अब स्मार्टफ़ोन लगाएगा मिट्टी की सेहत का पता, खेती करना होगा आसान

मृदा स्वास्थ्य जांच की आधुनिक तकनीक में इमेज़ एनालिसिस के जरिये कम समय में मिट्टी की सेहत की सटीक जानकारी किसानों को मिल सकती है।

soil health smartphone technique ( मिट्टी की सेहत )

किस मिट्टी में कौन सी फसल ज्यादा उपज देगी, उसमें कितनी सिंचाई की ज़रूरत है, इसके लिए मिट्टी की सेहत का पता होना किसानों के लिए ज़रूरी है। उच्च गुणवत्ता की मिट्टी होगी तो स्वस्थ पेड़ होंगे और स्वस्थ पेड़ों की अच्छी उपज से अच्छा उत्पादन होगा। कई किसान फसल लगाने से पहले मिट्टी की जांच कराते हैं, ताकि उन्हें अच्छी पैदावार मिल सके। लेकिन हर छोटे और मध्यम किसान के लिए अपने खेतों की मिट्टी की जांच कराना संभव नहीं होता। ऐसे में मृदा स्वास्थ्य जांच की एक आधुनिक तकनीक इन किसानों के काम आ सकती है, जिसमें मोबाइल फ़ोन के ज़रिए मिट्टी की सेहत का पता लगाया जा सकता है।

देश में सभी किसानों के पास मिट्टी की उर्वरता के उचित परीक्षण के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों की एक टीम इस बात पर शोध कर रही है कि कैसे स्मार्टफ़ोन के कैमरे को इस दिशा में एक प्रभावशाली और आसानी से उपलब्ध विकल्प में बदला जा सकता है। डाउनटूअर्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्च टीम ने इमेज आधारित सॉयल ऑर्गेनिक मैटर (SOM) का अहम अध्ययन किया है। शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया यह मोबाइल ऐप तस्वीर के ज़रिए मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ और मिट्टी की उर्वरता की स्थिति का तेजी से अनुमान लगाने में प्रभावी है।

कृषि-जलवायु क्षेत्रों की मिट्टी पर परीक्षण

भारत के पश्चिम बंगाल में किए गए इस अध्ययन में राज्य के तीन कृषि-जलवायु क्षेत्रों से मिट्टी के नमूनों का इस्तेमाल किया गया। यह तकनीक मिट्टी के रंग में अंतर का विश्लेषण करके, SOM स्थिति को मापने के लिए उन्नत मॉडलिंग का उपयोग करती है। इस तकनीक के ज़रिए मिट्टी के पोषक स्तर, मिट्टी की गुणवत्ता और उसके स्वास्थ्य से संबंधित अन्य जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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अब स्मार्टफ़ोन लगाएगा मिट्टी की सेहत का पता, खेती करना होगा आसान

आधुनिक तकनीक बनाम पारंपरिक तरीका

मिट्टी की सेहत का पता लगाने में पारंपरिक तरीकों की तुलना में इमेज एनालायसिस की आधुनिक तकनीक ज़्यादा प्रभावी है। पारंपरिक तरीकों की पहुंच सीमित है। प्रयोगशाला में शोध के लिए महंगे उपकरण और मिट्टी के नमूनों के संग्रह और संचालन में शामिल चीजों के लिए बहुत श्रम और समय की आवश्यकता होती है। वहीं इमेज एनालायसिस के तहत एक साधारण स्मार्टफ़ोन मिट्टी की तस्वीर के आधार पर तेजी और विश्वसनीय आकलन कर सकता है।

विशेषज्ञों की क्या है राय

अफ्रीकन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट न्यूट्रिशन के डॉ कौशिक मजूमदार ने कहा कि SOM तकनीक, डेटा प्राप्त करने का एक आसान तरीका है। इसके उपयोग से फसल-उत्पादक क्षेत्रों में अधिक सटीक, डेटा-संचालित कृषि को आगे बढ़ाने के नए अवसर खुलते हैं।

तेजी से पूर्वानुमान लगाने में है सक्षम

यह तकनीक SOM के मानकों का तेजी से पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है। मशीन लर्निंग (ML) के माध्यम से रिसर्च टीम अपने मॉडल को किसी भी त्रुटि-प्रेरक संकेतों को पहचानने और इसकी सटीकता में लगातार सुधार कर रही है।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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