6 महीने बाद ही इसमें फूल आने लगते हैं और डेढ़ से दो साल में ट्री टोमेटो के पेड़ फल देने लगते हैं और 5-6 साल में फल अपने चरम पर होता है। एक पेड़ से साल में करीब 25-30 किलो फल प्राप्त होते हैं। करीब 25 हफ़्ते में फल पककर तैयार हो जाते हैं।
पौधे लगाने का तरीका
अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहां तेज़ हवा चलती है तो पौधे और पंक्ति के बीच 1.2 से 1.5 मीटर की दूरी रखें। बाकी जगहों पर पौधे और पंक्तियों के बीच 2-3 मीटर की दूरी रखी जा सकती है। ट्री टोमेटो के पौधों की जड़े उथली होती है, इसलिए अच्छी तरह विकसित होने के लिए भरपूर पानी की ज़रूरत होती है। उर्वरकों का उपयोग भी ज़रूरी है। इसकी आधी मात्रा बसंत की शुरुआत में डालें और बाकी आधी मात्रा का उपयोग गर्मियों में करें। मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए पलवार का उपयोग करें। पौधों के अच्छे विकास के लिए इसकी कटाई-छंटाई ज़रूरी है।
![Tree Tomato](https://www.kisanofindia.com/wp-content/uploads/2023/03/Tree-Tomato.jpg)
पर्वतीय क्षेत्रों में संभावनाएं
कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर ट्री टोमेटो का इस्तेमाल कई रोगों से बचाव के लिए भी किया जाता है। ऐसे में ट्री टोमेटो की खेती फ़ायदेमंद हो सकती है। देश के पहाड़ी इलाकों में इसकी खेती किसानों को फ़ायदा दे सकती है। साथ ही इसके मूल्य संवर्धन उत्पाद जैसे जैम, जेली, अचार, चटनी आदि बनाकर भी किसान अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। इस फल की खासियत है कि फ्रिज में इसे 10 हफ़्ते तक के लिए स्टोर किया जा सकता है।
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