समय के साथ अब खेती का तरीका भी आधुनिक होता जा रहा है। कृषि कार्यों को सुगम बनाने के लिए कई कृषि उपकरण बाजार में उपलब्ध हैं। इन्हीं में से एक है खेत की जुताई को आसान बनाने वाला कृषि उपकरण पावर टिलर (Power Tiller)। अच्छी फसल के लिए खेत की अच्छी जुताई ज़रूरी है और यह काम पावरटिलर बखूबी करता है। इसके अलावा, ये कई तरह के कृषि कार्यों में मदद करता है।
पावर टिलर क्या है?
खेती के लिए इस्तेमाल होने वाली यह मशीन खेत की जुताई से लेकर फसल की कटाई, बुवाई, भूमि समतल जैसे कार्य आसानी से कर सकती है। दरअसल, पावर टिलर में अन्य कृषि यंत्र जोड़कर कई दूसरे काम भी किए जाते हैं। यह ट्रैक्टर की तुलना में हल्का होता है और इसे चलाना भी आसान होता है। इसकी ख़ासियत है कि यह पेट्रोल और डीज़ल दोनों से चल सकता है। ट्रैक्टर की तुलना में इसमें ईंधन भी कम लगता है, जिससे खेती की लागत में कमी आती है। यह ट्रैक्टर से सस्ता होता है और साइज़ में छोटा होने के कारण पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से पहुंच सकता है।

पावर टिलर के फ़ायदे
- यह खेती और बागवानी के कई काम करता है।
- खेतों में पडलिंग, सूखे खेत की जुताई, समतलीकरण करता है।
- इसके साथ ही बुआई, रोपाई, कीटनाशकों का छिडक़ाव भी इससे किया जाता है।
- निराई-गुड़ाई, खेत में पानी पंप करना, फसल की कटाई, फसल की ढुलाई जैसे काम भी इसकी मदद से किए जा सकते हैं।
- अलग-अलग काम के लिए इसमें अलग-अलग कृषि उपकरण जोड़े जा सकते हैं।

पावर टिलर खरीद पर सब्सिडी (Subsidy On Power Tiller)
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे और सीमांत किसानों, महिलाओं और पूर्वोत्तर राज्यों के लाभार्थियों को 8 हॉर्सपावर से कम वाले पावर टीलर पर कुल कीमत की 50 फीसदी सब्सिडी मिलती है। सब्सिडी की अधिकतम राशि 50 हज़ार रुपये है। 8 हॉर्सपावर से ज़्यादा वाले पावर टीलर पर भी 50 फ़ीसदी सब्सिडी का प्रावधान है। इसमें सब्सिडी की अधिकतम राशि की सीमा 75 हज़ार रुपये है।
वहीं अन्य किसानों को 40 फ़ीसदी सब्सिडी मिलती है। 8BHP से कम वाले पावर टीलर पर 40 हज़ार हजार और 8BHP से अधिक वाले पर 60 हज़ार की सब्सिडी दी जाती है।

पावर टिलर कई तरह के होते हैं
बाज़ार में अलग-अलग हार्स पावर के पावर टिलर मौजूद हैं। 9 हॉर्स पावर तक वाले पावर टिलर छोटे आकार वाले कहलाते हैं और इनका इस्तेमाल छोटे बगीचे या किचन गार्डन में आसानी से किया जा सकता है।
9 से 14 हॉर्स पावर वाले मीडियम साइज़ के पावर टिलर का इस्तेमाल छोटे खेत में हल्की जुताई व दूसरे कृषि कार्यों में किया जा सकता है।
20 हार्स पावर तक के बड़े पावरटिलर का उपयोग तकरीबन सभी तरह के कृषि कार्यों के लिए किया जा सकता है।
बाज़ार में इन कंपनियों के पावर टिलर हैं उपलब्ध
होंडा, वीएसटी शक्ति, कुबोटा, केएमडब्लू मेगा, ग्रीव्स कॉटन, मेगा टी कंपनियों के पावर टिलर उपलब्ध हैं। मॉडल के हिसाब से कीमत होती है। 50 हजार से लेकर करीबन दो लाख तक इनकी कीमत रहती है।

पावर टिलर पर सब्सिडी कहाँ से लें?
अगर कोई किसान सब्सिडी पर पावर टिलर खरीदना चाहते हैं, तो वो अपने राज्य के कृषि विभाग की वेबासाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके बाद कृषि विभाग जल्द ही आपसे संपर्क करता है। कृषि उपकरण पर सब्सिडी से जुड़ी ज़्यादा जानकारी जानने के लिए आप अपने नज़दीकी कृषि विज्ञान केंद्र से भी संपर्क कर सकते हैं और किसान कॉल सेंटर 1800 180 1551 नंबर ओर कॉल करके विस्तार से जान सकते हैं।
ये भी पढ़ें: गर्मियों में गहरी जुताई से कैसे बढ़ेगी फसलों की पैदावार, कृषि वैज्ञानिक डॉ. ख़लील ख़ान के टिप्स
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

ये भी पढ़ें:
- खुशबू और सफलता की नई कहानी: सीमैप की ‘Kharif Mint Technology’ ने बदल दी मेंथा की खेती का नक्शाCentral Institute of Medicinal and Aromatic Plants (सीमैप – CIMAP), लखनऊ के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी डेवलप की है जो मेंथा की खेती के पुराने नियमों को ही बदल देती है।
- AI-Based Weather Forecasting: AI की बदौलत बारिश की हर बूंद का अंदाजा! अब नहीं होगी मेहनत बेकार, मिलेगा अगले 4 हफ्ते का पूरा प्लानभारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और दुनिया में अपनी तरह का पहला प्रोग्राम शुरू किया है- एआई-आधारित मौसम पूर्वानुमान (AI-based weather forecasting)। ये सिर्फ एक टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि करोड़ों किसानों की जिंदगी बदलने का एक ज़रिया है।
- रजीना देवी की सफलता की कहानी प्राकृतिक खेती से मिली नई राहरजीना देवी की प्रेरणादायक सफलता कहानी, जहां प्राकृतिक खेती ने कम लागत और अधिक लाभ से उन्हें नई पहचान दिलाई।
- European Union ने भारतीय मत्स्य निर्यात के लिए खोले नए द्वार, 102 और फर्मों को मिली मंज़ूरीयूरोपीय संघ (European Union) दुनिया के सबसे बड़े और सबसे सख्त मानकों वाले आयात बाजारों में से एक है। उसके खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता के मानक (Food safety and quality standards) काफी हाई हैं। ऐसे में, 102 नई यूनिट्स का मंजूरी पाना इस बात का प्रमाण है कि India’s export control mechanism (एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल – EIC) कितना मजबूत और भरोसेमंद है।
- Mushroom Production Training से सहरसा की महिलाएं लिख रहीं आत्मनिर्भरता की कहानी, दे रहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूतीबिहार के सहरसा ज़िले (Saharsa district of Bihar) अगवानपुर के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) में आयोजित चार दिवसीय मशरूम प्रोडक्शन ट्रेनिंग (Mushroom production training) ने न सिर्फ महिलाओं को एक नई राह दिखाई है, बल्कि उन्हें ‘आत्मनिर्भर भारत’ की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है।
- हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों के लिए विकसित की गेहूं की नई क़िस्म WH 1309गेहूं की नई क़िस्म WH 1309 पछेती बिजाई के लिए वरदान है, अधिक पैदावार और रोगरोधी गुणों के साथ किसानों को देगा स्थिर लाभ।
- Role of Technology in Agriculture: कृषि में प्रौद्योगिकी की भूमिका से बदल रहा है भारतीय खेती का भविष्यकृषि में प्रौद्योगिकी की भूमिका किसानों की आय, पैदावार और आत्मनिर्भरता बढ़ा रही है। जिससे भारत में खेती-किसानी की तस्वीर बदल रही है।
- Rangeen Machhli App: ICAR का ‘रंगीन मछली’ ऐप जो दे रहा सजावटी मत्स्य पालन और आजीविका के अवसरों को बढ़ावाRangeen Machhli App सिर्फ एक साधारण जानकारी देने वाला टूल नहीं है, बल्कि ये मछली पालन के शौकीनों (hobbyists), किसानों और बिजनेसमैन के लिए एक पूरी गाइड है। आइए जानते हैं इसकी ख़ास बातें।
- सफ़ेद चादर-सा काशी फूल: झारखंड की संस्कृति और जीवन से जुड़ी अनोखी पहचानझारखंड की संस्कृति और जीवन से जुड़ा काशी फूल शरद ऋतु का प्रतीक है। यह फूल आजीविका और धार्मिक महत्व दोनों में अहम भूमिका निभाता है।
- National Gopal Ratna Award 2025: देश के डेयरी किसानों और तकनीशियनों का सर्वोच्च सम्मान, जानिए कैसे करें अप्लाईराष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 (National Gopal Ratna Award 2025) देश के डेयरी किसानों, सहकारी समितियों और तकनीशियनों (Dairy farmers, co-operatives and technicians) के लिए एक शानदार अवसर है। ये न केवल एक Prestigious honors और Financial Aid प्रदान करता है, बल्कि देश के Dairy Sector में वैज्ञानिक और टिकाऊ तरीकों को अपनाने के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन भी है।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के 5 साल, क्या कहते हैं मछली पालन से जुड़े ताज़ा आंकड़े?प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना: ब्लू इकोनॉमी की ताकत, तकनीक और रोजगार से बदल रहा है भारत का मत्स्य क्षेत्र।
- सरस आजीविका मेला 2025: Vocal for Local और ग्रामीण आजीविका का संगम 22 सितंबर तक22 सितंबर तक दिल्ली में आयोजित सरस आजीविका मेला 2025, लखपति दीदियों और ग्रामीण महिलाओं के उत्पाद, संस्कृति, वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत का उत्सव है।
- गोबर से कागज़ और राखियां बनाकर जयपुर के भीमराज शर्मा ने शुरू किया अनोखा एग्री बिज़नेसगोबर से कागज़ और राखियां बनाकर एग्री बिज़नेस में जयपुर के भीमराज शर्मा ने पर्यावरण हितैषी नवाचार से नई पहचान बनाई।
- जामताड़ा ज़िले में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से पशुपालकों को आत्मनिर्भरता की राहमुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से जामताड़ा के किसानों को मिला चूज़ा वितरण का लाभ, पशुपालन से आत्मनिर्भरता की नई राह।
- अडबंधा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम से किसानों की आमदनी बढ़ी, मछली पालन बना आजीविका का नया साधनमहात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम से अडबंधा में बने कृषि तालाब से सिंचाई और मछली पालन से किसानों की आय बढ़ी।
- कुलवंत राज की प्राकृतिक खेती की राह ने उन्हें बना दिया कृषि कर्मण पुरस्कार विजेताकुलवंत राज और उनकी पत्नी विजयलक्ष्मी ने प्राकृतिक खेती से आय बढ़ाई, स्वस्थ फ़सलें उगाईं और कई किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।
- Agri Equipments Subsidy: रबी फसल की बुवाई से पहले किसानों को कृषि यंत्र अनुदानरबी फसल की बुवाई से पहले इस राज्य के किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों पर अनुदान मिल रहा है। इसमें हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, बेलर और कई अन्य यंत्र शामिल हैं।
- Pantnagar University के वैज्ञानिकों ने बनाया जीवाणुरोधी प्लास्टिक, अनाज और सब्ज़ियों की पैकिंग अब होगी और सुरक्षितGB Pant University Research: 10 साल की मेहनत से वैज्ञानिकों ने एंटीबैक्टीरियल प्लास्टिक विकसित किया, जो स्वास्थ्य व खाद्य क्षेत्र के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।
- Natural Farming: प्राकृतिक खेती से मिली रेणू बाला को पहचान बनी क्षेत्र की मिसालमहिला किसान रेणू बाला ने प्राकृतिक खेती से कम लागत और अधिक मुनाफ़ा पाया उनकी कहानी किसानों के लिए प्रेरणा बनी।
- विदेशी सब्ज़ियों की खेती से कैसे हो सकती है अच्छी कमाई, जानिए सोनीपत के प्रगतिशील किसान राजेश सेविदेशी सब्ज़ियों की खेती कर हरियाणा के किसान राजेश ने वैज्ञानिक तरीके से लाखों की कमाई की, जो किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।