इस महिला ने हल्दी की खेती से संवारी अपनी घर-गृहस्थी, 15 साल की उम्र में हुई शादी, पति हुए अचानक लापता

अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली पोकेन बोमजेन 2017 में स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं। कैसे उन्होंने हल्दी की खेती की बदौलत अपने घर की ज़िम्मेदारी संभाली, जानिए इस लेख में।

हल्दी की खेती

अरुणाचल प्रदेश के कडी गांव की रहने वाली एक महिला ने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की एक ऐसी मिसाल पेश की है, जिसने कई अन्य महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। कम उम्र में ही पति के जाने के बाद पोकेन बोमजेन के सामने मुश्किलों का पहाड़ खड़ा हो गया। मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अब हल्दी की खेती कर आर्थिक और सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार की देखभाल कर रही हैं।

कम उम्र में शादी

अरूणाचल की पोकेन बोमजेन की 15 साल की उम्र में ही शादी हो गई थी। उनके पति सशस्त्र सीमा बल (Sashastra Seema Bal, SSB) में हेड कॉन्स्टेबल थे। 2009 में नौकरी से लौटते समय अचानक वो लापता हो गए। उनका कुछ पता नहीं चला। उसके बाद पोकेन पर बच्चों और परिवार की ज़िम्मेदारी आ गई।

कठिन हालातों में भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और परिवार चलाने के लिए 2017 में वह स्वयं सहायता समूह की से जुड़ीं। उन्होंने गाँव की अन्य महिलाओं को भी स्वयं सहायता समूह का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। अरुणाचल राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (ArSRLM) के तहत इंटरनल कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन बन गईं। हल्दी की खेती और प्रोसेसिंग व्यवसाय से उन्हें अच्छी आमदनी होने लगीं।

हल्दी की खेती turmeric farming and processing
तस्वीर साभार: Ministry of Rural Development

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लेख पढ़कर शुरू की हल्दी की खेती

पोकेन बोमजेन को पढ़ने का शौक है। मैगज़ीन में हल्दी के फायदों के बारे में एक लेख पढ़ने के बाद पोकेन ने हल्दी की खेती शुरू की। व्यावसायिक खेती के लिए उनके पास ज़्यादा भूमि नहीं थी तो उन्होंने अपने गार्डन के छोटे से हिस्से में ही हल्दी उगाना शुरू कर दिया।

हल्दी को करती हैं प्रोसेस्ड, किराए पर देती हैं मशीन

पोकेन बोमजेन की मेहनत और लगन को देखकर उनके भाई ने अपनी आधा एकड़ भूमि उन्हें भेंट स्वरूप दे दी। फिर उन्होंने हल्दी की खेती का अपना रकबा बढ़ा लिया। फिर स्वयं सहायता समूह से उन्होंने 32 हज़ार रुपये का लोन लिया। इससे उन्होंने हल्दी पीसने की मशीन खरीदी। अब वह न सिर्फ़ प्रोसेस्ड हल्दी से कमाई कर रही हैं, बल्कि हल्दी पीसने की मशीन को किराये पर देकर अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त कर रही हैं।

इस महिला ने हल्दी की खेती से संवारी अपनी घर-गृहस्थी, 15 साल की उम्र में हुई शादी, पति हुए अचानक लापता

हल्दी की खेती turmeric farming and processing
तस्वीर साभार- asiafarming

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विधवाओं की कर रहीं मदद

पोकेन बोमजेन महिलाओं को विधवा पेंशन स्कीम के बारे में भी जागरुक कर रही हैं। इस स्कीम का लाभ उठाने में मदद कर रही हैं। इंटरनल कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन में पोकेन बोमजेन एक जाना-माना नाम हैं। समूह को संगठित कर DAY-NRLM के दायरे में लाने में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है।

हल्दी हमारे देश की मुख्य मसाला होने के साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर है। इसलिए इसकी बहुत मांग रहती है। मगर सूखी हल्दी बेचने पर किसानों को अच्छी कमाई नहीं होती है। इसलिए खुदाई करके, सुखाकर इसका भंडारण किया जाता है। साथ ही हल्दी का पाउडर बनाकर बेचने पर अच्छी आमदनी होती है। हल्दी की फसल 7 से 10 महीने में तैयार होती है।

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