Banana Fiber Products: केले के रेशे से कई उत्पाद तैयार कर रही ये महिलाएं

केले के पौधे से बड़ी मात्रा में रेशा निकलता है, जिसका इस्तेमाल कागज़ और कपड़ा उद्योग में कच्चे माल के रूप में किया जाता है। केले के रेशे से कई उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं। ऐसा ही कर रही हैं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की ये महिलाएं।

केले के रेशे banana fibre production unit

प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचता है। इस नुकसान का अब असर भी दिखने लगा है। पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग का ही असर है, जिसने मौसम चक्र को बिगाड़ दिया है। इसलिए अब लोग पर्यावरण की अहमियत समझ इसे बचाने की पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि इको-फ़्रेंडली उत्पादों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। मगर लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बाज़ार में पर्याप्त उत्पाद नहीं है। इसके लिए कच्चे माल की भी कमी है। ऐसे में केले के रेशे अच्छा विकल्प हो सकते हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना ज़रूरत की कई चीज़ें बनाई जा सकती हैं।

 केला तना रेशा उत्पादन इकाई खोली

केले के फल निकालने के बाद आमतौर पर इसके तने को फेंक दिया जाता है। इस तने में ढेर सारे रेशे होते हैं। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले के मां सरस्वती ग्राम संगठन के 25 सदस्यों ने केला तना रेशा उत्पादन इकाई (Banana Fibre Production Unit) का गठन किया। इस ज़िले में केले की खूब खेती होती है। इसलिए कच्चे माल की कमी की समस्या नहीं होगी।

Banana Fiber Products: केले के रेशे से कई उत्पाद तैयार कर रही ये महिलाएं
तस्वीर साभार- textiletoday

लाभदायक व्यवसाय है केले के रेशे का उत्पादन

इस व्यवसाय में अधिक लोगों की ज़रूरत होती है। इस कारण ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को रोज़गार मिलने के अवसर रहते हैं। साथ ही ये व्यवसाय पर्यावरण के लिहाज़ से भी अच्छा है। केले के रेशे आमतौर पर फल निकालने के बाद इसके पौधों और तने से प्राप्त किए जाते हैं। केले के तने को मशीन की मदद से छोटे टुकड़ों में काटकर प्रोसेस करके रेशे निकाले जाते हैं।रेशों को सुखाकर बिक्री के लिए जमा किया जाता है। रेशे का इस्तेमाल इको-फ़्रेंडली उत्पाद जैसे हैंडबैग, चटाई, बेल्ट, साड़ी, कारपेट, घर के अन्य सामान आदि बनाने में किया जा सकता है।

Banana Fiber Products: केले के रेशे से कई उत्पाद तैयार कर रही ये महिलाएं
तस्वीर साभार: Ministry of Rural Development

Banana Fiber Products: केले के रेशे से कई उत्पाद तैयार कर रही ये महिलाएं

आत्मनिर्भरता की राह

स्वयं सहायता समूह केले के रेशे का उत्पादन करके आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। इससे युवाओं को भी रोज़गार के अवसर मिल रहे हैं। वह आसानी से अपनी आजीविका कमा सकते हैं। इको-फ़्रेंडली उत्पादों का बाज़ार आगे भी बढ़ने ही वाला है। ऐसे में केले के रेशे से बने उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी, जो एक अच्छा संकेत है।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से ईशानगर प्रखंड के समाईसा गांव में केले के रेशे निकालने के लिए प्रोसेसिंग मशीन की स्थापना की गई। इसके लिए मां सरस्वती ग्राम संगठन के 25 सदस्यों ने पहल की। गांव में इस इकाई की सफलता को देखकर अन्य स्वयं सहायता समूह भी केला तना रेशा उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए प्रेरित हुए। हालांकि, मशीन खरीदने के लिए धन की व्यवस्था करना भी एक चुनौती है। मां सरस्वती ग्राम संगठन ने क्लस्टर लेवल फेडरेशन (CLF) से लोन लेकर इसका समाधान किया और मशीनों को सूरत और गुजरात से खरीदा।

Banana Fiber Products: केले के रेशे से कई उत्पाद तैयार कर रही ये महिलाएं

ये भी पढ़ें: केले की खेती (Banana Cultivation): केला किसानों की आमदनी का ज़रिया बन रहा ये आसान तरीका

कपड़ा और कागज़ उद्योग में है भारी मांग

केले के रेशे का कपड़ा और कागज उद्योग में बहुत इस्तेमाल होता है। इसलिए इनकी मांग बढ़ती जा रही है। मां सरस्वती ग्राम संगठन के सदस्यों द्वारा स्थापित इकाई को सूरत, अहमदाबाद, कानपुर आदि जैसे औद्योगिक केंद्रों से थोक ऑर्डर मिल रहे हैं। अहमदाबाद की एक कंपनी से 200 किलो केले के रेशे का ऑर्डर प्राप्त हुआ। इसकी औसत कीमत 150 से 200 रुपये प्रति किलो तक होती है। ऑनलाइन बिक्री के लिए इकाई को इंडिया मार्ट पर भी रजिस्टर्ड किया गया है। केले के रेशे का उत्पादन पर्यावरण की हिफाज़त के साथ ही युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मददगार साबित हो सकता है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

 

ये भी पढ़ें:

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top