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सब्जियों की खेती में किया अर्का वेजिटेबल स्पेशल का इस्तेमाल, कीट-रोगों का प्रकोप कम और बढ़ी पैदावार

अर्का वेजिटेबल स्पेशल के उपयोग से किसान रौशन मट्टू की आमदनी में हुआ इज़ाफ़ा

ICAR-IIHR द्वारा बनाए अर्का वेजिटेबल स्पेशल के इस्तेमाल से उडुपी के एक किसान की न सिर्फ़ आमदनी में इज़ाफा हुआ, बल्कि उन्हें कीट व रोग मुक्त, उच्च गुणवत्ता वाली बैंगन की फसल भी प्राप्त हो रही है।

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बैंगन एक ऐसी सब्ज़ी है, जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है और देश के लगभग हर हिस्से के लोग इसका सेवन करते हैं। इसलिए इसकी खेती फ़ायदेमंद होती है और अगर बैंगन अच्छी गुणवत्ता वाला हो तो किसानों को इसकी अच्छी कीमत मिलती है। बैंगन की गुणवत्ता सुधारने के लिए ICAR-IIHR ने एक ख़ास अर्का वेजिटेबल स्पेशल बनाया है। इससे बैंगन की गुणवत्ता तो अच्छी हो ही रही है, साथ ही कीट व बीमारियों का प्रकोप भी कम होता है। इससे किसानों को अधिक उपज प्राप्त हो रही है। उडुपी ज़िले के मट्टू गांव के किसान रौशन मट्टू को वेजिटेबल स्पेशल के इस्तेमाल से बहुत फ़ायदा हुआ।

तस्वीर साभार- IIHR

वैज्ञानिकों की सलाह पर अमल

रौशन मट्टू अपनी आधी एकड़ भूमि पर रबी सीज़न में बैंगन की एक किस्म ‘उडुपी मट्टू गुल्ला बैंगन’ की खेती करते हैं। 2019-20 में भू समृद्धि प्रोजेक्ट के तहत (ICAR-Indian Institute of Horticultural Research) के वैज्ञानिकों ने मट्टू गाँव में अर्का वेजिटेबल स्पेशल का प्रदर्शन किया और इसी दौरान रौशन मट्टू को इसके लाभ के बारे में पता चला। उडुपी मट्टू गुल्ला बैंगन की किस्म हल्के हरे रंग की होती है।

फिर उन्होंने IIHR के वैज्ञानिकों से बातचीत करके इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की और उनसे वेजीटेबल स्पेशल खरीदा। उन्होंने अक्टूबर 2020 में खेत में बैंगन की पौध लगाई और पौधों से पौधों के बीच 2.5 फ़ीट की दूरी व पंक्ति से पंक्ति के बीच 3 फ़ीट की दूरी रखी। उन्होंने ICAR-IIHR के वैज्ञानिकों द्वारा दी गई सलाह और उनके तय सभी मानकों का पालन करते हुए बैंगन की खेती की।

तस्वीर साभार- IIHR

वेजिटेबल स्पेशल का इस्तेमाल

रौशन मट्टू ने मट्टू गुल्ला बैंगन की उपज बढ़ाने के लिए 75 ग्राम अर्का वेजीटेबल स्पेशल को 15 लीटर पानी (5 ग्राम प्रति लीटर की दर) में 1 पाउच शैंपू और 2 मध्यम आकार के नींबू के साथ मिलाकर खेत में चार बार डाला। वह लगातार वैज्ञानिकों के संपर्क में रहे और भू समृद्धि परियोजना के तहत वैज्ञानिक नियमित रूप से उनके खेत का दौरा करते रहे।

उपज में हुई वृद्धि 

रौशन मट्टू को आधे एकड़ खेती से ही 8 टन बैंगन की फसल प्राप्त हुई। करीब 50 किलो की एक बोरी 4 हज़ार रुपये या 80 रुपये प्रति किलो की दर से बाज़ार में इस उपज का दाम उन्हें मिला।

अर्का वेजिटेबल स्पेशल के उपयोग से मिले परिणाम से वह उत्साहित हुए, क्योंकि उन्हें बड़े आकार के आकर्षक रंग वाले बेहतरीन बैंगन प्राप्त हुए और रोग व बीमारियों का प्रकोप भी बहुत कम रहा। इससे उन्हें अधिक उपज प्राप्त हुई और 5-6 महीने के फसल सीज़न में ही उन्हें करीबन साढ़े 6 लाख 40 हज़ार रुपये की आय प्राप्त हुई।

तस्वीर साभार- IIHR

अर्का वेजिटेबल स्पेशल इस्तेमाल करने से पहले उन्हें करीब 5,36,000 रुपये की आमदनी होती थी यानी अर्का वेजिटेबल स्पेशल का उपयोग करने के बाद उन्हें 1,04,000 रुपये अतिरिक्त प्राप्त हुए। अच्छी गुणवत्ता के कारण बाज़ार में आसानी से बैंगन की अच्छी कीमत मिल जाती है और फसल भी अधिक प्राप्त हो रही है। हल्के हरे रंग के उडुपी मट्टी गुल्ला बैंगन की बेंगलुरू, मुंबई और खाड़ी देशों के स्थानीय बाज़ार में अच्छी मांग है। इसकी ऊंची कीमत मिलती है। रौशन मट्टू को खेतों में वेजिटेबल स्पेश का छिड़काव करता देख आसपास के अन्य किसानों को भी इसकी जानकारी मिली और अब वह भी उपज बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित हुए हैं।

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