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Arecanut Cultivation: सुपारी की खेती कितनी और कैसे है फ़ायदेमंद? कर्नाटक के योगेश ने अपनाया इंटरक्रॉपिंग का फ़ॉर्मूला

सुपारी के लिए उपयुक्त है लाल मिट्टी

कर्नाटक के तुमकूर ज़िले के रहने वाले योगेश ने सुपारी की खेती से जुड़ी कई अहम जानकारियां बताईं। बाज़ार में सुपारी 300 से लेकर 400 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची जाती है।

क्या आपको पता है कि दुनिया में सबसे ज़्यादा सुपारी का उत्पादन भारत में ही होता है और देश में सबसे ज़्यादा सुपारी की खेती होती है कर्नाटक में। अगर कभी आप दक्षिण भारत घूमने गए हों तो वहां नारियल की तरह पतले और लंबे ढेर सारे पेड़ आपने देखें होंगे, लेकिन उसके फल छोटे-छोटे होते हैं। नारियल की तरह दिखने वाले ये पेड़ सुपारी के होते हैं। दक्षिण भारत में इसकी खेती अधिक होती है, क्योंकि वहां की मिट्टी और मौसम दोनों ही सुपारी के लिए उपयुक्त है। सुपारी की खेती से जुड़ी ज़रूरी बाते जानने के लिए किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददता निशित मल्होत्रा कर्नाटक के तुमकूर ज़िले के एक गांव में पहुंचे। यहां उनकी मुलाकात हुई सुपारी की खेती करने वाले किसान योगेश से।

सुपारी की खेती betel nut cultivation

8 साल के निवेश के बाद होता है मुनाफ़ा

कई सालों से सुपारी की खेती कर रहे किसान योगेश बताते हैं कि सुपारी का पौधा लगाने के 8 साल बाद पेड़ बनता है और फल देना शुरू करता है। यानी 8 साल तक आपको पेड़ की देखभाल के साथ ही खाद-पानी आदि पर खर्च करना होता है।

सुपारी की खेती betel nut cultivation

कितनी होती है कमाई?

एक पेड़ से करीब 2 किलो सुपारी निकलती है। योगेश ने 4 एकड़ में सुपारी के 600 पेड़ लगाए हुए हैं। इससे करीब 4 क्विंटल सुपारी का उत्पादन होता है। योगेश का कहना है कि इतनी सुपारी बेचकर वह 4 लाख रुपये कमा लेते हैं। दरअसल, बाज़ार में सुपारी 300 से लेकर 400 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची जाती है।

सुपारी की खेती betel nut cultivation

सुपारी के साथ ही अतिरिक्त आमदनी के लिए वह कोकून की भी खेती करते हैं, क्योंकि कोकून के पौधे जल्दी तैयार हो जाते हैं। इसलिए कमाई भी जल्दी शुरू हो जाती है।

सुपारी की खेती betel nut cultivation

अन्य फसलों की खेती

योगेश सुपारी और कोकून के साथ ही पैडी क्रॉप्स की खेती भी करते हैं। वह रागी की खेती के साथ ही इसकी प्रोसेसिंग करके बिस्किट भी बनाते हैं। दरअसल, रागी सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद मानी जाती है। इसलिए आजकल रागी और इससे बने उत्पादों की मांग बढ़ रही है।

सुपारी के लिए ज़रूरी है लाल मिट्टी

सुपारी की फसल हर तरह की मिट्टी में नहीं उग सकती। इसके लिए लाल मिट्टी ही चाहिए। कर्नाटक के अधिकांश इलाकों में लाल मिट्टी है, जो इसकी खेती के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। यही वजह है कि तुमकूर ज़िले के अधिकांश किसान सुपारी की खेती करते हैं। 

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सुपारी के साथ उगाएं काली मिर्च

यदि आप अतिरिक्त आमदनी करना चाहते हैं तो सुपारी के साथ ही काली मिर्च की खेती करना अच्छा विकल्प है। काली मिर्च के पौधों को ऊपर चढ़ने के लिए लंबे पेड़ के ज़रूरत होती है, ऐसे में सुपारी का पेड़ अच्छा विकल्प है। सुपारी के पेड़ थोड़ी दूरी पर लगाए जाते हैं और बहुत ऊंचे होते हैं, ऐसे में किसान इसके साथ कुछ दूसरी फसल भी लगा सकते हैं।

सुपारी की खेती betel nut cultivation
काली मिर्च का पौधा

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या kisanofindia.mail@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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