कृषि क्षेत्र में तेज़ी से बदलाव हो रहा है। किसान तकनीक से लेकर खेती के उन्नत तरीकों को अपना रहे हैं। टेक्नोलॉजी और डिजिटलाइजेशन का असर खेती-किसानी पर भी साफ देखा जा सकता है। किसान इस बदलाव को अपना रहे हैं और अपनी खेती को सुगम बना रहे हैं। आधुनिक तकनीक से खेती को बढ़ावा देने के मकसद से देश के वैज्ञानिक कृषि ऐप्स विकसित करते रहे हैं। इन कृषि ऐप्स का उद्देश्य किसानों को ऐसी जानकारियां मुहैया कराना है, जिससे वो अपनी खेती को बेहतर करने के साथ ही अच्छा मुनाफ़ा हासिल कर सकें। इस लेख में हम आपको एक ऐसे ही लेटेस्ट मोबाइल ऐप के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आपके पास कृषि यंत्र है तो ये कृषि ऐप आपके काम की है। जानिए इस ऐप के बारे में।
अतिरिक्त आमदनी का ज़रिया
इस ऐप का नाम एग्रीकल्चर मशीनरी रेंट कैलकुलेटर (Agriculture Machinery Rent Calculator) है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना (ICAR Research Complex for Eastern Region, Patna) ने इस ऐप को तैयार किया है। ये ऐप कृषि यंत्रों के किराए मूल्य तय करने में किसानों की मदद करेगा। यानी उन्हें अपनी मशीन को किस दर पर किराए पर देना चाहिए, इसके बारे में जानकारी देगा। अपने कृषि यंत्रों को किराये पर देकर किसान अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं।
कैसे काम करता है एग्रीकल्चर मशीनरी रेंट कैलकुलेटर ऐप?
ये ऐप आपको आसानी से गूगल प्ले स्टोर में मिल जाएगा। प्ले स्टोर में ये ऐप Ag. Machinery Rent Calculator के नाम से है। इसे डाउनलोड करना भी आसान है। सर्च बॉक्स में नाम डालें और इंस्टॉल कर लें। ये आपसे कोई रजिस्ट्रेशन या फोन नंबर नहीं मांगेगा। डाउनलोड करते ही आपके सामने एक विंडो खुल जाएगी। उसमें लिखा आएगा मशीन किराये पर देने की रकम की गणना करें। नीचे आपको अपनी मशीन का विवरण भरना होगा।
मशीन केटेगरी में ट्रैक्टर, पॉवर टिलर, रोटावेटर, कल्टीवेटर, तवेदार हल (3 तवा), पॉवर हैरो, तवेदार हैरो (डिस्क हैरो), सब सॉइलर, ज़ीरो सीड-फ़र्टिलाइज़ार ड्रिल, सीड-फ़र्टिलाइज़ार ड्रिल, हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, आलू बुवाई मशीन (2 कतारी), रैज्ड बेड प्लांटर, धान रोपने की मशीन राइस ट्रांसप्लांटर(सेल्फ प्रोपेल्ड, राइडिंग टाइप या मानव निर्देशित 4 कतारी), गन्ना रोपने की मशीन, रोटरी मल्चर, स्ट्रॉ बेलर, स्ट्रॉ रीपर, रीपर (मानव निर्देशित, ट्रैक्टर चलित), रीपर बाइंडर (सेल्फ प्रोपेल्ड), पॉवर थ्रेशर, आलू खुदाई मशीन, ब्रश कटर, नैपसैक स्प्रेयर (बैटरी चलित), बूम स्प्रेयर, डीज़ल पंप सेट, पोस्ट होल डिगर, पॉवर वीडर (पेट्रोल चलित), लेज़र लेवेलर, कोनो वीडर और केज व्हील जैसी मशीनों के विकल्प हैं।
ध्यान दें ये बातें
अपनी मशीन का चुनाव करने के बाद पूछी गई अन्य जानकारियां जैसे मशीन का दाम, ब्याज दर, ईंधन की खपत (लीटर/घंटा) और ईंधन दर (रुपये/लीटर) लिख दें। इसके बाद ‘गणना करें’ बॉक्स पर क्लिक कर दें। क्लिक करते ही प्रति घंटे के हिसाब से कुल परिचालन लागत का ब्योरा आपके सामने आ जाएगा। ध्यान रहे कि बेहतर परिणाम के लिए मशीन की लागत, ईंधन की खपत, ईंधन की कीमत जैसे विवरण सटीक भरें।
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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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