खेती में महिलाओं की भागीदारी पहले की तुलना में काफ़ी बढ़ी है। खेती से जुड़े काम में सबसे अधिक महिलाएं बिहार की हैं। यहां कृषि से जुड़े कामों में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 50 फ़ीसदी है यानी पुरुषों के बराबर। खेती के क्षेत्र में महिलाएं न सिर्फ़ पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, बल्कि अपनी काबिलियत के दम पर सफलता के नए कीर्तिमान रचकर दूसरों के लिए मिसाल बन रही हैं। एक ऐसी ही महिला किसान हैं सुषमा गुप्ता। सुषमा ने मशरूम को अपने गाँव में लोकप्रिय बना दिया है। जहां गाँव के लोगों को पहले मशरूम के बारे में जानकारी नहीं थी, सुषमा ने मशरूम की खेती (Mushroom Farming) कर कई किसानों को प्रेरित किया है।
सुषमा न सिर्फ़ मशरूम की खेती कर रही हैं, बल्कि अनोखे अंदाज़ में इसकी मार्केटिंग और लोगों को सेहत के प्रति जागरुक करके अच्छा मुनाफ़ा भी कमा रही हैं।
कौन हैं सुषमा गुप्ता?
सुषमा गुप्ता बिहार के औरंगाबाद ज़िले के छोटे से गाँव कर्मा मसूद की रहने वाली हैं। वो हमेशा से कुछ नया करना चाहती थीं। औरंगाबाद के कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करने के बाद उन्हें मशरूम की खेती के बारे में पता चला। फिर 2013 में उन्होंने मशरूम की खेती शुरू कर दी। उस वक़्त उनके क्षेत्र में मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation) बहुत लोकप्रिय नहीं थी। इसलिए सुषमा को शुरुआत में बाज़ार की उपलब्धता को लेकर दिक्कत का सामना भी करना पड़ा। मगर जल्द ही ये समस्या दूर हो गई। सुषमा ने औरंगाबाद के कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (ATMA) से मार्केटिंग और प्रसार-प्रचार संबंधी सलाह ली। फिर क्या था, जल्द ही उनकी फसल और उत्पाद की मांग बढ़ने लगी।

मशरूम से बनाए ढेर सारे उत्पाद
मशरूम बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं। ऐसे में सुषमा ने उन्हें बर्बाद होने से बचाने के लिए मशरूम के बाय-प्रॉडक्ट्स (Mushroom By-Products) बनाने शुरू कर दिए। सुषमा मशरूम से आटा, पापड़, जैम, जेली, अचार, बड़ी और हेल्थ टॉनिक तैयार करती हैं। शुरुआत में तो वो इन चीज़ों का इस्तेमाल खुद ही करती थीं और रिश्तेदारों को देती थीं। उनसे मिली अच्छी प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य लाभ के बाद, उन्होंने इसे दूसरों को भी बेचना शुरू कर दिया। जल्द ही वो अपने इलाके में मशहूर हो गईं और लोग उन्हें ‘डॉक्टर’ कहने लगे।

मार्केटिंग में Health Factor को रखा सबसे ऊपर, लोगों को भी किया जागरूक
उन्होंने लोगों को बताना शुरू किया कि मशरूम और मशरूम से बने उत्पाद सेहत के लिए कितने फ़ायदेमंद होते हैं। सुषमा ने मशरूम के स्वास्थ्य लाभों के बारे में लोगों को जागरुक करके अपने उत्पाद की मार्केटिंग की और वो सफल रहीं। जल्द ही लोकप्रियता के साथ ही उन्हें अच्छी आमदनी भी होने लगी।
मशरूम की खेती: काम को मिला सम्मान और सराहना
सुषमा गुप्ता ने औरंगाबाद स्थित कृषि विज्ञान केंद्र और ATMA से ट्रेनिंग लेने के बाद ही मशरूम की खेती की शुरुआत की। अब वो अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर सफल किसान बन चुकी हैं। कई सरकारी संस्थाओं, कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों ने उनके काम को मान्यता देने के साथ ही कई अवसरों पर उन्हें सम्मानित भी किया है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

ये भी पढ़ें:
- What is Precision Farming: स्मार्ट तकनीक से Agriculture Revolution! क्यों ये है भविष्य की खेती? पढ़ें डीटेल मेंप्रिसिजन फार्मिंग (Precision Farming) एक ऐसी आधुनिक तकनीक जो GPS, सेंसर, ड्रोन और AI का इस्तेमाल करके खेती को ‘इंच-इंच सटीक’ बना देती है।
- गुरेज़ घाटी में खेती और बागवानी को मिली नई पहचान, MIDP और HADP Schemes से आई हरियाली की बहारगुरेज़ घाटी में MIDP और HADP Schemes से खेती में आई क्रांति, किसान अब उगा रहे हैं सेब, चेरी और सर्दियों की सब्ज़ियां।
- 10 Years Of Digital India : e-NAM के ज़रीये किसानों की बदल रही जिंदगी, नई टेक्नोलॉजी से आई डिजिटल क्रांतिडिजिटल क्रांति (10 Years Of Digital India) ने किसानों की जिंदगी को कैसे बदला है? ई-नाम (e-NAM) एक ऐसी ही क्रांतिकारी पहल है, जिसने कृषि व्यापार (Agricultural Business) को बिचौलियों के चंगुल से मुक्त करके किसानों को सीधा बाजार से जोड़ दिया है।
- ‘Ek Bagiya Maa Ke Naam’ Project: मध्य प्रदेश सरकार की मदद से महिलाओं को मिलेगी आर्थिक आज़ादी‘एक बगिया मां के नाम’ (‘Ek Bagiya Maa Ke Naam’ Project) नाम की इस योजना के तहत मध्य प्रदेश की हज़ारों महिलाओं को अपनी ज़मीन पर फलदार पौधे लगाने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और प्रदेश हरा-भरा बनेगा।
- VIV ASIA Poultry Expo 2026: भारत में पहली बार होने जा रहा है लाइव स्टॉक एक्सपो का महाकुंभ!दुनिया के सबसे बड़े लाइव स्टॉक और पोल्ट्री एक्सपो (The world’s largest livestock and poultry expo) में से एक, VIV ASIA, (VIV ASIA Poultry Expo 2026) अब भारत में होने जा रहा है। ये पहली बार है जब ये प्रतिष्ठित एक्सपो थाईलैंड और यूरोप से निकलकर भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
- हेम्प वेस्ट से बन रही बायो-प्लास्टिक, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रहा नया सहाराहेम्प वेस्ट से बन रही बायो-प्लास्टिक (Bio-plastic being made from hemp waste) दे रही पर्यावरण को राहत और गांवों को रोज़गार, संभल में शुरू हुआ हरित नवाचार।
- 200 Years of Assam Tea: स्वाद, विरासत और इनोवेशन संग न्यूयॉर्क में जश्न, धूमधाम से मना असम चाय का द्विशताब्दी समारोहन्यूयॉर्क में समर फैंसी फूड शो 2025 (Summer Fancy Food Show 2025) में असम चाय के 200 साल पूरे (200 Years of Assam Tea) होने का भव्य उत्सव मनाया।
- National Turmeric Board Inaugurated: किसानों को मिली बिचौलियों से मुक्ति, अब दुनियाभर में धाक जमाएगी ‘निज़ामाबाद की हल्दी’केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Cooperation Minister Amit Shah) ने ‘राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड’ (National Turmeric Board) का उद्घाटन किया। ये कदम दशकों से हल्दी किसानों की मांग को पूरा करने वाला साबित होगा।
- गुना का गुलाब अब महकेगा पेरिस और लंदन तक – गुलाब की खेती से किसानों को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय बाज़ारगुलाब की खेती से गुना के किसान अब पेरिस और लंदन में गुलाब भेजने को तैयार हैं। गुना का गुलाब देगा अंतरराष्ट्रीय पहचान।
- Obesity in India: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में की ‘कम तेल,अच्छी सेहत’ की अपील, FSSAI ने दिये मोटापा कम करने के ज़बरदस्त टिप्स!मोटापे की बढ़ती समस्या (Obesity in India) पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी मुहिम शुरू करने का आग्रह किया है। यह सिर्फ एक सुझाव नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसमें हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है। साथ ही, FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) और AIIMS की विशेषज्ञ डॉ. स्वप्ना चतुर्वेदी ने स्वस्थ खानपान के ऐसे ऑप्शन सुझाए हैं, जो न सिर्फ आसान हैं बल्कि सेहत के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं।
- डोंडुबाई हन्नू चव्हाण जिन्होंने अपनाई एकीकृत कृषि प्रणाली और बदल दी ज़िंदगीएकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर डोंडुबाई चव्हाण ने खेती की तस्वीर बदली, कम ज़मीन में हासिल की लाखों की कमाई और सम्मान।
- Agri Infra Fund (AIF): किसानों और उद्यमियों के सपनों को कृषि इंफ्रा फंड दे रहा नई उड़ान, जानिए कैसे करें अप्लाईकृषि अवसंचना कोष (Agri Infra Fund – AIF) के जरिए सरकार किसानों, एग्री-उद्यमियों, FPOs (किसान उत्पादक संगठनों) और कृषि व्यवसायियों को वित्तीय सहायता देकर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद कर रही है।
- DialogueNEXT 2025: विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन, CIMMYT और बोरलॉग संस्थान के साथ किसानों से होगा संवाद, बढ़ेगी विज्ञान की रफ्तार!DialogueNEXT 2025 का आयोजन ICAR, विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन (World Food Prize Foundation), CIMMYT और बोरलॉग इंस्टीट्यूट (Borlaug Institute) के साथ मिलकर 8-9 सितंबर 2025 में किया जा रहा है।
- Agri Stack: ‘किसान पहचान पत्र’ से लेकर किसानों का नया डिजिटल साथी Multilingual AI Chatbot के बारें में अहम बातेंएग्री स्टैक (Agri Stack) भारत सरकार की एक डिजिटल पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को तकनीक के जरिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। भारत सरकार की ‘एग्री स्टैक’ (‘Agri Stack’) पहल के तहत एक मल्टीलिंगुअल AI चैटबॉट लॉन्च (Multilingual AI chatbot) किया गया है, जो किसानों को उनकी भाषा में सलाह देता है।
- प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना सप्ताह 1 जुलाई से आरंभ, इस ख़रीफ़ सीजन में अपनाएं PMFBY का सुरक्षा कवचख़रीफ़ 2025 के लिए फ़सल बीमा पंजीकरण शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना से फ़सल और किसान दोनों होंगे सुरक्षित।
- बुरहानपुर में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत कृषि सखियां बनीं गांव की नई कृषि मार्गदर्शकराष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन से जुड़कर कृषि सखियां गांवों में प्राकृतिक खेती का ज्ञान फैला रही हैं और महिला किसानों को सशक्त बना रही हैं।
- Cloud Farming: क्लाउड फ़ार्मिंग आसमान से फ़सलों को पानी देने का एक नया तरीकाक्लाउड फ़ार्मिंग (Cloud Farming) एक तकनीक है जिससे कोहरे, धुंध और ओस जैसे अदृश्य जल स्रोतों को इकट्ठा कर सूखे क्षेत्रों में पानी जुटाया जाता है।
- Red Flour Beetle: अनाज का दुश्मन नंबर-1 ‘लाल आटा बीटल’ से बचाव के लिए IARI ने टेस्ट डेवलप किया‘लाल आटा बीटल’ (Red Flour Beetle) भंडारित अनाज को अंदर से खोखला कर देते हैं। ये कीट न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में किसानों और अनाज भंडारकर्ताओं (grain storekeepers) के लिए एक बड़ी समस्या बने हुए हैं।
- Improved Varieties Of Soybean: जीनोम एडिटिंग से तैयार की जाएंगी सोयाबीन की उन्नत किस्में, कृषि मंत्री का ऐलानभारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (Indian Soybean Research Institute) में आयोजित बैठक की। अब जीनोम एडिटिंग (Genome Editing) के ज़रीये से सोयाबीन की उन्नत किस्मों (Improved Varieties of Soybean) को उगाया जाएगा।
- समुद्र का रंग-बिरंगा जादूगर Clownfish: CMFRI ने क्लाउनफिश के Captive Breeding में सफलता पाईभारत के केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (Central Marine Fisheries Research Institute) यानि CMFRI ने हाल ही में क्लाउनफिश (Clownfish) के बंदी प्रजनन (Captive breeding) में सफलता हासिल की है। इससे न सिर्फ़ समुद्री सजावटी मछलियों (marine ornamental fishes) के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव भी कम होगा।