सरकार ने साल 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ़ मिलेट्स (International Year of Millets (IYM 2023) घोषित किया है। यानी सिर्फ़ देश ही नहीं, विदेशों में भी पौष्टिक मिलेट्स के उत्पादों को लोकप्रिय बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की थाली में स्वास्थ्य का खज़ाना कहे जाने वाले मिलेट्स पहुंच सके। इसलिए देशभर में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा भी दिया जा रहा है।
सरकार की इसी पहल का नतीजा है कि अब कई कंपनियां भी इस अवसर को भुनाने में जुट गई हैं। किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराने के साथ ही मिलेट्स की खेती से जु़ड़ी सभी जानकारी उपलब्ध करा रही है। यही नहीं किसानों की फसल को वो खरीद भी रही है, जिससे बाज़ार की समस्या न हो। जब किसानों को अपनी उपज की सही कीमत मिल जाएगी, तो ज़ाहिर सी बात है वो मोटे अनाज की खेती के लिए और प्रेरित होंगे। इससे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पौष्टिक मिलेट्स पहुंच पाएंगे।
MEmillets नाम की कंपनी करीब 10 तरह के मिलेट्स के बीज उपलब्ध कराने से लेकर प्रोसेसिंग तक को बढ़ावा दे रही है। MEmillets एंड फ़ूड्स ओपीसी प्रा. लि. के निदेशक मनीष कुमार ने इस बारे में विस्तार से चर्चा की किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता सर्वेश बुंदेली के साथ।
बीज से लेकर रेडी टू ईट फ़ूड तक
ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, कुटकी, कंगनी, सांवा, कोडन, चेना, लिटिल मिलेट जैसे अनाज मोटे अनाज में शामिल है। मनीष कुमार कहते हैं कि मिलेट्स के बीज किसानों के लिए उपयोगी है, क्योंकि इससे वो फसल उगा सकते हैं, मगर इन्हें सीधे तौर पर नहीं खाया जा सकता है। हमारे पास मिलेट्स के हर तरह के अनाज हैं।
उन्होंने कहा कि ज्वारा, बाजरा और रागी को छोड़कर बाकी मिलेट्स भूसी के साथ होता है और भूसी हटाने के बाद जो अनाज मिलता है उसे ही इस्तेमाल किया जाता है। MEmillets मिलेट्स के बीज किसानों को उपलब्ध कराता है। साथ ही मोटे अनाज से बने वाले कई रेडी टू कुक और रेडी टू ईट फूड भी तैयार करते हैं।
सेहत का खज़ाना
मनीष कुमार बताते हैं कि मिलेट्स में फाइबर की बहुत अधिक मात्रा होती है। इसके सेवन से डायबिटीज़, बीपी जैसी कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। इम्यूनिटी और डाइजेशन दुरुस्त होता है। इसमें कई एंटी कैंसर प्रॉपर्टीज़ भी होती हैं। यही नहीं, उनका कहना है कि कोडन मिलेट्स को अगर कोई 6 महीने तक बिना किसी ग्लूटन कंटेंट के खाता है तो टाइप टू डायबिटीज़ की समस्या से निज़ात मिलने में मदद मिलती है। लिटिल मिलेट के सेवन से इन्फर्टिलिटी की समस्या दूर होती है। वहीं रागी उन लोगों के लिए बहुत फ़ायदेमंद है जिन्हें एनिमिया हो या आयरन व कैल्शियम की कमी हो। महिलाओं के लिए मोटे अनाज बहुत ही फ़ायदेमंद है, क्योंकि इसके सेवन से हड्डियां मज़बूत होती है। गर्मियों के लिए ये बेहतरीन है।
सबके अलग उत्पाद
मनीष कुमार का कहना है कि मार्केट में मिलने वाले अन्य मिलेट्स आटे से उनका आटा अलग है, क्योंकि आमतौर पर मिलेट्स को पलवराइज़र में पीसा जाता है जिसमें गर्मी अधिक होने के कारण उसके पौष्टिक तत्व खत्म हो जाते हैं। जबकि MEmillets के पास अलग तरह की मशीन है, जिसमें ठंडा आटा पिसता है। इसकी ख़ासियत ये है कि इससे रोटी आसानी से बन जाती है और फूलती भी है। यही नहीं कंपनी ने रेडी टू ईट और रेडी टू कुक फ़ूड ग्राहकों को उपलब्ध कराने के लिए कई दूसरी कंपनियों के साथ भी डील की है।
किसानों की बाज़ार की समस्या खत्म
मनीष कुमार कहते हैं कि उनकी कंपनी न सिर्फ़ किसानों को बीज उपलब्ध करती है, बल्कि मोटे अनाज की खेती के लिए ज़रूरी सभी जानकारी भी देती है। इसके साथ ही किसानों से अनाज भी खरीदती है। यानी फसल उगाने के बाद किसानों को उसके लिए बाज़ार तलाशने की कोई ज़रूरत नहीं होती।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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