भिंडी का नाम सुनते ही, हरे रंग की भिंडी दिमाग में आती है। इसकी वजह भी लाज़मी है क्योंकि बाज़ार में इसी रंग की भिंडी मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है भिंडी लाल रंग की भी हो सकती है। जी हां, सुनने में भले ही आपको ये अटपटा लग रहा हो, लेकिन मध्य प्रदेश के एक किसान ने ये करिश्मा कर दिखाया है। इस लेख में आगे आप जानेंगे कि क्यों लाल भिंडी, अन्य भिंडी की तुलना में ज़्यादा फ़ायदेमंद है, किसान कैसे इससे अधिक मुनाफ़ा कमा सकते हैं और बाज़ार में इस भिंडी की कीमत कितनी रहती है।
भोपाल के खजूरी कलां गाँव के रहने वाले किसान मिश्रीलाल राजपूत ने अपने खेत में लाल भिंडी की फसल लगाई है। वो आधे एकड़ की ज़मीन पर लाल भिंडी की खेती करते हैं। आज वो अपने गाँव के साथ-साथ अन्य राज्यों के किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।
किसी भी तरह की मिट्टी में उपज संभव
कुछ समय पहले किसान मिश्रीलाल राजपूत बनारस के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ वेजिटेबल रिसर्च सेंटर में गए थे। यहीं से उन्हें भिंडी की इस किस्म के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद खूद उन्होंने लाल भिंडी की खेती करने का फैसला लिया। मिश्रीलाल राजपूत ने संस्थान से एक किलो लाल भिंडी के बीज 2400 रुपये में खरीदे। फिर इन बीजों को अपनी आधे एकड़ की ज़मीन पर रोप दिया।
मिश्रीलाल राजपूत ने किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत में बताया कि सामान्य हरी भिंडी की अपेक्षा इसकी फसल जल्दी पक जाती है। एक बार रोपने के बाद लाल भिंडी की उपज चार से पांच महीनों में तैयार हो जाती है। इसकी खास बात यह है कि लाल भिंडी की खेती किसी भी तरह की मिट्टी में करना संभव है। एक पौधे में करीब 50 भिंडी तक पैदा हो जाती है।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी फ़ायदेमंद
कृषि वैज्ञानिक आए दिन कृषि से जुड़े कई प्रयोग करते रहते हैं, जिससे उत्पादन की क्षमता के साथ-साथ आमदनी में भी इज़ाफ़ा हो। इन्हीं प्रयोगों की देन है लाल भिंडी की खेती में कैसे किसान को सक्षम बनाया जाए। ‘काशी लालिमा’ नाम की इस किस्म को तैयार करने में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान को 8 से 10 साल का वक़्त लगा। लाल भिंडी हृदय रोग, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज़ के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है।
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3 से 4 गुना ज़्यादा कीमत
लाल भिंडी की खेती से किसान कई गुना मुनाफ़ा कमा सकते हैं। बाज़ार में इस भिंडी की कीमत सामान्य भिंडी की अपेक्षा 3 से 4 गुना ज़्यादा है। लाल भिंडी को बेचकर किसान 300 से 400 रुपये प्रति किलो की आमदनी कर सकते हैं। इस लाल भिंडी की फसल को नुकसान होने की संभावना भी कम रहती है। लाल रंग होने के कारण कीट इसकी ओर कम आकर्षित होते हैं। दरअसल, हरे रंग की सब्जियों में क्लोरोफिल की मात्रा अधिक रहती है, जिसे कीट पसंद करते हैं लेकिन इस भिंडी का रंग लाल होने की वजह से इसपर कीट नहीं लगते।
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