Modern Farming: गोवा की विशाखा ने अपनाई आधुनिक खेती, SRI तकनीक में माहिर

गोवा की प्रगतिशील महिला किसान विशाखा विठोबा वेलिप के पास 6.5 एकड़ ज़मीन हैं। इसमें वो कई तरह के फल-सब्जियों की आधुनिक खेती करती हैं। उन्होंने उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया हुआ है।

आधुनिक खेती modern farming SRI technology

खेती में अगर आधुनिक मशीनों के साथ ही सही प्रबंधन किया जाए तो अच्छी पैदावार हासिल हो सकती है। इसके साथ ही जिन किसानों के पास कम ज़मीन है, वह कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों और मूल्यसंवर्धन (Value Addition) के ज़रिए कृषि को एक व्यवसाय का रूप देकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। गोवा की प्रगतिशील महिला किसान विशाखा विठोबा वेलिप भी कुछ ऐसा ही कर रही हैं। आधुनिक खेती के लिए वह किन उन्नत मशीनों का इस्तेमाल कर रही हैं और कौन-कौन सी अन्य गतिविधियों के ज़रिए मुनाफ़ा कमा रही हैं? आइए, जानते हैं। 

इलाके के लोगों का मुख्य पेशा है खेती

गोवा का क्यूपेम तालुका मुख्य रूप से कृषि के लिए ही जाना जाता है। इस क्षेत्र को कृषि की रीढ़ कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यहां कई तरह की फसलें उगाई जाती हैं। ख़ासतौर पर महिला किसान रबी और खरीफ़, दोनों मौसम में सब्ज़ियों की खेती के साथ ही खरीफ़ सीज़न में धान भी उगाती हैं। विशाखा के पास 6.5 एकड़ ज़मीन हैं, जिस पर वह धान और सब्ज़ियों की आधुनिक खेती करती हैं। पेशे से शिक्षक उनके पति खेती के कामों में विशाखा का हाथ बंटाते हैं। 

आधुनिक खेती modern farming SRI technology
तस्वीर साभार: agricoop

ट्रेनिंग से मिली मदद

2017 से उन्होंने क्यूपेम स्थित क्षेत्रीय कृषि कार्यालय द्वारा आयोजित कई प्रशिक्षण कार्यक्रमो में हिस्सा लिया। इससे उन्हें उन्नत कृषि तकनीकों के साथ ही अन्य गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्हें धान/सब्ज़ियों की उन्नत खेती, वर्मीकंपोस्ट बनाने, वर्जिन कोकोनट ऑयल तैयार करने, मधुमक्खी पालन, कच्चे कटहल की वैक्यूम पैकिंग, स्थानीय रूप से उपलब्ध फलों और सब्ज़ियों के मूल्यवर्धन की जानकारी मिली।

मशीनों का इस्तेमाल

आधुनिक खेती में टेक्नोलॉजी की भी मुख्य भूमिका है। गोवा के कृषि विभाग की मदद से उन्होंने कई कृषि मशीनरी खरीदीं, जिसमें मिनी टिलर, वीड कटर, वॉटर पंप, स्प्रेयर पंप और इलेक्ट्रिक ट्रे ड्रायर आदि शामिल हैं। इन मशीनों की मदद से कम मेहनत और समय में खेती का काम अधिक कुशलता से हो जाता है। धान की खेती के लिए उन्होंने सिस्टम ऑफ़ राइस इंटेंसिफिकेशन (SRI) पद्धति को अपनाया है।

क्या है SRI तकनीक? (System of Rice Intensification, SRI Technology)

SRI पद्धति में खेत में ज़्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि खेत में नमी बनाए रखना ज़रूरी होता है। हल्की नमी भी हो तो धान की बुवाई की जा सकती है। इस विधि में अच्छी तरह से मिली हुई मिट्टी में सूखे बीजों को  बिखेरकर उनकी अच्छे से बुवाई की जाती है। इस विधि में ध्यान रखने की ज़रूरत है कि ज़मीन पर दरार न पड़े। दरार दिखने का संकेत है कि मिट्टी में नमी की मात्रा कम होती जा रही है। इसलिए दरार वाली स्थिति दिखे तो खेत में सिंचाई कर देनी चाहिए। 

आधुनिक खेती modern farming SRI technology
तस्वीर साभार: ICAR

Modern Farming: गोवा की विशाखा ने अपनाई आधुनिक खेती, SRI तकनीक में माहिरइन सब्ज़ियों की करती हैं खेती

खरीफ़ के मौसम में खोला मिर्च, कद्दूवर्गीय सब्जियां, केट कोंगा, ज़द कोंगा, कोलोकेशिया सूरन और हल्दी जैसी पहाड़ी सब्जियों की खेती करती हैं। वह सूखी खोला मिर्च को सुपरस्टोर्स में बेचती हैं। पहले वह मिर्च की नर्सरी की पौध सीधे ज़मीन पर उगाती थी, लेकिन अब बीज ट्रे में हाइब्रिड मिर्च के पौधे उगा रही हैं। रबी के मौसम में वह निशा और सितारा जैसी हाइब्रिड मिर्च की किस्में उगाती हैं।

खेती के अलावा कौन सी हैं अन्य गतिविधियां?

उन्होंने एक वर्मीकम्पोस्ट यूनिय भी बनाई हैं और यहां बनी खाद का उपयोग सब्ज़ियों की खेती में करती हैं। इसके अलावा, वह गेंदे के फूल भी उगाती हैं। विशाखा वर्मी कंपोस्ट, सब्ज़ियों और फूलों को स्थानीय बाज़ार में सड़क के किनारें बेचती हैं। उन्होंने 5 मधुमक्खियों की कॉलोनी भी बनाई हैं। वह मूल्यवर्धन का काम भी करती हैं। जैसे कहटल के चिप्स, कोकम सोलम, कटहल और आम का पापड़, मिर्च पाउडर बनाकर बेचती हैं। इसके अलावा, नारियल के झाड़ू बनाकर भी स्थानीय बाज़ार में बेचती हैं। इन सभी गतिविधियों से उन्हें सालाना करीब 2 लाख रुपये की आमदनी होती है। 

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तस्वीर साभार: agricoop

कृषि विभाग की मदद से तकनीकी और योजनाबद्ध खेती करके वह एक सफल व प्रगतिशील महिला किसान बन चुकी हैं। अब अपने इलाके की अन्य महिला किसानों को भी खेती को व्यवसायिक गतिविधि की तरह करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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