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फ़ूड प्रोसेसिंग: कर्नाटक की वसुंधरा ने खड़ा किया ‘मंजुश्री होम प्रॉडक्ट’ ब्रांड, मार्केटिंग की बारीकियों को करती हैं फ़ॉलो

अपने शौक को व्यवसाय में तब्दील किया

खेती से प्राप्त उत्पादों की प्रोसेसिंग या मूल्य संवर्धन (Value addition) महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने का बेहतरीन ज़रिया है। कर्नाटक की रहने वाली वसुंधरा हेगड़े ने भी फ़ूड प्रोसेसिंग को अपनाकर खुद का बिज़नेस शुरू किया।

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आप भी उत्तर कर्नाटक की रहने वाली 40 वर्षीय वसुंधरा हेगड़े की तरह फ़ूड प्रोसेसिंग होममेड प्रॉडक्ट्स का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। बचपन से ही कृषि और कृषि उत्पादों से लगाव रखने वाली वसुंधरा ने कैसे मूल्य संवर्धन उत्पाद (Value-added products) की बदौलत लाखों का व्यवसाय खड़ा किया, जानिए इस लेख में।

फ़ूड प्रोसेसिंग की तरफ़ पहले से था झुकाव

वसुंधरा हेगड़े बचपन से ही अपने आसपास कृषि गतिविधियों व फ़ूड प्रोसेसिंग का काम देखती आई हैं, जिसकी वजह से इस तरफ़ उनका झुकाव भी था। वह घर पर ही उपलब्ध चीज़ों से खाद्य उत्पाद बनाती थीं। शादी के बाद भी उन्होंने यह काम जारी रखा। वह सुपारी, केला और काली मिर्च से अलग-अलग तरह के उत्पाद बनाने लगीं।

वसुंधरा हेगड़े महिला मारूकाट्टे (लेडीज़ मार्केट) नाम के एक समूह में बतौर सदस्य शामिल हुईं। इस समूह का मकसद कर्नाटक में घर पर खाद्य उत्पाद बनाने वाली महिलाओं को सशक्त बनाना है।

manjushree home product food processing फ़ूड प्रोसेसिंग
तस्वीर साभार: Ministry of Food Processing Industries

फ़ूड प्रोसेसिंग तकनीक को बनाया और बेहतर

महिला मारूकाट्टे नाम से ही समूह का एक फेसबुक ग्रुप था, जिसके ज़रिए होम मेड प्रॉडक्ट्स को ऑनलाइन बेचा जाता था। वसुंधरा के लिए यह अनुभव बिल्कुल नया था। समूह की अन्य महिला सदस्यों से जुड़ने के बाद उन्होंने अपनी फ़ूड प्रोसेसिंग तकनीक को और बेहतर बनाया।

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तस्वीर साभार: Ministry of Food Processing Industries

दूसरों को देखकर आया नया आइडिया

इतना ही नहीं, दूसरी महिलाओं द्वारा किए जाने वाले मूल्य संवर्धन उत्पादों को देखकर उन्हें नया आइडिया भी आया। उनके पास ड्रायर मशीन है, जिसका इस्तेमाल वह सुपारी को सुखाने के लिए करती हैं। उन्होंने सोचा क्यों न इसका इस्तेमाल, केला और कटहल को सुखाने के लिए किया जाए। हालांकि, वह इस प्रयोग की सफलता को लेकर आश्वस्त नहीं थी। फिर भी उन्होंने अपने दिल की बात सुनीं और मानसून सीज़न में खराब होने वाले केले और कहटल को ड्रायर मशीन से सुखाया। फिर उन्होंने सूखा केला, केले का आटा, केले के चिप्स, सूखा कटहल, कहटल का गूदा, कहटल के बीज का पाउडर, कहटल के चिप्स जैसे कई और प्रॉडक्ट्स बनाने शुरू कर दिए। इसके अलावा, वह हल्दी पाउडर, कोकम का छिलका, हर्बल टी पाउडर, कर्ड चिली जैसे और भी value added products बनाती हैं।

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तस्वीर साभार: Ministry of Food Processing Industries

खुद का बिज़नेस शुरू किया

उन्होंने अपने उत्पादों की बिक्री के लिए जून 2020 में ‘मंजूश्री होम प्रॉडक्ट’ नाम से अपने बिज़नेस की शुरुआत की। उनके उत्पाद कर्नाटक के अलावा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडू, दिल्ली, गोवा, लक्ष्यद्वीप और तेलंगाना में भी बिक्री के लिए जाते हैं। इतना ही नहीं, उनके उत्पाद सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका में निर्यात भी किए जा रहे हैं। उत्पादों की मार्कटिंग के लिए वह सोशल मीडिया, ख़ासतौर पर फेसबुक और व्हाट्सऐप का ज़्यादा इस्तेमाल करती हैं।

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तस्वीर साभार: Ministry of Food Processing Industries

केमिकल और प्रिज़र्वेटिव फ़्री उत्पाद

वसुंधार हेगड़े के उत्पाद पूरी तरह से ऑर्गेनिक हैं। इसमें किसी तरह के केमिकल या प्रिज़र्वेटिव्स का इस्तेमाल नहीं होता। वसुंधरा हेगड़े का मकसद कर्नाटक की महिलाओं को अपना फ़ूड प्रोसेसिंग व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित करना है। उनका मानना है कि इससे खाद्य उत्पादों की बर्बादी रोकने के साथ ही कृषि उत्पादों का बेहतर उपयोग हो पाता है। अपने उद्यम के ज़रिए वह अलग-अलग तरह के कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग करना चाहती हैं। 2020-21 में उनके व्यवसाय का टर्नओवर लगभग 5 लाख रुपये रहा।

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