मोती की खेती (Pearl Farming): इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले हरियाणा के युवा किसान अंकुश गिरी ने अपने पढ़ाई से बिल्कुल अलग बिज़नेस करने की सोची और काफ़ी उतार-चढ़ाव के बाद आज वो अपने बिज़नेस में पूरी तरह से सफल हैं। यही नहीं आज वो हरियाणा के सफल किसान उद्यमी बन चुके हैं। बहुत से युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं, क्योंकि वो एक ऐसे बिज़नेस से लाखों की कमाई कर रहे हैं, जिसके बारे में अब भी लोगों को बहुत जानकारी नहीं है।
पारंपरिक खेती से इतर मोती की खेती ने अंकुश को कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचाया है। मगर उनका ये सफर आसान नहीं था। शुरु में असफलता भी हाथ लगी, मगर अपनी असफलताओं से सीख लेते हुए वो आगे बढ़ते गए और एक सफल उद्यमी बनें। कैसे सही ट्रेनिंग के साथ मोती की खेती शुरू करके किसान अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं, इस बारे में अंकुश गिरी से बात की किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता गौरव मनराल ने।
मोती की खेती को क्यों चुना
अंकुश गिरी बताते हैं कि इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के दौरान ही उनके दिमाग में था कि अपना कोई बिज़नेस किया जाए। कुछ दिन नौकरी भी की, फिर मशरूम की खेती के बारे में भी सोचा, मगर फिर मोती की खेती (Pearl Farming) के बारे में पता चला, तो इस बारे में रिसर्च की और थोड़ी बहुत ट्रेनिंग ली और फिर स्टार्टअप बि़ज़नेस शुरू किया।
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अंकुश गिरी ने दक्षिण भारत की बड़ी-बड़ी नदियों और समुद्र से सीप लाकर इंप्लांट किया और आज बड़े पैमाने पर पर्ल फार्मिंग कर रहे हैं। मगर अंकुश बताते हैं कि शुरू में वो फेल भी हुए। इसलिए वो किसानों को नसीहत देते हैं कि अगर वो कोई बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं, तो ये मानकर चलें कि शुरुआती साल में मुनाफ़ा नहीं होगा। अगर वो कुछ साल तक नुकसान सहने के लिए तैयार हैं तभी बिज़नेस या स्टार्टअप में आएं क्योंकि कोई भी बिज़नेस 2-4 महीने में ही मुनाफ़ा नहीं देता है।
कितने टैंक से किसान करें शुरुआत
अंकुश बताते हैं कि 2019 में उन्होंने अपना बिज़नेस घर पर ही एक टैंक में 1500 सीप के साथ शुरू किया था। फिर धीरे-धीरे इसे आगे बढ़ाया, गलतियों को सुधारा और कई जगह ट्रेनिंग लेकर नई चीज़ें सीखें। वो किसानों को सलाह देते हैं कि अगर वो इंडिपेंडेंट रूप से पर्ल फार्मिंग करना चाहते हैं, तो 2-3 टैंक या हज़ार दो हज़ार सीप से ही शुरुआत करें, लेकिन हां, वो अगर किसी फर्म या बड़े किसान के साथ जुड़कर काम करते हैं तो बड़े पैमाने पर बिज़नेस शुरू कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें बैकएंड सपोर्ट मिलेगा।
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मोती की किस्में और कहां से लाते हैं सीप
अंकुश कहते हैं कि हमारे देश में सीप की 64 किस्में हैं, लेकिन वो lamellidens marginalis, Lamellidens corrianus किस्म की ही खेती करते हैं, क्योंकि ये दोनों सीप ही अच्छी गुणवत्ता वाले मोती देते हैं। यही नहीं, हमारे देश के लगभग सभी किसान इन्हीं दोनों किस्म की खेती करते हैं। आगे वो बताते हैं कि सीप देश के तटीय हिस्सों से लाया जा सकता है जैसे तेलंगाना, असम, हावड़ा, बिहार जैसे क्षेत्र जहां फ्रेश वाटर यानी मीठा पानी हैं, वहां से किसानों को सीप मिल जाएगा। 6 से 20 रुपये के अंदर उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाले सीप मिल जाएंगे।
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किस तरह का पानी चाहिए
अंकुश समझाते हुए कहते हैं कि खारे पानी में मिलने वाले सीप को ओएस्टर कहते हैं और मीठे पानी वाले को सीप कहते हैं। इनकी खेती कहीं भी की जा सकती है बस इसके लिए पानी का पीएच बैलेंस और टीडीएस ठीक होना चाहिए। टीडीएस 1000 से नीचे होना चाहिए।
टैंक का साइज और खर्च
अंकुश बताते हैं कि टैंक का स्टैंडर्ड साइज़ 15 फीट लंबाई, 5 फीट चौड़ाई और स्लोपिंग 8-9 इंच की होनी चाहिए। इसकी हाइट 4-5 फीट होनी चाहिए, जिसे 7 तक बढ़ा सकते हैं। बीच में ड्रेनेज होना ज़रूरी है और इसके लिए बड़े पाइप लगाएं, जिससे पानी जल्दी निकल जाए। एक टैंक में 1200 से 1300 सीप डाल सकते हैं। एक टैंक को बनाने में 20-25 हज़ार का खर्च आता है। ये थोड़ा ज़्यादा भी हो सकता है, क्योंकि हर जगह की मज़दूरी अलग होती है।
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खेती का समय
अगर आप भी मोती की खेती करना चाहते हैं, तो अक्टूबर से फरवरी तक का समय सीप इंप्लांट करने के लिए सही है। अंकुश कहते हैं कि इसे आप ज़्यादा से ज़्यादा मार्च 15-20 तारीख तक खींच सकते हैं। उसके बाद गर्मियां शुरू हो जाती हैं तब पर्ल फार्मिंग नहीं करनी चाहिए।
किन बातों का रखें ध्यान
- बड़े होल वाले नेट बैग इस्तेमाल करें, क्योंकि इसमें लाल कीड़े नहीं फंसते हैं। और सीप को ऊपर से थोड़ी जगह छोड़कर लगाएं, क्योंकि टैंक का पानी ऊपर से गर्म हो जाता है जिससे सीप मर सकते हैं।
- पानी का टीडीएस, पीएच बैलेंस होना चाहिए।
- सीप इंस्टॉलेसन अक्टूबर से मार्च में करें।
- पानी का पैरामीटर सही होना चाहिए, मान लीजिए अमोनिया बढ़ गया तो सीप मर जाएंगे। इसलिए इंस्टॉलेशन के बाद उसकी जांच करें।
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कितना होता है मुनाफ़ा
अंकुश कहते हैं कि एक छोटे से छोटा किसान भी मोती की खेती से लाख रुपये का मुनाफ़ा तो कमा ही सकता है। मान लीजिए कि एक टैंक में 1200 सीप डाले हैं और उसमें 800 सीप बचती है। इससे किसान को 1600 मोती मिलेंगे।
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मोती का मार्केट रेट मोती के क्वालिटी के हिसाब से 100 से 400 तक हो सकता है। अगर एक मोती 100 का भी बिकता है तो किसान को एक लाख 60 हज़ार रुपये तक की आमदनी होगी। उसकी लागत 50 से 60 हज़ार आती है, तो ऐसे में एक लाख की आमदनी आराम से हो सकती है।
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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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